मर्जी से अलग रहने वाली पत्नी को नहीं मिलेगा भरण-पोषण, कुटुंब न्यायालय ने किया इनकार

जबलपुर कुटुंब न्यायालय ने सारिका यादव का भरण-पोषण आवेदन खारिज कर दिया। अदालत ने माना कि पत्नी ने बिना कारण पति से अलग रहने का निर्णय लिया। इसलिए उसे भरण-पोषण का अधिकार नहीं है।

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Neel Tiwari
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JABALPUR. कुटुंब न्यायालय के जज विजय सिंह कावछा के कोर्ट में सारिका यादव ने आवेदन दिया। उसने पति संदीप यादव से भरण-पोषण भत्ता की मांग की। सारिका का कहना है कि पति केंद्र सरकार का कर्मचारी है। उसकी सैलरी लगभग एक लाख रुपए प्रति माह है। पारिवारिक विवाद के कारण वह अलग रह रही है। इसलिए उसे 40 हजार रुपए मासिक भत्ता दिया जाए।

अलग रहने का कोई संतोषजनक कारण नहीं: कोर्ट

न्यायालय ने दोनों पक्षों के तर्कों और साक्ष्यों की विवेचना की। अदालत ने माना कि आवेदिका पति से अलग रहने का उचित कारण नहीं दिखा सकी। कुटुंब न्यायालय ने कहा कि धारा 125(4) के तहत स्वेच्छा से अलग रहने वाली पत्नी भरण-पोषण भत्ते की अधिकारी नहीं होती। इस पर सारिका यादव का आवेदन निरस्त कर दिया गया। अनावेदक पति की ओर से अधिवक्ता अपूर्व त्रिवेदी ने पैरवी की।

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3 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी...

👉सारिका यादव ने कुटुंब न्यायालय में अपने पति संदीप यादव से भरण-पोषण भत्ता की मांग की। उनका कहना था कि पति एक सरकारी कर्मचारी है और उसकी सैलरी एक लाख रुपये प्रति माह है। 

👉कुटुंब न्यायालय ने दोनों पक्षों की सुनवाई और साक्ष्य की विवेचना की। अदालत ने यह निर्णय लिया कि सारिका ने अलग रहने का कोई उचित कारण नहीं प्रस्तुत किया। इसलिए उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया।

👉संदीप यादव ने अदालत में कहा कि उनकी पत्नी बिना बताए घर छोड़कर चली गई और अपनी बेटी को भी नहीं ले गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 2016 से दांपत्य संबंध सामान्य नहीं थे और पत्नी शारीरिक संबंध बनाने से मना कर देती थी।

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पत्नी खुद घर छोड़कर गई: पति 

अनावेदक पति संदीप यादव की ओर से न्यायालय में प्रस्तुत जवाब में कई गंभीर आरोप लगाए गए। पति ने कहा कि आवेदिका बिना बताए घर छोड़कर चली गई थी।  बेटी को भी साथ नहीं ले गई। साल 2016 से दांपत्य संबंध सामान्य नहीं रहे।

यहां तक कि पत्नी ने शारीरिक संबंध बनाने से भी मना कर दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वह दोपहर के समय पड़ोस में रहने वाले व्यक्ति से मिलने जाती थी। पति के अनुसार, पत्नी बच्चों को समय पर भोजन नहीं देती थी। गुस्से में उन्हें जलाने-पीटने की कोशिश तक करती थी। कई बार वह बच्चों को घर पर छोड़कर बिना बताए मायके चली जाती थी, जिससे पूरा परिवार परेशान रहता था।

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