मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाला ( mp nursing scam ) में रडार पर आने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है। पहले कॉलेजों को फर्जी तरीके से मान्यता दी गई। फिर इसकी जांच कर रहे सीबीआई अफसरों ने रिश्वत लेकर कॉलेजों को जांच में सही बता दिया। मामले में कई सीबीआई अफसरों की गिरफ्तारी हुई। कॉलेजों की दोबारा जांच के आदेश भी दे दिए गए।
अब एमपी नर्सिंग कॉलेज घोटाला में अपडेट ( mp nursing scam update ) आया है। डिप्टी कलेक्टर रैंक के अफसर जांच एजेंसियों की रडार पर आ गए हैं। शुक्रवार (31 मई) को 19 डिप्टी कलेक्टर रैंक के अफसरों को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। यह सभी वे अधिकारी है जिन्हें 2022 के बाद नर्सिंग काउंसिल ने जांच टीम में शामिल किया था।
बनाई गलत जांच रिपोर्ट
जिन 19 डिप्टी कलेक्टर रैंक के अफसरों को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है, वे 2022 में विभिन्न क्षेत्रों के एसडीएम थे। 66 अपात्र नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता के लिए इन्होंने गलत जांच रिपोर्ट बनाई थी। नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार अभिषेक दुबे ने बताया कि 17 राजस्व अधिकारी और 19 डिप्टी कलेक्टर को नोटिस जारी करने के लिए जीएडी को पत्र लिखा गया है। नर्सिंग घोटाले में डॉक्टर्स, नर्सेस और तहसीलदारों पर भी शिकंजा कसा गया है।
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नर्सिंग डिप्लोमा कॉलेज की भी होगी जांच
इससे पहले मामले में डिप्लोमा कराने वाले नर्सिंग कॉलेजों की भी जांच कराने के आदेश दिए गए हैं। ऐसे 470 कॉलेजों की जांच होगी। इसके लिए मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने सीबीआई को डिप्लोमा कोर्स कराने वाले कॉलेजों की सूची दे दी है।
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मध्य प्रदेश के नर्सिंग घोटाले में रिश्वत लेने वाले अफसर की गिरफ्तारी के बाद मामले से जुड़े कुल 13 आरोपियों को CBI द्वारा दिल्ली ले जाया गया है।
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