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मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) ने लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग की फूड सेफ्टी आफिसर की भर्ती मामले में 'द सूत्र' का बड़ा असर हुआ है। यह भर्ती 17 साल बाद आई है। इसका एक प्रश्नपत्र केवल अंग्रेजी में कराने का नियम जारी हुआ था। उम्मीदवारों ने इसकी समस्या 'द सूत्र' को बताई और 'द सूत्र' ने उनकी आपत्ति आयोग के साथ ही विभाग स्तर पर भोपाल भी पहुंचाई थी। इसके बाद अब आयोग ने इसमें नियम बदलते हुए स्पष्टीकरण जारी कर दिया है।
पीएससी ने कहा हिंदी में भी होगा पेपर
पीएससी ने इस मामले में मंगलवार को औपचारिक सूचना जारी कर दी। इसमें कहा गया है कि- फूड सेफ्टी आफिसर परीक्षा 2024 के लिए परीक्षा योजना व सिलेबस 23 जनवरी को दिया गया था इसमें प्रश्नपत्र खंड बी केवल अंग्रेजी भाषा में कराने का उल्लेख था। यह परीक्षा हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में आयोजित की जाएगी। खंड बी खाद्य विज्ञान व तकनीकी विषय का हिंदी में पाठ्यक्रम शीघ्र ही आयोग द्वारा वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा।
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इतने पदों के लिए निकली
यह भर्ती 120 पदों के लिए निकली है। इसमें 87 फीसदी कैटेगरी में 106 और 13 फीसदी कैटेगरी में 14 पद शामिल है। अनारक्षित के लिए 28 पद, एससी के लिए 16, एसटी के लिए 28, ओबीसी के लिए 38 और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए 10 पद है। इसके लिए आवेदन 28 मार्च से 27 अप्रैल तक हो सकेंगे।
पेपर का सबसे ज्यादा अंक का हिस्सा केवल अंग्रेजी में था
इसमें सबसे गंभीर मुद्दा था कि 450 अंकों का जो प्रश्नपत्र वस्तुनिष्ठ आधार पर होगा इसमें खंड ए जो 150 अंक का है और सामान्य अध्ययन का है वह जो हिंदी व अंग्रेजी दोनों में होगा लेकिन इसका 300 अंक का खंड बी जो खाद्य विज्ञान व तकनीकी विषय पर है वह केवल अंग्रेजी में होगा। इसका सबसे ज्यादा विरोध हुआ। हिंदी भाषी राज्य होने के चलते इसका विरोध हो रहा था। इसके अलावा भी कोई भी अन्य परीक्षा भी हुई तो वह हिंदी व अंग्रेजी दोनों में ही हुई है। यह पहली परीक्षा है जिसके लिए यह शर्त लगाई गई है कि केवल अंग्रेजी में पेपर होगा। इससे हजारों उम्मीदवार परीक्षा देने पर भी इसमें पिछड़ जाते और केवल एक विषय अंग्रेजी में अधिक जानकार होने के चलते विषय में मजबूत होने के बाद भी हिंदी भाषी उम्मीदवारों को खासा नुकसान होता।
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राजस्थान में भी दोनों भाषा में हुआ था
वहीं राजस्थान में भी हाल ही में फूड सेफ्टी आफिसर पद के लिए परीक्षा हुई थी, इसमें जो प्रश्नपत्र रहा वह हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में रहा। यह पेपर भी वस्तुनिष्ठ आधार पर रहा और इसमें भी नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान था। ऐसे में साफ है कि केवल अंग्रेजी में ही प्रश्न पूछे जाएं यह किसी भी नियम, कायदे में अनिवार्य नहीं है। यह विभाग और आयोग अपने स्तर पर कर सकता है और प्रश्नपत्र हिंदी और अंग्रेजी में ही होना चाहिए।
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डिग्री को लेकर भी कन्फ्यूजन दूर
वहीं डिग्री पात्रता को लेकर भी सवाल उठे क्या पीसीएम (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स) वाले इसके लिए पात्र है या नहीं। तो इसमें 'द सूत्र' ने बताया कि इसमें प्लेन बीएससी वाले हो या बीटेक वाले हो वह सभी उम्मीदवार पात्र होंगे जिनका एक विषय केमिस्ट्री यानी रासायन शास्त्र अनिवार्य तौर पर रहा हो। यानी जो फाइनल मार्कशीट बनी हो इसमें केमिस्ट्री विषय अंकित हो। यानी डिग्री के हर साल केमिस्ट्री विषय पढ़ा हो और उसकी परीक्षा दी हो, तो वह इसके लिए पात्र होगा। इसके लिए विभागीय स्तर पर यह बात हो चुकी है और विभाग फरवरी अंत तक आयोग को भी इस संबंध में औपचारिक तौर पर जानकारी भेज देगा।
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