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नाम मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग, वैधानिकता– संवैधानिक संस्था, काम– राज्य स्तर पर सबसे बड़ी भर्ती करने वाली संस्था, कुल मेंबर– 1 चेयरमैन प्लस 4 मेंबर, कुल 5, अभी स्थिति– 1 चेयरमैन और दो सदस्य। यह है मप्र में संवैधानिक संस्था की हालत।
आपको सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात बताते हैं, द सूत्र ने बीते 20 सालों के रिकॉर्ड खंगाले, और इन सालों में आयोग में कभी भी पूरे सदस्य नियुक्त ही नहीं हुए। जी हां, चेयरमैन व 4 मेंबर सहित कुल पांच लोगों की संख्या वाले आयोग में बीते 20 सालों में पूरे पद भरे ही नहीं गए।
अभी इस तरह बचे तीन लोग
आयोग में वर्तमान चेयरमैन डॉ. राजेश लाल मेहरा हैं, ये बतौर सदस्य जुलाई 2017 में आयोग में आए, फिर 2020 तक मेंबर रहे और इसके बाद चेयरमैन पद पर हैं। आयोग में सदस्य डॉ. कृष्णकांत शर्मा हैं, जो दिसंबर 2021 में सदस्य बने। आयोग में एक अन्य सदस्य अभी प्रोफेसर नरेंद्र कोष्ठी हैं, जो 1 मार्च 2024 को ही मेंबर बने थे।
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ये हुए रिटायर
आयोग में जुलाई 2019 में नियुक्त हुए चंद्रशेखर रायकवार 9 जुलाई 2025 को रिटायर हो गए। देखिए हालत 20 साल में कभी पांच योग्य उम्मीदवार नहीं मिले।
अब सरकार की हालत देखिए, बीते 20 सालों में 2005-06 से अभी 2025 तक MP सरकार ने आयोग में केवल 13 सदस्यों की नियुक्ति की है।
यानी आयोग में कभी भी पूरे सदस्य रहे ही नहीं और हमेशा तीन-चार सदस्यों (चेयरमैन सहित) के साथ ही आयोग का काम चलता रहा।
मजे की बात यह कि रिटायरमेंट तो पहले से तय होता है
संविधान के प्रावधान के तहत राज्य लोक सेवा आयोग में पदस्थापना से 6 साल तक या अधिकतम 62 साल की उम्र तक कार्य करने का प्रावधान है। वहीं, संघ लोक सेवा आयोग में यह अधिकतम उम्र 65 साल है।
यानी नियुक्त वाला सदस्य कब तक आयोग में काम करेगा, यह पहले दिन से ही तय होता है। इसके बाद भी सरकार द्वारा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के लिए कभी भी समय पर फाइल नहीं चलाई जाती है।
सदस्य बनने खास योग्यता की भी कोई जरूरत नहीं
संविधान के प्रावधान के तहत देखें तो सदस्य के लिए विशेष योग्यता भी नहीं है, केवल आधे से अधिक सदस्य दस साल तक केंद्र या राज्य सरकार के अधीन काम किए हुए होना चाहिए, इसमें न्यायिक सेवा वाले भी हो सकते हैं। बस वह लाभ के पद पर नहीं हों।
बाकी सदस्यों के लिए तो यह भी अनिवार्यता नहीं है। यानी आयोग के लिए सदस्य चुनना कोई बड़ी बात नहीं है। मप्र में हजारों की संख्या में लोकसेवक मौजूद हैं, न्यायिक सेवा वाले भी हैं, इसके साथ ही प्रोफेसर सहित कई ऐसे योग्य मौजूद हैं, जिन्हें सदस्य बनाया जा सकता है। इनकी नियुक्ति मप्र शासन की अनुशंसा पर राज्यपाल द्वारा की जाती है। एक बार नियुक्त हो चुके सदस्य की दूसरी बार नियुक्ति नहीं होती है।
