फिर विरासत और वंशवाद के बीच खड़ी मध्यप्रदेश की सियासत, कितनी तैयार है नई पौध?

मध्यप्रदेश में राजनीति वंशवाद की ओर बढ़ रही है, जहां नेता अपने बच्चों को सत्ता और खेल संघों में सक्रिय कर रहे हैं। ताजा उदाहरण केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया का है, जो एमपीसीए अध्यक्ष पद पर चुनावी संघर्ष में हैं।

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Sandeep Kumar
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बाएं से दाएं महाआर्यमन सिंधिया, कार्तिकेय सिंह चौहान, अभिषेक भार्गव

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BHOPAL. मध्यप्रदेश की सियासत एक बार फिर विरासत और वंशवाद के बीच खड़ी है। सत्ता के गलियारों से लेकर खेल संघों तक नेता पुत्र अब खुद को नए चेहरों के तौर पर पेश कर रहे हैं। ताजा मामला केंद्रीय मंत्री और दिग्गज बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया का है। क्रिकेट की पिच से शुरू हुआ उनका सफर अब एमपीसीए (मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन) के अध्यक्ष पद तक पहुंचने वाला है।

2 सितंबर को होने वाले चुनाव से पहले ही यह अटकलें तेज हैं कि महाआर्यमन निर्विरोध अध्यक्ष बन सकते हैं। इसकी पीछे वजह साफ है। एक तो बीजेपी में ज्योतिरादित्य की पकड़ मजबूत है। वहीं, कैलाश विजयवर्गीय से उनकी पुरानी अदावत भी खत्म हो गई है। अब माना जा रहा है कि क्रिकेट संघ का यह चुनाव महाआर्यमन के बड़े राजनीतिक सफर की बिसात हो सकता है।

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यहां कहानी सिर्फ महाआर्यमन तक सीमित नहीं है। प्रदेश के कई दिग्गज नेता अपने बेटों और बेटियों को सक्रिय राजनीति में उतार चुके हैं। शिवराज सिंह चौहान के कार्तिकेय, गोपाल भार्गव के अभिषेक, नरोत्तम मिश्रा के सुकर्ण, नरेंद्र सिंह तोमर के देवेंद्र प्रताप और प्रबल तक सूची लंबी है।

पढ़िए ये खास खबर...किस तरह नेता पुत्रों के बेटे अपने क्षेत्र में जमीन तैयार करने में जुटे हैं।

1. महाआर्यमन सिंधिया

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इस फेहरिस्त में पहला नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन का ही है। वे अभी ग्वालियर क्रिकेट एसोसिएशन में सक्रिय हैं। दो साल पहले महाआर्यमन ने ग्वालियर में एमपी प्रीमियर लीग सिंधिया कप की शुरुआत की थी। इस लीग को सफल करार दिया जा रहा है। माना जा रहा है कि अब महाआर्यमन में बड़ी जिम्मेदारियां लेने की क्षमता है।

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2. कार्तिकेय सिंह चौहान 

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बड़े कार्तिकेय सिंह चौहान राजनीति में खासे सक्रिय रहते हैं। वे बुधनी, रायसेन और विदिशा क्षेत्र में अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के वक्त जब शिवराज ने बुधनी सीट छोड़ी थी तो कार्तिकेय को वहां चुनाव के लिए सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था, लेकिन फिर बात नहीं बनी। कार्तिकेय अपने क्षेत्र में कई तरह की एक्टिविटीज कराते आए हैं।

3. अभिषेक भार्गव

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दिग्गज विधायक गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव क्षेत्र में खासे सक्रिय रहते हैं। 2023 में माना जा रहा था​ कि पार्टी गोपाल भार्गव की जगह अभिषेक को टिकट देगी, लेकिन अभी अभिषेक को और इंतजार करना होगा। फिलहाल अभिषेक बुंदेलखंड में सक्रिय हैं। कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में अभिषेक ने अपनी दावेदारी वापस ले ली थी। उनका कहना था कि मैं परिवारवाद और वंशवाद के खिलाफ हूं।  

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4. सुकर्ण मिश्रा 

मध्यप्रदेश के पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण कार्यकर्ता हैं। विधानसभा चुनाव के समय उन्होंने कहा था कि पार्टी जहां जिम्मेदारी देगी, वहां काम करूंगा। करैरा और भांडेर उपचुनाव के वक्त सुकर्ण ने पार्टी के लिए काम किया था। अपने पिता की परम्परागत सीट दतिया में वे सक्रिय रहते हैं। सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता बताती है कि वे अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

