स्कूल बस की सुरक्षा पर नया नियम, हर स्कूल में ट्रांसपोर्ट अफसर होंगे तैनात
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में नए स्कूल शिक्षा सत्र से पहले सभी स्कूलों में ट्रांसपोर्ट अफसर नियुक्त किए जाएंगे जो स्कूली बसों की फिटनेस, ड्राइवर और वाहन प्रमाणपत्र की जांच करेंगे। बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़ी नियमावली लागू की जाएगी।
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने हाल ही में सभी स्कूलों में ट्रांसपोर्ट अफसर नियुक्त करने का फैसला लिया है। इन अफसरों का मुख्य काम स्कूली बसों का फिटनेस चेक करना और बच्चों के सुरक्षित परिवहन को सुनिश्चित करना होगा। इस निर्णय के पीछे बीते दिनों हुए एक गंभीर हादसे की वजह है, जब बाणगंगा चौराहे पर एक स्कूल बस का ब्रेक फेल हो गया था, जिसमें एक ट्रेनी डॉक्टर की मौत हो गई थी।
ट्रांसपोर्ट अफसरों की जिम्मेदारियां...
नए सत्र के शुरू होने से पहले ट्रांसपोर्ट विभाग के अफसर सभी स्कूलों में तैनात किए जाएंगे। इनके कर्तव्य होंगे-
स्कूल बसों की फिटनेस जांच
वाहन प्रमाणपत्र (Registration & Certification) की पुष्टि
ड्राइवर और कंडक्टर की जानकारी लेना और सत्यापन
बसों में आवश्यक सुरक्षा उपकरण जैसे सीसीटीवी कैमरा, स्पीड गर्वनर, GPS सिस्टम, अग्निशमन यंत्र, इमर्जेंसी विंडो, फर्स्ट एड बॉक्स आदि की जांच करना
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने स्कूल संचालकों और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर सख्त निर्देश दिए कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा।
डीसीपी ट्रैफिक संजीव सिंह ने बैठक में स्कूल वाहनों की फिटनेस, बीमा और सुरक्षा मानकों पर विस्तृत प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि ड्राइवरों में से किसी को भी नशे की हालत में न रखा जाए। साथ ही सभी वाहनों में हॉरिजॉन्टल ग्रिल (आड़ी पट्टियां) लगाना अनिवार्य किया गया है।
माता-पिता और शिक्षकों से अपील
डीसीपी ने अभिभावकों और शिक्षकों से अपील की है कि वे नियमित रूप से बसों में यात्रा करें और बसों की सुरक्षा मानकों का स्वयं निरीक्षण करें। इससे स्कूलों में वाहन सुरक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।