अब दूसरे राज्यों में भी सुनाई देगी MP के बाघों की दहाड़, मिली मंजूरी
मध्य प्रदेश सरकार ने पड़ोसी राज्यों को बाघों के ट्रांसफर के लिए अपनी सहमति दे दी है। राज्य सरकार राजस्थान, छत्तीसगढ़, और ओडिशा को कुल 15 बाघ देने का फैसला लिया है।
मध्य प्रदेश सरकार ने पड़ोसी राज्यों को बाघों के ट्रांसफर के लिए अपनी सहमति दे दी है। राज्य सरकार राजस्थान, छत्तीसगढ़ और ओडिशा को कुल 15 बाघ देने का फैसला लिया है। इन राज्यों ने मध्य प्रदेश से बाघ की मांग की थी, हालांकि राज्य सरकार ने पहले इसे अनुमति नहीं दी थी।
बाघों का ट्रांसफर प्रक्रिया क्या होगी?
मध्य प्रदेश के प्रमुख वन संरक्षक (PCCF) वाइल्ड लाइफ, शुभोरंजन सेन ने बताया कि वन विभाग ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) को राज्य सरकार की मंजूरी का प्रस्ताव भेजा है। केंद्रीय मंजूरी मिलने के बाद ही इन बाघों को अन्य राज्यों में भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी।
NTCA की मंजूरी के बाद बाघों को चिन्हित किया जाएगा और उनके कॉलर लगाए जाएंगे, ताकि उनकी निगरानी की जा सके। मध्य प्रदेश के प्रमुख टाइगर रिजर्व जैसे बांधवगढ़, पेंच और कान्हा से बाघों को ट्रांसफर किया जाएगा।
बांधवगढ़ और पेंच जैसे टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या अत्यधिक हो चुकी है, जिसके कारण इन बाघों के बीच वर्चस्व की लड़ाई बढ़ गई है। इसी को देखते हुए कुछ बाघों को दूसरे राज्यों में भेजने का फैसला लिया गया है।
कौन से राज्य में कितने बाघ भेजे जाएंगे
छत्तीसगढ़: 2 बाघ और 6 बाघिन
राजस्थान: 4 बाघिन
ओडिशा: 1 बाघ और 2 बाघिन
FAQ
मध्य प्रदेश से कितने बाघ ट्रांसफर किए जाएंगे?
कुल 15 बाघों को विभिन्न पड़ोसी राज्यों में भेजने की योजना है।
कौन से राज्य मप्र से बाघ प्राप्त करेंगे?
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और ओडिशा को बाघ दिए जाएंगे।
बाघों की ट्रांसफर प्रक्रिया कब शुरू होगी?
ट्रांसफर प्रक्रिया तब शुरू होगी जब केंद्र की मंजूरी मिल जाएगी।
बाघों को कैसे चुना जाएगा?
बाघों को चिन्हित किया जाएगा और फिर कॉलर लगाए जाएंगे।
मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या क्यों बढ़ी है?
बांधवगढ़ और पेंच जैसे रिजर्वों में बाघों की संख्या अधिक हो गई है, जिससे वर्चस्व की लड़ाई बढ़ रही है।