MP : कई दिनों की मशक्कत के बाद वन विभाग को बड़ी सफलता , आखिरकार पकड़ में आया आदमखोर बाघ , यहां छिपा था टाइगर

मध्‍य प्रदेश के रायसेन में आतंक मचाने वाले आदमखोर बाघ का वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर लिया है। वन विभाग की टीमें 10 दिन से 5 हाथियों की मदद से बाघ के रेस्क्यू में लगे थी। शहर के पास सूरई के जंगल में मूवमेंट मिलने के ट्रैंक्यूलाइज कर टाइगर को पकड़ गया।

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Vikram Jain
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MP Raisen Forest Department successfully caught maneating tiger
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पवन सिलावट@RAISEN. मध्य प्रदेश के रायसेन में वन विभाग की टीम आखिरकार आदमखोर बाघ को पकड़ने में सफल हो गई है। इंसान को मारकर खाने वाले इस बाघ की तलाश में वन विभाग की कई दिनों तक जंगल में सर्चिंग ऑपरेशन चलाया। आतंक मचाने वाले इस बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने बड़ी संख्या में वन कर्मियों को खोज में लगाया था। साथ निगरानी के लिए 100 कैमरे लगाए गए थे। इतना ही नहीं पकड़ने के लिए हाथियों की मदद ली गई। 

इस टाइगर की खोज में लाखों खर्च की खबर को जब the sootr ने प्रमुखता का प्रकाशिक किया तो एक्शन में आई वन विभाग ने आदमखोर बाघ को दूसरे दिन ही पकड़ लिया। अब इस बाघ के पकड़ने में आने से वन विभाग के अधिकारियों और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।

सुरई के जंगल में मिली लोकेशन, पकड़ में आया बाघ

वन विभाग की टीम ने रायसेन के पास सुरई के जंगल से आदमखोर बाघ को पकड़ा है। इसे पकड़ने के लिए वन विभाग की टीमें 10 दिनों से जंगलों की खाक छान रही थी। तमाम कोशिश के बाद भी रॉयल टाइगर बाघ का पता नहीं लग पा रहा था। बाघ बार-बार चकमा देकर जंगल में चला जाता था। इसके बाद टाइगर को पकड़ने के लिए पन्ना कान्हा रिजर्व फॉरेस्ट और वन विहार भोपाल की टीम तैनात की गई। 100 से ज्यादा कर्मी और टीम 5 हाथियों की मदद से बाघ को खोजने में जुटी, इस टीम को कई दिनों तक जंगल में बाघ की तलाश की। आखिरकार गुरुवार को इस आदमखोर बाघ को ट्रैंक्यूलाइज कर बेहोश कर पकड़ लिया है।

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बाघ ने किया था ग्रामीण का शिकार

वन विभाग के मिली जानकारी के अनुसार बाघ को पकड़ लिया गया। जल्द ही वन मंडल के अधिकारी आगे के प्लान का खुलासा करेंगे। बता दें कि रायसेन जिले में पिछले दिनों बाघ ने एक ग्रामीण का शिकार किया था। वह भोपाल से सटे रायसेन वन परिक्षेत्र के तहत जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गया था, इसी बीच शेर ने उस पर हमला कर दिया। जंगल में खोजबीन के बाद ग्रामीण का क्षत-विक्षत शव मिला था। इसके बाद से ही वन विभाग की टीम आदमखोर बाघ की तलाश में जुटी हुई थी। 

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गांवों के लिए जारी किया था रेड अलर्ट 

वन विभाग ने बाघ से बचाव के लिए 36 गांवों में मुनादी भी कराई थी। ग्रामीणों को अलर्ट रहने कहा गया था। लोगों से जंगलों में नहीं जाने के लिए कहा गया था। जंगल में एक बुजुर्ग के शिकार और एक व्यक्ति के हमले की घटना के बाद ग्रामीण दहशत में थे। यह बाघ अब तक कई मवेशियों को भी अपना निवाला बना चुका हैं। आदमखोर बाघ के खौफ के चलते ग्रामीण डर में जीने को मजबूर थे। फिलहाल इस बाघ के पकड़ने से रायसेन और आसपास के लोगों ने राहत की सांस ली है।

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