गड़बड़ी मिलने पर रूक सकता है प्रमोशन, पुलिस मुख्यालय ने मांगी तीन साल की ACR रिपोर्ट

मध्य प्रदेश सरकार ने पुलिस विभाग की पदोन्नति प्रक्रिया को अब एसीआर के आधार पर निर्धारित करेगा। यदि किसी के एसीआर में कोई खराबी रही, तो उसका प्रमोशन अटक सकता है।

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Amresh Kushwaha
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मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य पुलिस विभाग में पदोन्नति के लिए नए नियम लागू किए हैं। 2025 में लागू हुई लोक सेवा पदोन्नति नियम-2025 के तहत, पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू किया गया है। इस प्रक्रिया में विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि प्रमोशन केवल उन्हीं कर्मचारियों को दिया जाए, जिनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) पिछले तीन सालों में सही रही हो।

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जानें क्यों एसीआर है महत्वपूर्ण?

एसीआर, किसी कर्मचारी या अधिकारी की कार्यप्रणाली और व्यक्तिगत आचरण का रिकॉर्ड होती है। यह रिकॉर्ड एक कर्मचारी की पेशेवर कार्यक्षमता, ईमानदारी, समयबद्धता, और कार्य के प्रति समर्पण को दर्शाता है। अब, प्रमोशन प्रक्रिया में एसीआर को मुख्य आधार बनाया गया है। इसका मतलब है कि यदि किसी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी की एसीआर में पिछले तीन वर्षो में कोई खामी पाई जाती है, तो उस कर्मचारी का प्रमोशन रुक सकता है।

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एसीआर से जुड़ी समस्याएं

पिछले कुछ वर्षो में, 15 हजार से ज्यादा पुलिस कर्मियों को कार्यवाहक पदोन्नति दी गई थी। यह पदोन्नति 2021 तक की एसीआर पर आधारित थी। लेकिन अब, नई नियमावली के तहत 2024 तक की एसीआर पर प्रमोशन की प्रक्रिया निर्भर करेगी। इसका मतलब है कि यदि 2021 के बाद से किसी भी पुलिस अधिकारी की एसीआर में कोई कमी आई है, तो उसे पदोन्नति में रुकावट का सामना करना पड़ सकता है।

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पुलिस मुख्यालय ने मांगी एसीआर रिपोर्ट

पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) ने सभी पुलिस इकाइयों के प्रमुखों से 2023-24 की एसीआर की रिपोर्ट मांग ली है। इसके लिए स्पेशल डीजी प्रशासन आदर्श कटियार (Special DG Administration Adarsh Katiyar) ने सभी एसपी और कमांडेंट्स को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ पुलिस इकाइयों ने अभी तक अपनी एसीआर पीएचक्यू में नहीं भेजी है, जिससे पदोन्नति प्रक्रिया में देरी हो रही है। इस देरी को रोकने के लिए, उन्होंने सभी लंबित एसीआर को अगले 7 दिनों में भेजने की सूचना दी है।

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पदोन्नति प्रक्रिया में हो रही देरी

जैसा कि बताया गया, पीएचक्यू के पास अभी तक यह जानकारी नहीं है कि किस जिले में कितनी एसीआर लंबित हैं। यही कारण है कि पदोन्नति की प्रक्रिया में बाधाएं आ रही हैं। अधिकारियों से अपेक्षाएँ की जा रही हैं कि वे जल्द से जल्द सभी लंबित रिपोर्ट्स को भेजें, ताकि प्रमोशन प्रक्रिया समय पर पूरी हो सके।

प्रमोशन के नियम

नई नियमावली के तहत, अब केवल उन अधिकारियों और कर्मचारियों को पदोन्नति दी जाएगी, जिनकी पिछले तीन सालों की एसीआर अच्छी रही होगी। जो अधिकारी या कर्मचारी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने में असफल रहे हैं या जिनकी एसीआरखराब है, वे प्रमोशन से वंचित रह सकते हैं।

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