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15 साल बाद बसों की वापसी👉15 साल बाद मध्य प्रदेश की बसें फिर से 6 राज्यों के लिए शुरू होंगी। 👉 कुल 389 पुराने रूटों को दोबारा चालू करने का फैसला। 👉राजस्थान के लिए सबसे ज्यादा 200 रूट तय किए गए हैं। 👉 हरियाणा और उत्तराखंड के लिए भी अब सीधी बस सेवा मिलेगी। 👉 बाहरी राज्यों के ट्रकों का अब मध्यप्रदेश में रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। | |
मध्यप्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। 2010 से बंद पड़े 389 इंटरस्टेट रूटों को फिर से शुरू करने की मंजूरी दे दी है। मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के मंत्री राव उदयप्रताप सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में यह तय किया गया कि नए वित्तीय वर्ष 2026-27 से ये बसें शुरू हो जाएंगी।
ये वही पुराने रूट हैं जिन पर कभी एमपीआरसीटीसी (MPRTC) की बसें चलती थीं। अब राज्य परिवहन उपक्रम प्राइवेट बस ऑपरेटरों के साथ एग्रीमेंट कर इन्हें फिर से पटरी पर लाएगा।
किन राज्यों के लिए खुलेंगे कितने रास्ते?
सरकार की इस योजना में सबसे ज्यादा रूट राजस्थान के लिए तय किए गए हैं। नीचे दिए गए टेबल से समझिए कि किस राज्य के लिए कितनी बसें चलेंगी-
| राज्य का नाम | रूटों की संख्या |
| राजस्थान | 200 |
| महाराष्ट्र | 81 |
| उत्तर प्रदेश | 69 |
| गुजरात | 30 |
| उत्तराखंड | 09 |
| हरियाणा | 03 |
प्राइवेट ऑपरेटरों के साथ होगा नया एग्रीमेंट
अब आप सोच रहे होंगे कि क्या सरकार अपनी नई बसें खरीदेगी? फिलहाल योजना यह है कि सरकार प्राइवेट बस मालिकों के साथ हाथ मिलाएगी। राज्य परिवहन उपक्रम इन रूटों के लिए प्राइवेट ऑपरेटरों से समझौता करेगा।
सरकार उन्हें विशेष परमिट जारी करेगी ताकि वे इन पुराने रूटों पर बसें चला सकें। इससे यात्रियों को सरकारी निगरानी में सुरक्षित और किफायती सफर की सुविधा मिलेगी।
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लंबित परमिटों का होगा तुरंत निपटारा
परिवहन विभाग के पास काफी समय से कई परमिट आवेदन अटके हुए थे। इस बैठक में आदेश दिए गए हैं कि इन आवेदनों का जल्दी निपटारा किया जाए। जैसे ही स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का गठन पूरा होगा, बसों का संचालन रफ्तार पकड़ लेगा। इससे न केवल यात्रियों को फायदा होगा, बल्कि कई लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
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गुजरात और अन्य राज्यों से बातचीत का दौर
गुजरात के साथ 30 रूटों पर बसें चलाने का समझौता पहले ही हो चुका है। अब विभाग के अधिकारी जल्द ही गुजरात जाकर वहां की सरकार से अंतिम चर्चा करेंगे। इसी तरह उत्तराखंड और हरियाणा जैसे दूर के राज्यों के लिए भी कानूनी प्रक्रियाएं तेज कर दी गई हैं। वर्तमान में जो निजी बसें चल रही हैं,उनके लिए नए परमिट से काफी राहत मिलेगी।
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मध्यप्रदेश में बाहर के ट्रकों का होगा रजिस्ट्रेशन
सिर्फ बसें ही नहीं, सरकार ट्रकों को लेकर भी सख्त हो रही है। मध्यप्रदेश की सड़कों पर ऐसे हजारों ट्रक चल रहे हैं जिनका रजिस्ट्रेशन दूसरे राज्यों का है। इससे मध्यप्रदेश सरकार को टैक्स (Motor Vehicle Tax) का नुकसान होता है। अब विभाग ऐसे ट्रकों की पहचान करेगा और उनका रजिस्ट्रेशन मध्यप्रदेश में अनिवार्य करेगा। इससे राज्य के खजाने में करोड़ों रुपये का टैक्स जमा होगा।
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