ऐसे समझिए पूरी खबर
- मप्र लोक सेवा आयोग (MPPSC) में अभी केवल 1 चेयरमैन और 2 सदस्य ही हैं।
- बीते 20 सालों में आयोग के सभी 5 पद कभी एकसाथ भरे ही नहीं गए।
- अब तक केवल 13 लोगों की ही नियुक्ति हुई, जबकि योग्य उम्मीदवारों की कोई कमी नहीं।
- सदस्यों की कमी के कारण इंटरव्यू प्रक्रिया धीमी हो गई है, जिससे चयन में देरी होगी।
- राज्य सेवा समेत कई भर्ती परीक्षाओं के इंटरव्यू अटके हुए हैं, तारीखें तय नहीं हो पा रहीं।
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बीते 20 सालों में केवल इनकी हुई नियुक्ति
- 2006 में– शोभा पैठणकर
- 2007– प्रकाश भर्तुनिया
- 2012– विपिन ब्योहर, एनके तनेजा, एसपी गौतम
- 2016– भास्कर चौबे
- 2017– आरएल मेहरा, सीमा शर्मा
- 2019– चंद्रशेखर रायकवार
- 2020– देवेंद्र सिंह मरकाम और रमन सिंह सिकरवार
- 2021– डॉ. कृष्णकांत शर्मा
- 2024– नरेंद्र कोष्ठी
क्यों जरूरी है आयोग में सभी सदस्य
आयोग में बाकी प्रशासनिक काम तो चलते रहते हैं, भले ही सभी पांच लोग पूरे हों या नहीं। लेकिन इनकी सबसे अहम जरूरत होती है इंटरव्यू के लिए। किसी भी इंटरव्यू के लिए इसमें आयोग के एक मेंबर की उपस्थिति अनिवार्य होती है।
यदि चेयरमैन सहित चारों मेंबर होते हैं, तो कुल पांच बोर्ड मेंबर बन सकते हैं। लेकिन जैसे अभी केवल तीन लोग हैं, तो बोर्ड तीन ही बन सकते हैं। औसतन एक बोर्ड में हर दिन औसतन 15 अभ्यर्थियों के इंटरव्यू हो सकते हैं, यानी जो इंटरव्यू हर दिन 70-80 के हो सकते हैं, वह अभी केवल 50 तक ही सीमित हो जाएंगे, यानी इंटरव्यू की प्रक्रिया लंबी चलेगी, जिसके चलते अंतिम चयन प्रक्रिया में देरी होगी।
अभी यह सभी इंटरव्यू होना है, जिसके लिए तारीख नहीं तय हो रही
अभी वर्तमान में राज्य सेवा परीक्षा 2023 के इंटरव्यू 7 जुलाई से शुरू हुए हैं। इसमें 800 उम्मीदवारों के इंटरव्यू होना है, यानी पांच बोर्ड होने पर जो प्रक्रिया 15 दिन में पूरी हो सकती थी, वह अब 40 दिन से ज्यादा में पूरी होगी, यानी तब तक बाकी इंटरव्यू रुके रहेंगे।
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2022 के कई विषयों के इंटरव्यू बाकी
अभी असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2022 के कई विषयों के इंटरव्यू बाकी हैं। सहायक संचालक ग्रामोद्योग तकनीकी के इंटरव्यू शेड्यूल तय नहीं। राज्य सेवा परीक्षा 2024 के इंटरव्यू की तारीख तय नहीं हो सकी है। फिर असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2024 के भी इंटरव्यू होने हैं, जो लंबे चलते हैं। ग्रंथपाल परीक्षा 2022 के इंटरव्यू बाकी हैं, क्रीड़ा अधिकारी 2022 के भी बाकी चिकित्सा अधिकारी 2024 के भी इंटरव्यू होने हैं।
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MPPSC Chairman | Indore | MP News पीएससी चेयरमैन डॉ. राजेश लाल मेहरा