/sootr/media/media_files/2025/07/29/mp-vidhan-sabha-monsoon-session-29-july-2025-07-29-08-26-15.jpg)
मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र इस समय चल रहा है और मंगलवार (29 जुलाई) को सत्र का दूसरा दिन है। आज वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश करेंगे। इसके साथ ही सत्र में विपक्ष ने सरकार के खिलाफ कई अहम मुद्दों को उठाने की योजना बनाई है। इनमें से प्रमुख मुद्दे हरदा लाठीचार्ज (Harda Lathi Charge) और देवास जिले के खिवनी में आदिवासियों के घरों को तोड़े जाने से संबंधित हैं। कांग्रेस विधायक इस सत्र में इन मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं।
जानें अनुपूरक बजट में क्या होगा खास
मध्य प्रदेश विधानसभा में आज वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश करेंगे। यह बजट मुख्य रूप से केंद्र प्रायोजित योजनाओं और जनहित योजनाओं पर केंद्रित होगा, जिसमें महिलाओं, युवाओं, किसानों और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी जाएगी।
वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि वे अपने बजट प्रस्ताव 13 जून तक भेजें, ताकि समय पर समीक्षा कर बजट तैयार किया जा सके। इस बजट में फिजूल खर्च पर कड़ी रोक लगाई गई है, और अधिकारियों के लिए वाहन खरीद के प्रस्तावों को मंजूरी नहीं दी जाएगी। यह अनुपूरक बजट मुख्य रूप से मार्च 2025 में प्रस्तुत किए गए 4.21 लाख करोड़ रुपए के पेपरलेस मुख्य बजट का विस्तार होगा।
ये खबर भी पढ़िए...एमपी में 29 जुलाई को पेश होगा मोहन सरकार का पहला सप्लीमेंट्री बजट
जानें क्या है हरदा लाठीचार्ज का मुद्दा
13 जुलाई को हरदा जिले में स्थित राजपूत छात्रावास में पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसके बाद कई छात्रों और लोगों ने इसका विरोध किया था। इस घटना के बाद राज्य में भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे और कांग्रेस ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की योजना बनाई है। कांग्रेस के विधायक चाहते हैं कि इस लाठीचार्ज के पीछे की वजहों को स्पष्ट किया जाए और दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। इस घटना ने पुलिस और सरकार की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े किए हैं, जिनका जवाब सरकार को देना होगा।
मानसून सत्र के दूसरे दिन पर एक नजर...
|
देवास में आदिवासियों के घर तोड़ने का मुद्दा
इसके अलावा, देवास जिले के खिवनी क्षेत्र में एक विवादास्पद घटना घटी थी, जिसमें बारिश के दौरान आदिवासियों के घरों को तोड़ दिया गया। कांग्रेस ने इस मुद्दे को भी उठाने का फैसला किया है और दावा किया है कि सरकार ने जानबूझकर आदिवासियों के अधिकारों का उल्लंघन किया है। इस मामले में भी सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं, और विपक्षी दल चाहते हैं कि इस मामले में न्याय हो और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
खराब सड़कों की समस्या को लेकर होगा हंगामा
मध्यप्रदेश में इस वक्त बारिश का मौसम है और इसके चलते प्रदेश की कई सड़कों की हालत खराब हो गई है। कई इलाकों में सड़कों की मरम्मत नहीं की गई है, जिससे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी विधायक इस मुद्दे को भी विधानसभा में उठाने की योजना बना रहे हैं, ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके और खराब सड़कों को शीघ्र ठीक करने की दिशा में कार्रवाई की जा सके।
मूंग खरीदी और खाद वितरण में अनियमितताएं
विधानसभा सत्र में विपक्षी विधायक मूंग खरीदी में गड़बड़ी और खाद वितरण में हुई अनियमितताओं के मुद्दे को भी उठा सकते हैं। इन दोनों मुद्दों को लेकर विपक्षी दल सरकार पर निशाना साधने के लिए तैयार हैं। मूंग खरीदी में अनियमितताओं के कारण किसानों को कठिनाई का सामना करना पड़ा है, वहीं खाद वितरण की समस्या भी किसानों के लिए एक बड़ी चिंता बन चुकी है।
तीन सरकारी विधेयक और अनुपूरक बजट
इस सत्र में तीन महत्वपूर्ण सरकारी विधेयकों को पेश किया जाएगा। इसके अलावा, अनुपूरक बजट भी 8 अगस्त तक इस सत्र में पेश किया जाएगा। इस सत्र के लिए कुल 3377 सवालों में से 2076 सवाल ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं, जबकि ऑफलाइन सवालों की संख्या 1301 है। इसके अलावा 226 ध्यानाकर्षण, 23 अशासकीय संकल्प और 65 शून्यकाल की सूचनाएं विधायकों की ओर से दी गई हैं।
पहले ही दिन गिरगिट लेकर पहुंचे कांग्रेस विधायक
मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र पहला दिन (29 जुलाई) ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर खासा हंगामेदार रहा। कांग्रेस ने विधानसभा में ओबीसी समुदाय को 27% आरक्षण देने की मांग करते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस विधायक गिरगिट के कटआउट लेकर पहुंचे।
इस मुद्दे ने सियासी तापमान को बढ़ा दिया है, जहां कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ओबीसी वर्ग के हक को सही तरीके से नहीं दे रही है। वहीं, बीजेपी कांग्रेस से जवाब मांग रही है। कांग्रेस विधायक नितेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि पार्टी पूरी ताकत से सदन में जनता की आवाज उठाएगी और नल जल घोटाले समेत अन्य मुद्दों पर सरकार से जवाब तलब करेगी। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि बीजेपी ओबीसी का वोट तो चाहती है, लेकिन उन्हें उनका अधिकार नहीं देना चाहती।
विधानसभा परिसर में प्रदर्शन पर रोक
इस सत्र से पहले विधानसभा सचिवालय ने सभी विधायकों को एक पत्र भेजा है, जिसमें नारेबाजी और प्रदर्शन (Protests) पर रोक लगाने की अपील की गई थी। इसका कारण विधायकों की सुरक्षा है, और यह फैसला 10 जुलाई को लिया गया था। वहीं, विपक्षी विधायक इस निर्णय का विरोध कर सकते हैं और इसे सदन में उठाने की संभावना है।
विधानसभा की सुरक्षा के लिए कड़े कदम
विधानसभा परिसर में सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए गए हैं। विधानसभा परिसर और दर्शक दीर्घा में प्रवेश पत्र (Entry Passes) सीमित संख्या में जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, विधायकों को यह निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी बाहरी व्यक्ति को अपने साथ वाहन में लाकर विधानसभा परिसर में प्रवेश न कराएं।
प्रवेश के नियमों का पालन
मानसून सत्र के दौरान, विधानसभा परिसर और दर्शक दीर्घा में प्रवेश के लिए कड़े नियम लागू किए गए हैं। केवल दो व्यक्तियों को ही दर्शक दीर्घा में प्रवेश की अनुमति होगी, और यह अनुमति एक घंटे के लिए होगी। इसके अलावा, सत्र के दौरान किसी भी विधायक को बिना प्रवेश पत्र के गैर व्यक्तियों को विधानसभा परिसर में लाने की अनुमति नहीं होगी।
thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्स और एजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃
🤝💬👩👦👨👩👧👧👩
मप्र मानसून सत्र | मानसून सत्र न्यूज | मध्यप्रदेश मानसून सत्र 2025 | एमपी कांग्रेस | एमपी बीजेपी