एनजीटी ने NHAI को दिया सशर्त निर्माण का निर्देश, भोपाल-अयोध्या बायपास प्रोजेक्ट में पेड़ काटे बिना करें काम

एनजीटी ने भोपाल के आसाराम तिराहा से रत्नागिरी तिराहा तक सड़क चौड़ीकरण के लिए पेड़ों की कटाई पर रोक लगाई। एनजीटी ने कहा कि पेड़ों को नुकसान पहुंचाए बिना अन्य काम जारी रखे जा सकते हैं। मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी 2026 को होगी।

author-image
Sandeep Kumar
New Update
ngt-directs-nhai-bhopal
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

BHOPAL.भोपाल में अयोध्या बायपास चौड़ीकरण के लिए पेड़ कटाई पर एनजीटी ने 8 जनवरी 2026 तक रोक लगाई। निर्माण कार्य सशर्त जारी रहेगा। दरअसल भोपाल में सड़क विकास परियोजनाओं के बीच एक अहम आदेश आया।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने आसाराम तिराहा से रत्नागिरी तिराहा तक फोरलेन सड़क के चौड़ीकरण पर पेड़ों की कटाई रोक दी। एनएचएआई द्वारा शुरू की गई पेड़ कटाई फिलहाल अगली सुनवाई तक रोक दी गई है। एनजीटी ने कहा कि पेड़ों को नुकसान पहुंचाए बिना अन्य काम जारी रखा जा सकता है।

भोपाल में NGT ने दो मस्जिदों को हटाने का दिया आदेश, वक्फ बोर्ड ने हाईकोर्ट का किया रूख, सियासी बहस जारी

अगली सुनवाई 8 जनवरी

इस मामले की सुनवाई एनजीटी में जस्टिस पुष्पा सत्यानारायणा और एक्सपर्ट मेंबर सुधीर कुमार चतुर्वेदी की पीठ ने की। पीठ ने कहा कि केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति की बैठक के मिनट्स प्रस्तुत होने तक पेड़ों की कटाई पर रोक रहेगी। एनजीटी ने अगली सुनवाई की तारीख 8 जनवरी 2026 तय की है।

भोपाल में प्रस्तावित सड़क परियोजना 16 किलोमीटर लंबी है। इसे फोरलेन से चौड़ा किया जाना है। इस परियोजना के तहत 8 हजार से 12 हजार पेड़ों की कटाई का प्रस्ताव था। मंगलवार (23 दिसंबर) से पेड़ काटने का काम शुरू हुआ था। एनजीटी के हस्तक्षेप के बाद इस पर रोक लगा दी गई।

राजस्थान में उड़ाई NGT नियमों की धज्जियां, अब अलवर नगर निगम भरेगा 77 लाख का जुर्माना

NGT

लाखों पेड़ काटे गए

एनजीटी में याचिका दायर करने वाले नितिन सक्सेना ने कहा कि पेड़ों की कटाई तय मानकों के अनुसार नहीं हो रही थी। उन्होंने बताया कि भोपाल में बीआरटीएस, स्मार्ट सिटी, कोलार सिक्सलेन और मेट्रो प्रोजेक्ट्स के तहत लाखों पेड़ काटे गए हैं। हर बार पौधरोपण की बात की गई, लेकिन उसका असर जमीन पर नहीं दिखा।

याचिकाकर्ता के वकील हरप्रीत सिंह गुप्ता ने एनजीटी को बताया। पहले के आदेशों के बावजूद कोई सशक्त समिति नहीं गठित की गई। यह समिति तय करती कि कम पेड़ काटकर परियोजना कैसे पूरी की जाए। कटे हुए पेड़ों की क्षतिपूर्ति और पौधों को जीवित रखने पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।

ग्वालियर में अमित शाह का दौरा, बदहाल सड़कों को लेकर कांग्रेस ने उठाए सवाल

मध्यप्रदेश: इंदौर के शास्त्री ब्रिज को बचाने के लिए अब फुटपाथ को खोदकर भर रहे कांच के टुकड़े

पेड़ों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं

एनजीटी ने आदेश में स्पष्ट किया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पेड़ों को काटे बिना अन्य कार्य जारी रख सकता है। आदेश में कहा गया है कि अगली सुनवाई तक पेड़ों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाए।

मध्यप्रदेश भोपाल ngt एनएचएआई भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण
Advertisment