एमपी तबादला नीति : MP में स्वैच्छिक तबादलों समेत मंत्री तय करेंगे कर्मचारियों का स्थान
मध्यप्रदेश सरकार ने 1 मई से 30 दिन के भीतर कर्मचारियों के तबादले की नई नीति लागू की है, जिसे डॉ. मोहन यादव कैबिनेट ने मंजूरी दी है। मध्यप्रदेश में तबादलों पर बड़ा फैसला किया गया है।
मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के तबादलों के लिए एक नई नीति (MP Transfer Policy ) लागू कर दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस नीति को स्वीकृति मिली। इस नीति के तहत, 1 मई से 30 मई 2025 तक पूरे प्रदेश में तबादलों की प्रक्रिया चलेगी।
मुख्य बिंदु...
तबादलों की प्रक्रिया 1 मई से शुरू होकर 30 दिन तक चलेगी।
सभी आदेश ई-ऑफिस सिस्टम के माध्यम से 30 मई तक अनिवार्य रूप से जारी करने होंगे।
मंत्री और प्रभारी मंत्रियों को तबादले का अधिकार प्रदान किया गया है।
डॉ. मोहन कैबिनेट द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार, विभागवार पदों के आधार पर तबादलों की सीमा तय की गई है:
कुल पद संख्या
तबादलों का प्रतिशत
200 तक
20%
201 से 1000 तक
15%
1001 से 2000 तक
10%
2001 से अधिक
5%
इस संरचना के तहत हर विभाग अपने विभागीय कर्मचारियों के पदों की संख्या के हिसाब से तबादले कर सकेगा।
स्वैच्छिक तबादलों का समावेश क्यों?
नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि स्वैच्छिक तबादले (Voluntary Transfers) को कुल तबादलों के प्रतिशत में शामिल किया जाएगा। अगर स्वैच्छिक तबादलों को अलग रखा जाता है तो कुल पदों के प्रतिशत से अधिक तबादले हो सकते थे। इसलिए इनका समावेश जरूरी है ताकि कुल संख्या नियंत्रण में रहे।