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मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) की राज्य सेवा परीक्षा 2025 (MPPSC 2025) के केस को लेकर लगी दोनों याचिकाओं पर आखिरकार सुनवाई की घड़ी आ गई है। यह केस चीफ जस्टिस की बेंच में 23 सितंबर मंगलवार को 21वें नंबर पर लिस्ट किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि इसमें सुनवाई हो जाएगी।
परीक्षा नियम 2015 को लेकर लगी है याचिका
याचिकाकर्ताओं ने याचिका क्रमांक WP 9253/2025 और 11444/2025 द्वारा परीक्षा नियम 2015 को लेकर आपत्ति ली है और कहा है कि यह नियम संविधान के खिलाफ है। इस नियम के अनुसार यदि किसी उम्मीदवार ने किसी स्तर पर आरक्षित वर्ग को मिलने वाली किसी भी छूट का लाभ लिया है तो उसे फिर अंतिम मेरिट तक अपनी कैटेगरी में ही रहना होगा और वह अंकों के आधार पर मेरिट से अनारक्षित कैटेगरी में नहीं आ सकते हैं।
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अंतिम सुनवाई में 21 जुलाई को यह हुआ था
इस मामले में 21 जुलाई को अंतिम सुनवाई हुई थी और चीफ जस्टिस बेंच ने मेंस कराने पर सहमति दी थी और साथ ही आयोग से राज्य सेवा परीक्षा 2025 की मेंस का शेड्यूल मांगा था। इसके बाद दो सप्ताह बाद की तारीख लगाई थी जो 5 अगस्त थी। लेकिन इसके बाद यह केस लिस्ट पर नहीं आ सका। अब यह लिस्ट हुआ है।
आयोग मेंस के लिए कब की कर रहा तैयारी
आयोग ने पूर्व में इस परीक्षा को अक्टूबर माह में ही कराने की तैयारी की थी लेकिन एमपी हाईकोर्ट में केस नहीं लगने के चलते अब इसमें देरी होगी। फिर भी आयोग इसे जल्द से जल्द कराने की तैयारी कर रहा है और इसके लिए नवंबर माह में विंडो देखी जा रही है। बहुत कुछ हाईकोर्ट के आदेश पर भी निर्भर करेगा।
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याचिका खारिज होना तय, सुप्रीम कोर्ट से आ चुका फैसला
परीक्षा नियम 2015 में जिस मुद्दे को लेकर याचिका लगी है, यह मुद्दा कोई पहली बार नहीं उठाया गया है। इसके पहले ही सुप्रीम कोर्ट अपने विविध केस में इस संबंध में फैसला दे चुका है। और तो और सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर को ही त्रिपुरा हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ लगी याचिका में फिर दोहराया है और आदेश दिया है कि यदि आरक्षित कैटेगरी में कोई छूट ली है और भर्ती विज्ञापन में लिखा है कि छूट लेने पर उसे अनारक्षित में शिफ्ट नहीं करेंगे तो इसमें कोई राहत नहीं दी जाएगी और उन्हें संबंधित कैटेगरी में ही रहना होगा।
कानूनी जानकारों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बहुत साफ कर दिया है। इसलिए इस याचिका का अब कोई तुक नहीं बनता है। वैसे भी यह नियम साल 2000 से ही चल रहा है और केंद्र के कार्मिक मंत्रालय भी यूपीएससी (UPSC ) में यह नियम लागू करता है। इसी कारण से यूपीएससी टॉपर रह चुकीं टीना डाबी को मेरिट में टॉप के बाद भी उनकी आरक्षित सीट में ही रखा गया था और अनारक्षित में शिफ्ट नहीं किया गया था। क्योंकि उनके द्वारा प्री में आरक्षित कैटेगरी के कटऑफ अंक की छूट ली गई थी।
शिक्षक वर्ग टू के अंतरिम आदेश में भी यह आदेश
ईएसबी (एमपी कर्मचारी चयन मंडल) द्वारा हुई शिक्षक वर्ग टू के 10758 पदों का रिजल्ट भी होल्ड पर था इसमें भी विविध छूट के साथ कुछ उम्मीदवारों ने यह मामला उठाया था कि उन्हें मेरिट में आने के बाद भी अनारक्षित कैटेगरी में शिफ्ट नहीं किया गया है। इस पर 28 अगस्त को आदेश जारी करते हुए चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ ने ईएसबी को रिजल्ट जारी करने की अंतरिम राहत दे दी। साथ ही इसमें लिखा है कि-
प्रतिवादियों द्वारा दाखिल रिटर्न के अनुसार, याचिकाकर्ता ने आरक्षित वर्ग के लिए उपलब्ध छूट का लाभ पहले ही प्राप्त कर लिया है, इसलिए याचिकाकर्ता अनारक्षित सीट के लिए पात्र नहीं होगा।
राज्य सेवा परीक्षा 2025 याचिका में अभी तक क्या हुआ25 मार्च 2 अप्रैल इस सुनवाई में आयोग से प्री के रिजल्ट की डिटेल मांगी गई, कटऑफ क्या है और कितने उम्मीदवार आरक्षित से अनारक्षित में गए। साथ ही दो लाइन लिखी गई कि हाईकोर्ट की मंजूरी के बिना मेंस नहीं होगी। 15 अप्रैल इस सुनवाई में आयोग ने पूरा डिटेल रिजल्ट प्री का बताया। इसमें था कि प्री में अनारक्षित कटऑफ 158, एससी का 142 अंक, एसटी का 128 अंक, ओबीसी का 154 (महिलाओं का 152) गया। 13 फीसदी प्रोवीजनल रिजल्ट में अनारक्षित कटऑफ 152 व ओबीसी का 150 अंक गया। यह भी बताया कि मेरिट अंक के आधार पर अनारक्षित कैटेगरी में मेरिट से जो 1140 उम्मीदवार मेंस के लिए चुने गए। इसमें एससी के 42, एसटी के 5, ओबीसी के 381 व ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के 262 उम्मीदवारों ने यानि विविध कैटेगरी के कुल 690 अभ्यर्थियों ने जगह बनाई है। 21 जुलाई करीब तीन माह बाद फिर सुनवाई हुई। इसमें आयोग ने मेंस कराने की मंजूरी मांगी, जिस पर बेंच ने कहा कि आपने प्री का रिजल्ट डिटेल बता दिया फिर मेंस पर रोक नहीं बची। इस पर आयोग ने बताया कि दो अप्रैल के आदेश में बिना हाईकोर्ट मंजूरी के मेंस कराने पर रोक है। इस पर बेंच ने कहा कि आप मेंस का शेड्यूल दीजिए, अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद करते हैं। इसके बाद 5 अगस्त तारीख लगी, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी। फिर नई तारीख 4 सितंबर लगी लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी, अब यह केस 23 सितंबर को लिस्ट हुआ है। | |