MPPSC का परीक्षा शेड्यूल बिगड़ा, असिस्टेंट प्रोफेसर जैसा ही कोर्ट में फंसा है मेंस 2023 का मुद्दा

असिस्टेंट प्रोफेसर के टलने की पहले कारण जानते हैं। जबलपुर हाईकोर्ट ने अतिथि विद्वान को मिली दस साल की उम्र सीमा पर लगी याचिका पर फैसला दिया कि, यह छूट आयोग द्वारा परीक्षा के जारी नोटिफिकेशन के बाद (6 अक्टूबर 2023) को आया है।

Advertisment
author-image
Pooja Kumari
New Update
MPPSC
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

संजय गुप्ता, INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा आगे बढ़ गई है, वजह ग्वालियर हाईकोर्ट में लगा हुआ केस है। इसे आगे बढ़ाने के बाद अब आयोग खुद कार्यशैली को लेकर घिर गया है, जब एक लिटिगेशन के आधार पर असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा आगे बढ़ सकती है तो फिर राज्य सेवा परीक्षा मेंस 2023 (11 से 16 मार्च) जिसे लेकर लगातार मांग चल रही है, उसे आयोग क्यों नहीं बढ़ा रहा है? रही परीक्षा शेड्यूल समय पर कराने की बात जिसकी दुहाई पीएससी बार-बार दे रह था, वह तो खुद आयोग की पटरी से उतर चुका है।

यह खबर भी पढ़ें - MPPSC असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा स्थगित, द सूत्र ने किया था खुलासा

आयोग का इस साल का शेड्यूल तो पहले ही बिगड़ चुका है

  • आयोग ने 22 सितंबर को इस साल का परीक्षा कैलेंडर जारी किया था, इसके अनुसार अभी तक यह परीक्षा हो जाना थी 
  • आयोग ने राज्य वन सेवा मेंस 2023 फरवरी में कराने का शेड्यूल रखा था - आयोग की खुद की ही कराधान परीक्षा इसी तारीख में आने से इसे आगे बढ़ा दिया गया
  • असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा - पहले 28 जनवरी में थी और फिर आयोग ने ही 3 मार्च में किया और अब स्थगित कर दिया गया है
  • राज्य सेवा प्री 2024 पर भी संकट - यह 28 अप्रैल को प्रस्तावित है लेकिन लोकसभा चुनाव की वोटिंग तारीख यदि इसके आसपास रही तो इसका भी एक महीने आगे बढ़ना तय है

इसी तरह इंटरव्यू की बात करें तो 

राज्य वन सेवा 2021 व राज्य सेवा 2021 के इंटरव्यू आयोग ने ही मार्च में शेड्यूल किए थे। वन सेवा की स्थिति अभी साफ नहीं है और राज्य सेवा के अप्रैल से मई तक होंगे, यानि एक माह यह भी देरी से ही है। मोटे तौर पर इंटरव्यू एक महीने पीछे चल रहे हैं।

 यह खबर भी पढ़ें - MP के सूचना आयुक्त ने MPPSC को लिया आड़े हाथ,लगाया 25 हजार का जुर्माना

अब बात लिटिगेशन की, पहले देखते हैं असिस्टेंट प्रोफेसर क्यों आगे बढ़ी

असिस्टेंट प्रोफेसर के टलने की पहले कारण जानते हैं। जबलपुर हाईकोर्ट ने अतिथि विद्वान को मिली दस साल की उम्र सीमा पर लगी याचिका पर फैसला दिया कि, यह छूट आयोग द्वारा परीक्षा के जारी नोटिफिकेशन के बाद (6 अक्टूबर 2023) को आया है, इसलिए यह छूट याचिकाकर्ता को पुरानी नोटिफाई परीक्षा के लिए नहीं दी जा सकती है। वहीं ग्वालियर हाईकोर्ट ने उलट फैसला दिया और याचिकाकर्ता को फार्म भराने का आदेश आयोग को दे दिया। इसमें आयोग रिव्यू में गया लेकिन उसका आदेश नहीं आया, लिटिगेशन में फंसने के चलते आयोग ने इसे स्थगित कर दिया।

 यह खबर भी पढ़ें - MPPSC असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा हाईकोर्ट के दो अलग-अलग फैसलों में उलझी, 3 मार्च को होना है, आयोग को रिव्यू ऑर्डर का इंतजार

