पंजीयन के नाम पर भटका रही मध्य प्रदेश फार्मेसी काउंसिल

मध्य प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के हीलाहवाले से हजारों छात्रों के पंजीयन अटके हुए हैं। डिग्री लेने के बाद छात्र महीनों से चक्कर काटने मजबूर हैं। इसको लेकर सोमवार को एबीवीपी ने प्रदर्शन किया।

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Sanjay Sharma
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Photograph: (the sootr)

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BHOPAL. मध्य प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के हीलाहवाले से हजारों छात्रों के पंजीयन अटके हुए हैं। फार्मेसी की डिग्री लेने के बाद छात्र महीनों से काउंसिल के चक्कर काटने मजबूर हैं। पांच-सात सौ किलोमीटर दूर से छात्र बार-बार काउंसिल आ रहे हैं। इसके बाद भी दस्तावेजी कार्रवाई के नाम पर उन्हें बिना पंजीयन के वापस लौटाया जा रहा है।

टालमटोल की शिकायतों के बाद अब सत्तासीन बीजेपी के आनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने छात्रों के साथ मोर्चा संभाल लिया है। सोमवार को परिषद के कार्यकर्ताओं ने छात्रों के साथ काउंसिल कार्यालय पर प्रदर्शन किया। छात्र और एबीवीपी कार्यकर्ता तीन घंटे तक काउंसिल ऑफिस पर हंगामा करते रहे लेकिन कोई उनकी बात सुनने नहीं आया। 

पंजीयन बिना रोजगार से दूर 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) महानगर मंत्री शिवम जाट के अनुसार फार्मेसी काउंसिल जांच और अन्य प्रक्रिया के नाम पर पंजीयन में अड़ंगा डाल रही है। इस वजह से डिग्री हासिल करने के बाद भी छात्र काम शुरू कर पा रहे हैं न ही उन्हें निजी कंपनियों में नौकरी मिल रही है। प्रदेश में करीब साल भर में सैकड़ों ऐसे छात्र भटक रहे हैं जिनके पंजीयन नहीं हुए हैं। जबकि वे दस्तावेज, प्रमाण पत्र और फीस भी काउंसिल में जमा करा चुके हैं।

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चक्कर लगाने मजबूर छात्र

छात्र पंजीयन न होने के संबंध में जानकारी लेने काउंसिल कार्यालय पहुंचते हैं तो उन्हें पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने की सफाई देकर लौटा दिया जाता है। काउंसिल की हठधर्मिता के कारण सालभर से छात्र परेशान हैं। इस विषय की जानकारी के बाद सोमवार को काउंसिल अध्यक्ष से छात्र कार्यालय पहुंचे थे लेकिन अध्यक्ष सामने ही नहीं आए। उनकी अनुपस्थिति के चलते तीन घंटे तक छात्रों को बाहर खड़े रहना पड़ा और कार्यवाहक रजिस्ट्रार से मुलाकात करनी पड़ी। 

पारदर्शी हो पंजीयन प्रक्रिया 

एबीवीपी की राष्ट्रीसय फार्मोविजन इकाई के संयोजक अनिकेत शेलके का कहना है फार्मेसी डिग्रीधारी स्वास्थ्य सेवा में अहम योगदान दे सकते हैं। स्वास्थ्य इकाइयों में ऐसे लोगों की कमी है वहीं काउंसिल सालभर से ऐसे डिग्रीधारियों को भटका रही है। ऑनलाइन व्यवस्था के नाम पर पंजीयन रोके जा रहे हैं। संगठन और छात्र काउंसिल की वर्तमान प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध  करने की मांग कर रहे हैं।

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स्थायी रजिस्ट्रार ही नहीं 

आज काउंसिल अध्यक्ष ने जो रुख दिखाया है वह निराश करने वाला है। काउंसिल में लंबे समय से रजिस्ट्रार की पोस्टिंग नहीं की गई है और कार्यवाहक रजिस्ट्रार से काम चलाया जा रहा है। इसके कारण भी व्यवस्था चरमराई हुई है। मध्यप्रदेश फार्मेसी काउंसिल में स्थायी रजिस्ट्रार की पोस्टिंग और पंजीयन प्रक्रिया में हो रही टालमटोल का मामला एबीवीपी सरकार तक बात पहुंचाएगी।समाचार, Bhopal news

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