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मध्यप्रदेश में अप्रैल की शुरुआत बादलों के साथ होने वाली है। मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार से ही मौसम में बदलाव की शुरुआत हो गई थी। राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई हिस्सों में बादल छाए रहे और देर शाम हल्की बूंदाबांदी भी हुई। अगले 3-4 दिनों तक प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम का मिजाज इसी तरह रहने की संभावना जताई जा रही है।
इस समय तापमान में भी गिरावट देखी जा सकती है, जिससे गर्मी का असर कुछ कम हो सकता है। भोपाल में 3 डिग्री की गिरावट के साथ तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकांश शहरों में दिन का तापमान 35 से 39 डिग्री के बीच रहा। सबसे अधिक तापमान नर्मदापुरम में 39.4 डिग्री, उज्जैन में 38.5 डिग्री और बैतूल में 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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ओले और बारिश का अलर्ट
बता दें कि, मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में कई जिलों में ओले गिरने और बारिश का अलर्ट जारी किया है। 1 अप्रैल से लेकर 4 अप्रैल तक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मौसम के बिगड़ने की संभावना है।
अगले 4 दिन का मौसम पूर्वानुमान
- 1 अप्रैल: बड़वानी, खरगोन, खंडवा में बारिश और ओले गिर सकते हैं। सीहोर, रायसेन, सागर, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, सिवनी, बालाघाट, पांढुर्णा, बैतूल, हरदा और बुरहानपुर में तेज आंधी और गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। हवा की गति 30 से 50 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है।
- 2 अप्रैल: इंदौर, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सिवनी, पांढुर्णा में ओले गिरने का अलर्ट है।
- 3 अप्रैल: नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला में ओले गिरने की संभावना है, जबकि ग्वालियर, भिंड, दतिया, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, विदिशा, रायसेन, हरदा, डिंडौरी, अनूपपुर, शहडोल, पन्ना और सतना में हल्की बारिश, गरज-चमक और तेज आंधी का अलर्ट है।
- 4 अप्रैल: सिवनी में ओले गिरने का अलर्ट है, वहीं मंडला और बालाघाट में तेज आंधी चल सकती है।
इस अलर्ट के कारण किसानों को खासतौर पर चिंता हो सकती है, क्योंकि प्रदेश में इस समय गेहूं की फसल खड़ी है या कटने वाली है। बारिश और ओले से फसल को नुकसान होने की संभावना है।
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किसान और आय केंद्रों पर संकट
प्रदेश में गेहूं की फसल कट रही है और खड़ी भी है। बारिश और ओले की वजह से इन फसलों को नुकसान हो सकता है। वहीं, उपार्जन केंद्रों में 1 लाख 1 हजार 8 सौ 36 मीट्रिक टन गेहूं खुले में रखा हुआ है, जिसे बारिश और ओलों से भीगने का खतरा है। परिवहन की धीमी गति के कारण फसल की क्षति हो सकती है। इस मौसम परिवर्तन से न केवल किसानों को, बल्कि अन्य क्षेत्रों को भी परेशानी हो सकती है।
पश्चिमी मध्यप्रदेश में मौसम का प्रभाव
वहीं सोमवार को पश्चिमी सीहोर, खंडवा, दक्षिण खरगोन, बुरहानपुर, नर्मदापुरम और देवास जिलों में गरज-चमक की स्थिति रही। कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी भी हुई। तापमान में गिरावट आई और नर्मदापुरम में 39.4 डिग्री, रतलाम में 39.2 डिग्री, मंडला में 39.2 डिग्री, सिवनी में 38.2 डिग्री, बैतूल में 38 डिग्री, खजुराहो में 37.6 डिग्री, शाजापुर-गुना में 37.5 डिग्री, नरसिंहपुर, खरगोन-दमोह में 37.4 डिग्री, छिंदवाड़ा में 37.2 डिग्री, सागर-सतना में 37 डिग्री रहा।
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अप्रैल-मई में बढ़ेगा हीट वेव का असर
मौसम विभाग के मुताबिक, अप्रैल और मई में हीट वेव का असर ज्यादा हो सकता है। 30 से 35 दिनों तक गर्म हवाएं चल सकती हैं। मार्च से ही गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है, और मौसम विभाग ने मई तक 15 से 20 दिनों तक हीट वेव चलने का अनुमान जताया है।
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