पवन सिलावट, Raisen. मध्य प्रदेश के रायसेन में आदमखोर बाघ की दहशत बरकरार है। इंसान को मारकर खाने वाले इस बाघ की तलाश में वन विभाग की टीम लगातार जंगल में सर्चिंग अभियान चला रही है, लेकिन वन विभाग को इस बाघ को पकड़ने में असफल नजर आ रही है। टाइगर को पकड़ने के लिए महीनों से ऑपरेशन चल रहा है, लेकिन बाघ अब भी पकड़ से बाहर है। इधर, बाघ के हमले बढ़ती घटनाओं से ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर है। वन विभाग ने जिले के 36 गांवों में रेड अलर्ट जारी किया है।
लगाए गए 100 कैमरे, हाथियों की ली मदद
भोपाल-रायसेन के जंगलों में वन विभाग की टीम आदमखोर बाघ को ट्रेस करने की कोशिश कर रही है। इसे खोजने के लिए वन विभाग के 40 लोगों की टीमें लगी हुई हैं। सभी कर्मचारी पूरी मुस्तैदी के साथ टाइगर को पकड़ने के लिए जुटे हुए हैं। पैरों के निशान से भी उसे ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा जगह-जगह 100 कैमरे लगाए गए हैं। बाघ को पकड़ने में हाथियों की मदद ली गई है। टाइगर की सर्चिंग में वन विभाग की टीमें जंगल -जंगल भटक रही हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी फारेस्ट विभाग को कोई सफतला हाथ नहीं लगी है। आदमखोर टाइगर लगातार चकमा दे रहा है। टाइगर इन सब से कहीं ज्यादा होशियारी दिखा रहा है। टाइगर पकड़ से अब भी बाहर है।
अब तक लाखों रुपए खर्च फिर भी सफलता नहीं
टाइगर को पकड़ने के लिए पन्ना कान्हा रिजर्व फॉरेस्ट और वन विहार भोपाल की टीम तैनात है। ये टीम 5 हाथियों की मदद से बाघ को खोजने में लगी हुई है। इस टीम को पूरे 1 सप्ताह का समय बीत चुका है। लेकिन आदमखोर टाइगर का कहीं सुराग नहीं लग रहा है। बताया जाता है कि हाथियों के चारा पानी और टीम पर अब तक लाखों रुपए खर्च वन विभाग द्वारा कर दिए गए हैं। इसके बावजूद सफलता नहीं मिली है। इस टीम पर और हाथियोंके दल को चारा पानी गन्ना खिलाने में वन विभाग द्वारा लाखों रुपए खर्च कर दिए हैं। सामान्य वनमंडल रायसेन के डीएफओ विजय कुमार और एसडीओ सुधीर कुमार पटले का कहना है कि जल्द ही आदमखोर बाघ का सर्च कर लिया जाएगा। इसके बाद उसे सही ठिकाने पर पहुंचा दिया जाएगा।
दहशत में ग्रामीण, गांवों में सन्नाटा
जंगल में एक बुजुर्ग के शिकार और एक व्यक्ति के हमले की घटना के बाद ग्रामीण दहशत में है। यह बाघ अब तक कई मवेशियों को भी अपना निवाला बना चुका हैं। ग्रामीणों में आदमखोर बाघ का खौफ बना हुआ है। दहशत के साए में रात गुजर रही है। शाम ढलते ही गांव में सन्नाटा पसर जाता है। लोगों को यह डर सता रहा है कि कहीं आदमखोर टाइगर उन पर हमला न कर दे। बाघ की दहशत के चलते कृषि कार्य भी प्रभावित हो रहा है। किसान रात के समय खेतों में जाने के लिए डर रहे हैं।
36 गांवों के लिए रेड अलर्ट जारी
इधर, वन विभाग ने बाघ से बचाव के लिए 36 गांवों में मुनादी भी कराई है। ग्रामीणों को अलर्ट रहने कहा गया है। लोगों से जंगलों में नहीं जाने के लिए कहा गया है। साथ ही जंगलों में सर्चिंग कर बाघ के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। विभागीय टीम में शामिल एसडीओ सुधीर कुमार पटले, वन रेंजर प्रवेश कुमार पाटीदार बृजेंद्र तिवारी सहित वन विभाग की टीम ग्रामीणों का हौसला अफजाई कर रही है। अब तक टीम हाईटेक नर्सरी अमराबाद और आसपास के रतन गांव के जंगलों में घूम चुकी है। लेकिन टीम को अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।
टाइगर ने किया था ग्रामीण का शिकार
बता दें कि रायसेन जिले में पिछले दिनों बाघ ने एक ग्रामीण का शिकार किया था। वह भोपाल से सटे रायसेन वन परिक्षेत्र के तहत जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गया था, इसी बीच शेर ने उस पर हमला कर दिया। जंगल में खोजबीन के बाद ग्रामीण का क्षत-विक्षत शव मिला था। इसके बाद से ही वन विभाग की टीम आदमखोर बाघ की तलाश में जुटी हुई है।
thesootr links
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
आदमखोर बाघ, रायसेन में आदमखोर बाघ, बाघ के पकड़ने में वन विभाग नाकाम, रायसेन न्यूज, रायसेन वन विभाग