अब लिटिगेशन तो राज्य सेवा प्री 2023 पर भी है

अब यही लिटिगेशन का ही आधार है तो फिर राज्य सेवा प्री 2023 पर भी सवाल खड़े हैं। क्योंकि जबलपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में लगी एक याचिका पर आयोग के प्री के तीन सवालों के मान्य जवाबों पर ही जवाब-तलब करते हुए विशेषज्ञ कमेटी की पूरी रिपोर्ट के साथ सचिव को तलब कर लिया है। साथ ही दो नंबर से मेंस के लिए क्वालीफाई करने से चूके उम्मीदवार को फॉर्म भराने के आदेश दे दिए। इसमें अगली सुनवाई 12 मार्च को होना है। कई और उम्मीदवार इसी आधार पर हाईकोर्ट चले गए हैं, कि उनके भी इन तीनों प्रश्नों में समस्या है तो वह भी अंक जोड़ने पर मेंस के लिए पात्र होते हैं। बाद इन तीनों प्रश्नों की करें तो इसमें यदि हाईकोर्ट आयोग का मंशा के विपरीत आदेश जारी करता है तो फिर प्री का पूरा रिजल्ट ही रिवाइज्ड करने की नौबत आ जाएगी। ऐसे में क्या आयोग दोबारा स्पेशल मेंस करेगा क्या? इससे बड़ा सवाल यही है कि जब मामला लिटिगेशन में फंस चुका है तो फिर आयोग इसमें अंतिम आदेश आने तक इंतजार क्यों नहीं कर रहा है? बाद में परीक्षा पर संकट आए, इससे बेहतर है इसमें समय बढ़ाया जाए।

 यह खबर भी पढ़ें - MPPSC की प्री 2023 पर हाईकोर्ट का औपचारिक आर्डर जारी, प्री रिजल्ट पर कमेंट नहीं

वैसे भी दिन तो मेंस तैयारी के लिए कम ही दिए हैं

वैसे भी राज्य सेवा मेंस की तैयारी के लिए उम्मीदवारों को समय कम ही मिला है। राज्य सेवा प्री 17 दिसंबर को हुई, रिजल्ट 18 जनवरी को आया और मेंस अब 11 से 16 मार्च को हो रही है। रिजल्ट से दो महीने भी नहीं मिल रहे हैं। पुराने उम्मीदवारों के लिए फिर भी है कि वह तैयारी कर रहे हैं, लेकिन पहली बार मेंस निकालने वाले उम्मीदवारों के लिए यह तैयारी काफी कठिनाई और मानसिक परेशानी भरी है। 

उम्मीदवारों की जगह कोचिंग संचालकों के जुड़ने से बिगड़ा मामला

दरअसल मेंस आगे बढ़ाने की मांग पर चले आंदोलन को लेकर आयोग ने तीन दिन तक बैठक की, लेकिन जब इसमें कोचिंग संचालकों का भी जुड़ाव पाया गया और फिर आपत्तिजनक मैसेज आयोग के पास पहुंचे तो बात बिगड़ गई। मामला यही आया कि यदि कोचिंग संचालकों के दबाव में परीक्षा आगे बढ़ाई गई तो फिर यह हर बार की आदत हो जाएगी और उम्मीदवार हमेशा संचालकों के कहने पर चलते रहेंगे जो उनके लिए सही नहीं होगा। यदि इस मांगपत्र के साथ केवल उम्मीदवार जाते तो पूरी संभावना थी कि उनके हक में फैसला जाता। जैसा कि अभी राज्य सेवा मेंस 2023 फार्म की विंडो खोलने का मुद्दा था, उम्मीदवार शांति से गए अपनी मांग और परेशानी बताई और आयोग ने वतीन दिन के लिए विंडो खोल दी।

यूजीसी की cuet भी इसी दौरान

यूजीसी द्वारा 11 से 28 मार्च से ही राष्ट्रीय स्तर पर पीजी कोर्स में एडमीशन के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट (cuet) आयोजित कराया जा रहा है। इसमें भी पीएससी की तैयारी करने वाले कई उम्मीदवार बैठेंगे। ऐसे में भी परीक्षा को आगे बढ़ाया जाना ही उचित होगा।

मप्र लोक सेवा आयोग MPPSC असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा ग्वालियर हाईकोर्ट