एमपी के 10 हाईवे अटके, अब नितिन गडकरी और मोहन यादव की बैठक से सुलझेगा विवाद

एमपी के 10 राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोजेक्ट भूमि अधिग्रहण और वन स्वीकृति की देरी से अटक गए हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखकर 5 जनवरी 2026 को बैठक बुलाने को कहा है। ताकि जमीन, मुआवजा और फॉरेस्ट क्लीयरेंस जैसी अड़चनें दूर हो सकें।

author-image
Aman Vaishnav
New Update
mp-10-highways-nitin-gadkari-mohan-yadav-meeting-land-acquisition
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

5 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला  

👉 मध्यप्रदेश के 10 हाईवे प्रोजेक्ट जमीन और वन स्वीकृति की वजह से रुके हैं। 

👉 केद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखकर चिंता जताई है। 

👉 5 जनवरी 2026 को दिल्ली में अहम समीक्षा बैठक प्रस्तावित है। 

👉 बैठक में भूमि अधिग्रहण, मुआवजा और पेड़ कटाई की फाइलें टेबल पर होंगी। 

👉 तय होगा कि ये राजमार्ग कब तक शुरू होंगे और लोगों को कितना फायदा होगा। 

एमपी के हाईवे क्यों रुके, कहानी यहीं से शुरू होती है  

केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश के 10 राजमार्गों को काफी समय पहले मंजूरी दे दी थी। इन प्रोजेक्ट्स पर हजारों करोड़ का निवेश और कई जिलों की किस्मत जुड़ी है। वहीं, बिना जमीन और वन मंजूरी के मशीनें सड़क पर उतर ही नहीं पाईं। यानी काम ही शुरू नहीं हो सका।

राज्य सरकार को समय रहते जमीन अधिग्रहण और फॉरेस्ट क्लियरेंस का काम निपटाना था। विभागों के बीच फाइलें घूमती रहीं, लेकिन टेंडर पास होकर भी रोड पर काम शुरू नहीं हो सका। अब यह देरी सीधे दिल्ली की टेबल तक पहुंच गई है। 

ये खबर भी पढ़िए...अधूरे हाईवे पर भी टोल वसूली, संसद में गर्माया मुद्दा, दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री गडकरी से मांगा जवाब

गडकरी का सख्त पत्र, सीएम से सीधे सवाल  

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल में सीएम मोहन यादव को पत्र लिखा है। पत्र में साफ लिखा कि मंजूर प्रोजेक्ट जमीन न मिलने से रुके हैं और देरी बढ़ रही है। 

सूत्रों का कहना है कि गडकरी ने अपने पत्र में आग्रह से ज्यादा सवालिया लहजा अपनाया है। संकेत साफ है कि यदि राज्य सरकार तेजी नहीं दिखाएगी, तो लागत और समय दोनों बिगड़ेंगे। केंद्र ने फंड और क्लीयरेंस दे दिया है। अब बारी राज्य की जिम्मेदारी की है। 

ये खबर भी पढ़िए...एमपी में 28 हजार करोड़ से बनेंगे 5 फोर लेन एक्सप्रेस हाईवे, देखें इनमें आपका शहर है क्या

5 जनवरी की बैठक, टेबल पर होगा 10 सड़कों का भविष्य  

पत्र के साथ ही गडकरी ने 5 जनवरी 2026 को बैठक बुलाने का प्रस्ताव रखा है। इस बैठक में सीएम मोहन यादव, संबंधित मंत्री और अफसरों के शामिल रहने की संभावना है। 

बैठक का एजेंडा साफ है।

👉 कौन से हाईवे किस वजह से रुके हैं? 
👉 किस जिले में कितने किसानों की जमीन अटकी है? 
👉 मुआवजा दर पर विवाद कहां कहां है?
👉 फॉरेस्ट विभाग ने कौन सी फाइल रोकी हुई है? 

बैठक में हर प्रोजेक्ट की प्रेजेंटेशन और टाइमलाइन भी टेबल पर रखी जा सकती है। लक्ष्य यह है कि एक तय समय में जमीन और क्लीयरेंस से जुड़ी हर बाधा हट जाए। 

ये खबर भी पढ़िए...NHAI करेगा जबलपुर-दमोह सड़क का निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग में हुआ शामिल

ये खबर भी पढ़िए..एनजीटी ने NHAI को दिया सशर्त निर्माण का निर्देश, भोपाल-अयोध्या बायपास प्रोजेक्ट में पेड़ काटे बिना करें काम

मप्र किन 10 राजमार्गों का काम अटका है  

इन 10 राजमार्गों में वे रूट शामिल हैं जो सीधे ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर, इंदौर और बुंदेलखंड जैसे हिस्सों को जोड़ते हैं। कई सड़कें ऐसे औद्योगिक और कृषि इलाकों से गुजरती हैं, जहां ट्रक और बसों की आवाजाही पहले से भारी है।

इन 10 राष्ट्रीय राजमार्गों पर होगी चर्चा

1. ओरछा-टीकमगढ़-शाहगढ़ (एनएच-539): टू-लेन निर्माण।
2. टीकमगढ़-बड़गांव-घुवारा-शाहगढ़ (एनएच-539): टू-लेन मार्ग।
3. शाहगढ़-बक्सवाहा-नरसिंहगढ़-दमोह (एनएच-34) मार्ग।
4. सेंधवा-खेतिया (एनएच-752J) मार्ग।
5. चंदेरी-पिछोर (एनएच-346) मार्ग।
6. श्यामपुर-सबलगढ़ (एनएच-552) मार्ग (कूनो नेशनल पार्क रास्ते में आने के कारण टेंडर निरस्त)।
7. अंबुआ-दाहोद (एनएच-56) मार्ग।
8. मुलताई-महाराष्ट्र बॉर्डर (एनएच-347A) मार्ग।
9. सिरमौर-डभौरा (एनएच-135B) मार्ग।
10. मंडला-नैनपुर (एनएच-534) मार्ग।
 
इन प्रोजेक्ट्स (नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट) के पूरा होने पर मालवाहक गाड़ियों को बड़ा सीधा रास्ता मिलेगा। किसानों को मंडी और शहर तक पहुंचने में समय और किराये दोनों की बचत होगी। कई मार्ग पर्यटन स्थलों और धार्मिक शहरों को भी बेहतर जोड़ेंगे।

सीएम मोहन यादव भोपाल केंद्र सरकार जबलपुर ग्वालियर नितिन गडकरी केद्रीय मंत्री नितिन गडकरी राज्य सरकार केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री
Advertisment