एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 में 15896 करोड़ का निवेश, 64 हजार को मिलेगा रोजगार

एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 का आयोजन इंदौर में हुआ। इस आयोजन से मध्य प्रदेश में साइंस और टेक क्षेत्र में निवेश बढ़ा। सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि 15896 करोड़ के निवेश करार हुए। इनसे 64 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

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Sanjay Gupta
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INDORE. मप्र सरकार ने साइंस और टेक क्षेत्र में निवेश के लिए एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 आयोजित किया। यह आयोजन इंदौर में गुरुवार को हुआ। कान्क्लेव को भारी सफलता मिली। सीएम मोहन यादव ने बताया कि इसमें 15896 करोड़ के निवेश के करार हुए हैं। इससे मप्र में 64 हजार लोगों के लिए रोजगार के सृजन अवसर पैदा होंगे। 

इस तरह से सफल रही यह कॉन्क्लेव

सीएम ने बताया इस कॉन्क्लेव में 65 गतिविधियां हुई। इससे 15 हजार 896 करोड़ का निवेश होगा। 64 हजार के लिए रोजगार सृजन होगा। सीएम ने कहा कि साइंस विभाग ने यह बेहतर उपलब्धि हासिल की है। मध्य प्रदेश ने इस क्षेत्र में लीड लिया है। कुल 700 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसमें स्टार्टअप लीडर, निवेशक व अन्य शामिल थे। 

22 नई तकनीकी यूनिट का उद्घाटन हुआ जिसमें 257 करोड़ का निवेश हुआ है। दो हजार 125 लोगों को रोजगार मिलेगा। आगे चार नई परियोजना के लिए भूमिपूजन हुआ जिसमें 1386 करोड़ का निवेश होगा। 21 हजार 150 युवाओं को रोजगार मिलेगा। 
नौ कंपनियों को आवंटन पत्र दिया गया है। इससे 10.61 करोड का निवेश आएगा और 740 युवाओं को रोजगार मिलेगा। कान्क्लेव में 800 करोड़ के सात एमओयू हुए हैं। इससे 10 हजार 500 को रोजगार मिलेगा। 

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ड्रोन डेटा डिपॉजटरी टेक्नोलॉजी वाला मप्र पहला राज्य

सीएम ने कहा अब साइंस, आईटी में MP नई टेक्नोलॉजी पर काम करने वाला राज्य है। यहां ड्रोन डेटा डिपॉजटरी तकनीक आ रही है। ACS संजय दुबे ने बताया कि इसके जरिए ड्रोन से ली गई इमेज का स्टेंडर्ड तय किए गए हैं। अब केंद्र सरकार भी एडाप्ट करने जा रही है। यह मप्र देश का पहला राज्य है। इससे ड्रोन से ली गई इमेज शेयर कर सकेंगे, एनालिस कर सकेंगे। सीएम ने बताया कि हम स्पेश टेक्नोलॉजी के लिए भी नीति ला रहे हैं। 

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सायबर सिटी, हाईटेक सिटी पर काम

सीएम ने कहा कि भोपाल में नॉलेज सिटी पर काम हो रहा है। इसी तरह सायबर सिटी, हाईटेक सिटी पर भी काम हो रहा है। यहां पर सेटेलाइट पॉलिसी, स्पेस टेक्नोलॉजी, एआई इन सभी पर काम होगा, रिसर्च होगा। मप्र उत्तर के राज्यों में सबसे तेजी से बढ़ने वाला राज्य है।

आयोजन में यह भी हुआ

इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में गुरुवार को एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 का आयोजन हुआ। इस दौरान "एमपी जीसीसी लीडरशिप कनेक्ट राउंडटेबल" आयोजित किया गया। इस अवसर पर 25 से अधिक ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) शामिल हुए। राज्य की दीर्घकालिक तकनीकी रणनीति को दिशा देने के लिए सार्थक चर्चा हुई। 

एसीएस संजय दुबे ने कहा कि मध्यप्रदेश को जीसीसी के लिए पसंदीदा गंतव्य बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहां समर्पित जीसीसी नीति बनाई गई है। इसके साथ ही राज्य में ड्रोन नीति के तहत ड्रोन डाटा रिपॉजिटरी विकसित की जा रही है। 
प्रदेश में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश एवं विकास को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है। डाटा सेंटर नीति के तहत व्यवसायों को सब्सिडी दी जा रही है। साथ ही स्पेस टेक्नोलॉजी नीति तैयार की जा रही है। 

आईआईटी इंदौर में यह कोर्स

एसीएस दुबे ने कहा कि आईआईटी इंदौर देश का एकमात्र संस्थान है। स्पेस टेक्नोलॉजी में बीटेक एवं एमटेक कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने वाला अग्रणी राज्य है। देश के 10 प्रतिशत से अधिक गेमिंग आईपी क्रिएशन मध्यप्रदेश से हुए हैं। यह राज्य की तकनीकी क्षमता और टैलेंट की उपलब्धता को दर्शाता है।

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नीतिगत और प्रशासनिक सहयोगद दे रहें

एमपी सरकार ने GCC की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए कई नीतिगत एवं प्रशासनिक कदम उठाए हैं। संपदा पोर्टल के माध्यम से आसान रजिस्ट्री और लेबर लॉ में सरलीकरण की सुविधा है। साइबर तहसील से विवाद निपटाने की सुविधा उपलब्ध है। पेरोल सब्सिडी और पेटेंट असिस्टेंस जैसी सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं। राज्य में ग्रीन एनर्जी और कार्बन क्रेडिट व्यवस्था जैसे उपाय सकारात्मक बिजनेस इकोसिस्टम को सुदृढ़ बनाते हैं।

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उद्योग प्रतिनिधियों ने भी मप्र को लेकर रखे विचार

वेना इंडिया सेंटर हेड गौतम यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में आईआईटी इंदौर, MANIT भोपाल और GSITS इंदौर हैं। इन संस्थाओं से राज्य में उच्च गुणवत्ता वाला टैलेंट पूल मौजूद है। 

KPMG के पार्टनर गौरव कुमार ने कहा कि एमपी के टियर-2 शहरों में उत्कृष्ट टैलेंट पूल उपलब्ध है। यहां के युवा राज्य में ही रहकर काम करना पसंद करते हैं। इससे टैलेंट की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित रहती है। 

एनटीटी डाटा के साइबर हेड क्षितिज बंथिया ने कहा कि जीसीसी में स्थानीय भर्ती को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। ई एंड वाई एलएलपी के पार्टनर आदित्य क्षेत्रपा ने कहा कि जीसीसी की स्थापना के साथ उसकी निरंतरता पर ध्यान देना आवश्यक है। इससे कार्य त्वरित गति और कम लागत से हो सकेगा।

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