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BHOPAL.भोपाल में अयोध्या बायपास चौड़ीकरण के लिए पेड़ कटाई पर एनजीटी ने 8 जनवरी 2026 तक रोक लगाई। निर्माण कार्य सशर्त जारी रहेगा। दरअसल भोपाल में सड़क विकास परियोजनाओं के बीच एक अहम आदेश आया।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने आसाराम तिराहा से रत्नागिरी तिराहा तक फोरलेन सड़क के चौड़ीकरण पर पेड़ों की कटाई रोक दी। एनएचएआई द्वारा शुरू की गई पेड़ कटाई फिलहाल अगली सुनवाई तक रोक दी गई है। एनजीटी ने कहा कि पेड़ों को नुकसान पहुंचाए बिना अन्य काम जारी रखा जा सकता है।
अगली सुनवाई 8 जनवरी
इस मामले की सुनवाई एनजीटी में जस्टिस पुष्पा सत्यानारायणा और एक्सपर्ट मेंबर सुधीर कुमार चतुर्वेदी की पीठ ने की। पीठ ने कहा कि केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति की बैठक के मिनट्स प्रस्तुत होने तक पेड़ों की कटाई पर रोक रहेगी। एनजीटी ने अगली सुनवाई की तारीख 8 जनवरी 2026 तय की है।
भोपाल में प्रस्तावित सड़क परियोजना 16 किलोमीटर लंबी है। इसे फोरलेन से चौड़ा किया जाना है। इस परियोजना के तहत 8 हजार से 12 हजार पेड़ों की कटाई का प्रस्ताव था। मंगलवार (23 दिसंबर) से पेड़ काटने का काम शुरू हुआ था। एनजीटी के हस्तक्षेप के बाद इस पर रोक लगा दी गई।
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लाखों पेड़ काटे गए
एनजीटी में याचिका दायर करने वाले नितिन सक्सेना ने कहा कि पेड़ों की कटाई तय मानकों के अनुसार नहीं हो रही थी। उन्होंने बताया कि भोपाल में बीआरटीएस, स्मार्ट सिटी, कोलार सिक्सलेन और मेट्रो प्रोजेक्ट्स के तहत लाखों पेड़ काटे गए हैं। हर बार पौधरोपण की बात की गई, लेकिन उसका असर जमीन पर नहीं दिखा।
याचिकाकर्ता के वकील हरप्रीत सिंह गुप्ता ने एनजीटी को बताया। पहले के आदेशों के बावजूद कोई सशक्त समिति नहीं गठित की गई। यह समिति तय करती कि कम पेड़ काटकर परियोजना कैसे पूरी की जाए। कटे हुए पेड़ों की क्षतिपूर्ति और पौधों को जीवित रखने पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
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पेड़ों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं
एनजीटी ने आदेश में स्पष्ट किया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पेड़ों को काटे बिना अन्य कार्य जारी रख सकता है। आदेश में कहा गया है कि अगली सुनवाई तक पेड़ों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाए।
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