5. देवेंद्र और प्रबल 

विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के बड़े बेटे देवेंद्र प्रताप (रामू भैया) 2008 से भाजपा के सदस्य हैं। 2014-15 से राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने 2023 में ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी की थी। नरेंद्र के छोटे बेटे प्रबल तोमर भी ग्वालियर में सक्रिय हैं। भाजपा के अभियानों को जनता तक पहुंचाने में भूमिका निभाते हैं। हाल ही में दोनों भाईयों ने मेगा इवेंट के तौर पर प्रो पंजा लीग का आयोजन कराया है। 

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6. मौसम बिसेन 

भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन की बेटी मौसम भी राजनीति में 2004 से एक्टिव हैं। विधानसभा चुनावों में गौरीशंकर बिसेन ने खुद कहा था कि पार्टी चाहे तो उनकी बेटी मौसम को टिकट दे सकती है। बेटी को टिकट दिया तो वे दावेदारी नहीं करेंगे। इसके बाद मौसम ने विधानसभा चुनाव के लिए बालाघाट से दावेदारी पेश की थी। वे प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रही हैं। फिलहाल वे मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग में सदस्य हैं। 

7. तुष्मुल झा 

प्रभात झा के बेटे तुष्मुल ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में सक्रिय हैं। 2023 में उन्होंने कहा था कि चुनाव लड़ना और अपनी पार्टी के लिए योगदान देना हर कार्यकर्ता का सपना होता है। काम करना चाहता हूं। काम कर रहा हूं। पार्टी मौका देगी तो नि:संदेह चुनाव लड़ूंगा। फिलहाल वे मेहनत कर रहे हैं, बाकी काम पार्टी पर छोड़ रखा है। गौरतलब है कि प्रभात बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष से लेकर मध्यप्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। माना जा रहा है कि तुष्मुल झा उनकी विरासत को आगे बढ़ा सकते हैं। 

8. सिद्धार्थ मलैया 

सिद्धार्थ, पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे हैं। सिद्धार्थ कहते हैं, स्कूल में था, तब पापा के लिए प्रचार करता था। इसके बाद भाजपा के लिए करने लगा। पिछले लोकसभा चुनावों और नगरीय निकाय चुनावों में भाजपा का प्रभारी रहा हूं। हालांकि 2023 में बीजेपी ने जयंत मलैया को ही टिकट दिया और वे विधायक बने। हालांकि उनके हिस्से मंत्री पद का ताज नहीं आया। अब सिद्धार्थ भी क्षेत्र में सक्रिय हैं।

9. हर्षवर्धन सिंह 

हर्षवर्धन सिंह दिवंगत बीजेपी नेता नंद कुमार सिंह के बेटे हैं। कुछ वर्ष पहले हर्षवर्धन ने कहा था कि पिता के देहांत के बाद पार्टी ने खंडवा लोकसभा उपचुनाव में टिकट के लिए खुद उनका नाम बढ़ाया था। फिर पार्टी ने ही टिकट काट दिया। इसके बाद से मीडिया में खबरें चलीं कि मैंने चुनाव से दूरी बना ली है। ऐसा नहीं था। मेरा वर्तमान और भविष्य भारतीय जनता पार्टी के साथ है। पार्टी जहां जब भी जो जिम्मेदारी सौंपेगी, एक कार्यकर्ता के तौर पर उसका निर्वहन करूंगा। अभी खंडवा में सक्रिय हूं।

10. मंदार महाजन 

मंदार पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के बेटे मंदार महाजन इंदौर में खासे सक्रिय रहते हैं। 2023 में मंदार महाजन इंदौर की किसी भी सीट से टिकट मांग रहे हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था कि मेरी इच्छा चुनाव लड़ने की है। इंदौर में पार्टी जहां से उचित समझे मैं वहां से चुनाव लड़ सकता हूं। पूरे इंदौर लोकसभा क्षेत्र में मेरी सक्रियता है। मैंने ताई यानी सुमित्रा महाजन का पूरा लोकसभा क्षेत्र देखा है। जब वो चुनाव लड़ती थीं तब भी मैं क्षेत्र में पूरी तरह सक्रिय रहता था। पूरा चुनाव का काम देखता था। जनता के बीच रहता था। 

11. निधि चतुर्वेदी 

निधि, सत्यव्रत चतुर्वेदी की बेटी हैं। सत्यव्रत कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में से एक रहे हैं। लोकसभा के सदस्य और प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। 10 साल तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं। निधि कहती हैं, एक कार्यकर्ता की तरह कई सालों से पार्टी के लिए लगातार काम कर रही हूं। क्षेत्र में काम कर रही हूं। एक अच्छी पॉलिटिकल फैमिली से हूं। महिला, युवा और पढ़ी-लिखी भी हूं। 2018 और 2019 में मैंने पार्टी के लिए काम किया। 2020 के उपचुनाव में मैं कमलनाथ के वॉररूम की इंचार्ज रही हूं।

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