हल्दी-मेहंदी लगे दूल्हा-दुल्हन पहुंचे परीक्षा केंद्र, मांएं भी दे रही थीं परीक्षा

हल्दी और मेहंदी लगाए दूल्हा-दुल्हन को घर की चारदीवारी से बाहर जाने की इजाजत नहीं होती। लेकिन शिक्षा के महत्व ने रीति-रिवाजों पर जीत हासिल कर लोगों को जागरूक किया। मध्य प्रदेश के अशोकनगर से खबर

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MP News: हल्दी लगे दूल्हा-दुल्हन को घर की सीमा से बाहर जाने की अनुमति नहीं होती। लेकिन, समय के साथ शिक्षा के महत्व ने लोगों को जागरूक किया है। मध्य प्रदेश के अशोकनगर से उदाहरण सामने आया जहां बारात लेकर दूल्हा-दुल्हन हल्दी-मेहंदी लगे पहले परीक्षा देने एग्जाम सेंटर पहुंचे। परीक्षा केंद्र पर पहुंची माताएं भी परीक्षा दे रही थीं। वहीं उनके परिजन बच्चों को संभालते हुए दिखे। यह नजारा अशोकनगर के शासकीय पीएम उत्कृष्ट महाविद्यालय में बीए फाइनल की परीक्षा के दौरान देखने को मिला। 

पहले एग्जाम देने पंहुचा दूल्हा, फिर बारात लेकर हुआ रवाना... 

पहाड़ा गांव निवासी प्रहलाद केवट के घर विवाह कार्यक्रम की तैयारी चल रही थी। लेकिन, प्रहलाद बारात रोक पहले बीए फाइनल की परीक्षा देने पहुंचा। परीक्षा के बाद बारात रवाना हुई। प्रहलाद की बारात राजस्थान के छबड़ा के लिए निकली। 

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हल्दी और मेंहदी लगे हाथों से लिखे परीक्षा में उत्तर

वही शाढ़ौरा निवासी अमन अहिरवार के घर भी शनिवार को विवाह कार्यक्रम था। पंगत और मंडप का लेके रिश्तेदारों का जमावड़ा लगा हुआ था। विवाह कार्यक्रम के दौरान अमन पहले परीक्षा देने कॉलेज पहुंचा और फिर अपने विवाह में शामिल हुआ।

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भाभी दे रही थी एग्जाम, देवर कर रहा था बच्चे की देखभाल

अपने दो माह के बच्चे को परीक्षा केंद्र लेकर पहुंची खुशी कुशवाह ने मुश्किल से दी परीक्षा। देवर संग एग्जाम देने आई थी ख़ुशी। तब तक देवर ने बच्चे की देखभाल। बच्चे के रोने पर देवर उसे परीक्षा कक्ष लेकर पहुंचता जहां खुशी बच्चे को एग्जाम देते फीडिंग कराती रही। 

ननद ने संभाला बच्चा 

पिपरई निवासी उजाला अहिरवार का ऐसा ही कुछ किस्सा रहा जहां वह अपने चार माह के नवजात बच्चे को लेकर एग्जाम देने पहुंची। बच्चे की देखभाल के लिए वह अपनी ननद को साथ आई। उजाला एग्जाम देती रही तब तक ननद ने बच्चे को संभाला। परीक्षा के दौरान ही सीढ़ियों पर बैठकर उजाला ने अपने रोते हुए बच्चे को सहलाकर चुप कराया। बच्चे के रोने पर एग्जाम के दौरान उजाला सीढ़ियों पर बैठकर अपने रोते हुए बच्चे को दुलार कर चुप कराती रहीं।

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ध्यान देने वाली बात 

28 केंद्रों पर हुई इस परीक्षा में 1303 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। वहीं 55 शिक्षकों की ड्यूटी लगी जिनमें कई कॉलेज के बाहर से थे। चीटिंग न हो उसके लिए अंदर कोई भी सामान ले जाना वर्जित था। साथ ही मोबाइल और बैग भी बाहर काउंटर पर जमा करवाए गए।

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