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Photograph: (THESOOTR)
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नर्सिंग कॉलेजों (Nursing Colleges) की मान्यता को लेकर गंभीर संकट पैदा हो गया है। राज्य में लगभग 400 नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं, जिसमें 33 नए और 370 पुराने कॉलेज शामिल हैं। इनमें शासकीय और निजी दोनों तरह के कॉलेज हैं।
इंडियन नर्सिंग काउंसिल (Indian Nursing Council) ने 30 सितंबर तक प्रवेश (Admission) की अंतिम तिथि तय की है, लेकिन अब तक इन कॉलेजों को मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल (Madhya Pradesh Nursing Council) से मान्यता नहीं मिल पाई है।
यह स्थिति छात्रों और उनके परिवारों के लिए चिंता का कारण बन गई है, क्योंकि मान्यता प्राप्त कॉलेज में ही शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार होता है। यदि मान्यता न मिल पाई तो बाद में छात्रों को डिग्री (Degree) और नौकरी (Job) से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
प्रवेश प्रक्रिया पर संकट
30 सितंबर तक अंतिम तिथि होने के कारण अब छात्र और अभिभावक मानसिक तनाव (Mental Stress) का सामना कर रहे हैं। उनके लिए यह असमंजसपूर्ण स्थिति है कि क्या वे मान्यता प्राप्त कॉलेजों में प्रवेश लें या नहीं। इस स्थिति में उन्हें यह चिंता हो रही है कि अगर कॉलेज को बाद में मान्यता नहीं मिलती, तो उनका समय और पैसा दोनों बर्बाद हो सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस मुद्दे का हल जल्द नहीं निकला, तो छात्रों के भविष्य पर इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा। छात्र, जो इस समय प्रवेश लेने के लिए तैयार हैं, उन्हें बाद में यह समझने में मुश्किल होगी कि क्यों उनकी पढ़ाई और मेहनत व्यर्थ गई।
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छात्रों और अभिभावकों की चिंता
छात्रों का कहना है कि प्रवेश की अंतिम तिथि नजदीक है, लेकिन नर्सिंग कॉलेज मान्यता की प्रक्रिया लंबी हो गई है। इस स्थिति में वे भी असमंजस में हैं कि क्या उन्हें प्रवेश प्रक्रिया में भाग लेना चाहिए या इंतजार करना चाहिए। कई अभिभावक भी चिंतित हैं कि अगर उनके बच्चे मान्यता प्राप्त कॉलेज में दाखिला लेते हैं और बाद में वह कॉलेज मान्यता प्राप्त नहीं होता, तो क्या होगा?
कई माता-पिता का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों के लिए बहुत मेहनत और पैसा खर्च किया है, और वे नहीं चाहते कि उनका बच्चा ऐसी स्थिति में फंसे, जहां उसकी पढ़ाई और समय बर्बाद हो जाए।
मान्यता की प्रक्रिया और समाधान
मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल (Madhya Pradesh Nursing Council) के चेयरमैन मनोज सरेआम (Manoj Sareyam) ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता देने की प्रक्रिया (Recognition Process) जारी है, और जल्द ही सभी कॉलेजों को मान्यता प्रदान कर दी जाएगी।
उन्होंने छात्रों और अभिभावकों को आश्वस्त किया कि चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उनका कहना है कि इस समस्या का समाधान जल्द ही निकाला जाएगा।
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क्या करें छात्रों और अभिभावक?
इस समय छात्रों और अभिभावकों को संयम बनाए रखना चाहिए और किसी भी तरह की अफवाहों से बचना चाहिए। उन्हें सरकारी अधिकारियों और कॉलेज प्रशासन से संपर्क बनाए रखना चाहिए, ताकि वे मान्यता प्रक्रिया के बारे में ताजे अपडेट प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, छात्रों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वे मान्यता प्राप्त कॉलेजों के प्रवेश में भाग लें।
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