MP Vyapam scam : बिना परीक्षा के बन गए आरक्षक, CBI कोर्ट ने सुनाई सजा
आरक्षक भर्ती मामले में CBI की विशेष कोर्ट ने सजा सुनाते हुए सात आरोपियों को 7-7 साल के कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
एमपी के Vyapam घोटाले के मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। आरक्षक भर्ती मामले में CBI की विशेष कोर्ट ने सजा सुनाते हुए सात आरोपियों को 7-7 साल के कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस पूरे मामले में STF ने मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा साल 2013 के मामले में 16 मई 2015 में चालान पेश किया था।
दरअसल कोर्ट ने 60 गवाहों करीब 295 दस्तावेजों और आर्टिकल्स के आधार पर तीन आरोपी चरण सिंह सिकरवार, विवेक त्यागी, सुनील रावत और 5 प्रतिरूपकों बृजेन्द्र सिंह रावत, संदीप नायक, हरिओम रावत श्रीनिवास सिंघल को सजा सुनाई गई है।
मध्य प्रदेश व्यावसायिक मंडल ने 7 अप्रैल 2013 को पुलिस विभाग के लिए आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। इस परीक्षा में विवेक त्यागी, चरण सिंह सिकरवार और सुनील रावत ने साल्वर बैठाए थे। फिजिकल टेस्ट भी इन्हीं लोगों की मदद से पास कर सभी कांस्टेबल बन गए थे।
एमपी Vyapam घोटाले के संबंध में हाल में कौन सा खुलासा हुआ है ?
एमपी के Vyapam घोटाले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसमें CBI की विशेष कोर्ट ने आरक्षक भर्ती मामले में सात आरोपियों को 7-7 साल की कारावास की सजा सुनाई है।
आरोपियों को सजा कब सुनाई गई ?
आरोपियों को हाल ही में सजा सुनाई गई, जिसमें उन्हें 7-7 साल के कारावास के साथ-साथ 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
इस मामले में कितने गवाहों और दस्तावेजों का उपयोग किया गया?
इस मामले में 60 गवाहों और करीब 295 दस्तावेजों और आर्टिकल्स का उपयोग किया गया था।
आरोपियों ने किस प्रकार से धोखाधड़ी की थी?
आरोपियों ने परीक्षा में साल्वर बैठाने का काम किया था, जिससे वे फिजिकल टेस्ट पास करके कांस्टेबल बन गए।
किस तारीख को मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी?
मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन 7 अप्रैल 2013 को किया गया था।