MP News: मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने आगामी सत्र से अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू करने का निर्णय लिया है। पुरुषों के लिए पैंट-शर्ट, समर जैकेट और बंद गले का कोट तय किया गया है। महिलाओं के लिए साड़ी और ब्लाउज निर्धारित किए गए हैं। यह ड्रेस कोड वेल ऑफ द हाउस में काम करने वाले अफसरों-कर्मचारियों पर लागू होगा। सचिवालय इन कपड़ों की व्यवस्था करेगा। इसके लिए इच्छुक कंपनियों से 10 जून तक कोटेशन मांगे गए हैं।
तय की गई ड्रेस
ड्रेस कोड के अनुसार पुरुष अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पैंट-शर्ट, समर जैकेट और बंद गले का कोट तय किया गया है। महिलाओं के लिए साड़ी और ब्लाउज निर्धारित हैं। ये यूनिफॉर्म गरिमापूर्ण होने के साथ कार्यस्थल पर औपचारिकता और अनुशासन का प्रतीक होंगी। अब तक केवल शालीन परिधान पहनने के निर्देश थे। अब यह यूनिफॉर्म के रूप में लागू होगा।
ये खबर भी पढ़िए... मध्य प्रदेश विधानसभा में गूंजा संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों का मुद्दा, सरकार ने दिया ये जवाब
सचिवालय कराएगा यूनिफॉर्म उपलब्ध
विधानसभा सचिवालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कर्मचारियों को यह कपड़े खुद नहीं खरीदने होंगे। सचिवालय खुद यह यूनिफॉर्म प्रदान करेगा। इसके लिए इच्छुक वस्त्र निर्माताओं से टेंडर मंगाए गए हैं। कंपनियों को 10 जून 2025 तक ऑफर देने का समय दिया गया है। इसके बाद कोई भी स्वीकार नहीं की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया के जरिए गुणवत्तापूर्ण और एकरूप ड्रेस तैयार करने की योजना है।
ये खबर भी पढ़िए... मध्य प्रदेश विधानसभा में जोरदार हंगामा, जयवर्धन सिंह ने उठाया शिक्षकों की कमी का मुद्दा
क्या होता है ‘वेल ऑफ द हाउस’?
‘वेल ऑफ द हाउस’ उस क्षेत्र को कहा जाता है, जहां विधानसभा सचिवालय की प्रमुख शाखाओं के अधिकारी-कर्मचारी बैठते हैं। इनमें विधान, प्रश्न और ध्यानाकर्षण शाखा के कर्मचारी शामिल होते हैं। यह अधिकारी सदन की कार्यवाही के संचालन में अहम भूमिका निभाते हैं। विशेष रूप से सचिवालय की रिपोर्टिंग विंग के सदस्य पूरे समय सदन में उपस्थित रहते हैं, जो सदन की कार्यवाही को रिकॉर्ड करते हैं और दस्तावेजीकरण सुनिश्चित करते हैं।
ये खबर भी पढ़िए... विधानसभा में ‘ गायब ’ हुआ सवाल : सिस्टम के खेल में दबी विधायक की आवाज
ये खबर भी पढ़िए... मध्य प्रदेश विधानसभा होगी पेपरलेस, आईपैड में आएंगे दस्तावेज और नोटिस
सदन की कार्यवाही में आएगा नया अनुशासन
अब तक विधानसभा में ड्रेस को लेकर कोई विशेष मानक नहीं था। नए निर्णय से सदन की कार्यवाही में शामिल अधिकारियों की एक पहचान बनेगी। इससे पूरे सिस्टम में व्यावसायिकता और पारदर्शिता बढ़ेगी। यह कदम व्यवस्था में सुधार और नई प्रशासनिक सोच को दर्शाता है।
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, दोस्तों, परिवारजनों के साथ 🤝 शेयर करें
📢🔄 🤝💬👫👨👩👧👦