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Photograph: (THESOOTR)
मध्यप्रदेश के किसानों के लिए 15 नवंबर 2025 को एक बड़ी खुशखबरी आई। राज्य सरकार ने सोयाबीन के मॉडल रेट में बढ़ोतरी की है। अब सोयाबीन का मॉडल रेट 4225 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।
यह बढ़ोतरी राज्य सरकार की भावांतर योजना के तहत की गई है। किसानों को उनकी उपज पर उचित मूल्य देने का एक ये महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना किसानों को बाजार मूल्य से कम पर बिकने वाली उपज का उचित मूल्य देगी।
किसानों के लिए खुशखबरी
मध्यप्रदेश सरकार ने 15 नवंबर 2025 को सोयाबीन के मॉडल रेट में बढ़ोतरी की घोषणा की। अब सोयाबीन का मॉडल रेट 4225 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। यह बढ़ोतरी सरकार का किसानों के लिए किए गए कई सुधारों का हिस्सा है।
भावांतर योजना में सरकार किसानों की उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने यह कदम उठा रही है। इससे किसानों को सोयाबीन की उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा। खासकर उन किसानों के लिए जिनकी उपज बाजार में कम मूल्य पर बिकती है।
इस बढ़ी हुई राशि से किसान अपनी उपज का निर्धारित मॉडल रेट के हिसाब से लाभ उठा सकेंगे। भावांतर राशि की गणना इस नए सोयाबीन रेट के आधार पर की जाएगी। इससे किसानों को एक बड़ी राहत मिलेगी।
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सोयाबीन के मॉडल रेट में बढ़ोतरी
इस साल 7 नवंबर से शुरू हुए सोयाबीन का मॉडल रेट लगातार बढ़ रहा है। पहले मॉडल रेट 7 नवंबर को 4020 रुपए प्रति क्विंटल था। इसके बाद 8 नवंबर को 4033 रुपए किया गया। 9 और 10 नवंबर को 4036 रुपए, 11 नवंबर को 4056 रुपए इसके बाद 12 नवंबर को 4077 रुपए प्रति क्विंटल रेट तय हुआ।
13 नवंबर को यह रेट बढ़कर 4130 रुपए और 14 नवंबर को 4184 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। अब 15 नवंबर को यह रेट 4225 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है, जो कि एक और राहत के रूप में आया है।
यह बढ़ोतरी किसानों के लिए फायदेमंद है। वहीं, मध्यप्रदेश सरकार का उनकी मदद के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम भी है। इससे किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलेगा और वे अपने उत्पादों को बेहतर मूल्य पर बेच पाएंगे।
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भावांतर योजना बेहतर विकल्प
भावांतर योजना 2025 के तहत मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प प्रदान किया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाना है। अक्सर, किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य नहीं मिलता, खासकर जब बाजार में मांग कम होती है या कीमतें गिर जाती हैं।
भावांतर योजना में जब बाजार में किसी उत्पाद का मूल्य गिरता है, तो सरकार उसे एक निर्धारित मॉडल रेट पर खरीदती है। किसानों को उस मूल्य के हिसाब से पैसे देती है। यह सुनिश्चित करता है कि किसान अपनी मेहनत का उचित मूल्य पाए।
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किसानों को क्या करना होगा?
किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपनी सोयाबीन की उपज को अधिकतम सरकारी मंडियों में बेचना होगा। 15 नवंबर से बढ़े हुए मॉडल रेट से भावांतर राशि की गणना की जाएगी।
भावांतर के लिए किसानों को किसी भी प्रकार की अतिरिक्त प्रक्रिया नहीं करनी होगी। बस उन्हें अपनी उपज सरकारी मंडियों में बेचना होगा। किसानों को अपने फंड का दावा करने के लिए आवश्यक दस्तावेज और प्रक्रिया का पालन करना होगा।
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एमपी सरकार की अन्य योजनाएं
मध्यप्रदेश सरकार लगातार किसानों के लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करती रही है। इनमें फसल बीमा, ऋण माफी, खाद्यान्न वितरण योजनाएं और कृषि के लिए सस्ती दरों पर लोन देना शामिल है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने किसानों को उनकी उपज बेचने के लिए बेहतर बुनियादी सुविधाएं प्रदान की हैं, ताकि वे अधिकतम मूल्य प्राप्त कर सकें।
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