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Photograph: (the sootr)
NEW DILHI.भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने एक बड़ा और अहम फैसला सुनाया है। आयोग ने विशेष मतदाता सूची संशोधन अभियान (SIR) के तहत दावों और आपत्तियों को जमा करने की अंतिम तारीख को बढ़ा दिया है।
यह तारीखें छह राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिए बढ़ाई गई है। यह फैसला इन राज्यों से मिले ढेर सारे आवेदनों और कुछ तकनीकी एवं प्रशासनिक मुश्किलों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इस कदम से लाखों मतदाताओं को राहत मिली है और लोकतंत्र की नींव मजबूत होगी।
किस राज्य में कब तक बढ़ी SIR समयसीमा?
सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि तमिलनाडु, गुजरात, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार के लिए भी समयसीमा बढ़ाई गई है।
तमिलनाडु और गुजरात: इन दोनों राज्यों में SIR फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 14 दिसंबर 2025 थी, जिसे अब बढ़ाकर 19 दिसंबर 2025 तक कर दिया गया है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार: इन राज्यों की समयसीमा 18 दिसंबर से बढ़ाकर 23 दिसंबर 2025 तक कर दी गई है।
उत्तर प्रदेश: यूपी में दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अंतिम तिथि 26 दिसंबर 2025 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 कर दी गई है।
चुनाव आयोग ने इन राज्यों के नागरिकों से अपील की है कि वे इस अतिरिक्त समय का पूरा लाभ उठाएं और अपनी आवश्यक कार्रवाई जल्दी से जल्दी पूरी करें।
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उत्तर प्रदेश ने मांगी गई थी मोहलत
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) नवदीप ने खुशी जताई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में SIR(स्पेशल इंटेसिव रिवीजन) प्रक्रिया को सही तरीके से पूरा करने के लिए आयोग से दो हफ्ते का समय मांगा था।
यह समय इसलिए मांगा गया था ताकि जिला निर्वाचन अधिकारी मृत, शिफ्टेड और अनुपस्थित मतदाताओं का फिर से सर्वे कर सकें। यह गहन जांच प्रक्रिया मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने के लिए बेहद जरूरी थी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 1 जनवरी, 2026 की तारीख को ध्यान में रखते हुए SIR की संशोधित तारीखें जारी की गई हैं। यह कदम चुनाव की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण था।
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क्या होगा अगला कदम?
आयोग ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपने दावे और आपत्तियां दर्ज कराएं। इसके बाद 31 दिसंबर से 21 फरवरी 2026 तक नोटिस जारी किया जाएगा।
सभी दावों का निराकरण किया जाएगा। इस प्रक्रिया को जल्दी और सही तरीके से पूरा करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।चुनाव आयोग का प्रयास है कि मतदाता सूची में किसी प्रकार की कोई गलती न हो और सभी के नाम सही तरीके से जुड़ें।
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