मध्यप्रदेश में छात्र संघ चुनाव के लिए आंदोलन करेगी ABVP, सरकार के खिलाफ बगावत की चेतावनी

ABVP के प्रांत मंत्री दर्शन कहार ने मध्य प्रदेश में छात्र संघ चुनाव न होने पर सरकार से नाराजगी जताई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चुनाव नहीं हुए तो ABVP आंदोलन करेगी। अब यह मुद्दा प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है।

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Anjali Dwivedi
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पांच प्वाइंट में समझें पूरी मामला

  • ABVP के प्रांत मंत्री दर्शन कहार ने मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है।

  • उन्होंने कहा कि राज्य के महाविद्यालयों में 2017 से छात्र संघ चुनाव नहीं कराए गए।

  • दर्शन कहार ने सरकार को छात्र हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।

  • ABVP ने सरकार को चेतावनी दी, कहा अगर चुनाव नहीं हुए तो आंदोलन होगा।

  • इस मुद्दे के बाद प्रदेश की छात्र राजनीति में हलचल तेज हो गई है।

रतलाम @ आमीन हुसैन

रतलाम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के मालवा प्रांत मंत्री दर्शन कहार ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उनका कहना है कि 2017 से मध्य प्रदेश के महाविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव नहीं कराए जा रहे।  

मध्य प्रदेश में कब से नहीं हुए छात्र संघ के चुनाव 

मध्य प्रदेश में आखरी बार छात्र संघ के चुनाव 2017 में हुए थे। इसके बाद चुनाव पर रोक लगा दी गई। 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सरकार थी। उस समय के उच्च शिक्षा मंत्री और अब के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव चुनाव कराने पर प्रस्ताव लाए थे। हालांकि 2023 के विधानसभा चुनाव आ जाने से यह भी प्रस्ताव टल गया। अब डॉ. मोहन यादव खुद मुख्यमंत्री हैं। इसके बाद भी छात्र संघ का चुनाव नहीं हो पा रहा है।

सरकार से कई बार की गुजारिश, फिर भी चुप्पी

दर्शन कहार ने कहा कि छात्र संघ चुनाव का मुद्दा कई बार सरकार के सामने उठाया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। वह मानते हैं कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव नहीं चाहते कि छात्र राजनीति से कोई नेतृत्व सामने आए। वह नेतृत्व जो राज्य की राजनीति में जगह बना सके। ABVP सरकार की सहयोगी संस्था जरूर है, लेकिन संगठन में लोकतंत्र सर्वोपरि है। छात्र हितों की बात उठाने में संगठन पीछे नहीं हटेगा। 

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छात्र संघ चुनावों की अहमियत को समझना होगा सरकार को

दर्शन कहार ने सवाल उठाया कि जब सेंट्रल यूनिवर्सिटी में चुनाव हो सकते हैं, तो फिर मध्य प्रदेश के महाविद्यालयों में क्यों नहीं? उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा के कई बड़े नेता खुद ABVP से निकले हैं। ऐसे में उन्हें यह समझना चाहिए कि छात्र संघ चुनावों का आयोजन युवाओं के व्यक्तित्व विकास और लोकतांत्रिक प्रशिक्षण के लिए बेहद जरूरी है।

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ABVP की ओर से सरकार को चेतावनी

दर्शन कहार ने यह भी कहा कि ABVP जल्द ही इस मुद्दे पर संगठन स्तर पर विचार कर सरकार को ज्ञापन सौंपेगी। यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो ABVP आंदोलन का रास्ता अपनाएगी। इस बयान के बाद प्रदेश की छात्र राजनीति में हलचल तेज हो गई है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेती है। 

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क्या छात्र संघ चुनावों की वापसी होगी?

अब सवाल यह उठता है कि क्या मध्य प्रदेश में छात्र संघ चुनावों की वापसी हो पाएगी, या यह सिर्फ एक और राजनीतिक मुद्दा बनकर रह जाएगा। ABVP की चेतावनी के बाद यह मामला प्रदेश में सुर्खियों में आ चुका है। मध्यप्रदेश में छात्र संघ चुनाव

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