22 साल बाद MP में चलेंगी सरकारी बसें, सहमति बनी, कैबिनेट में लगेगी मुहर

मध्‍य प्रदेश में 22 साल बाद सरकार बस सेवा फिर से शुरू करेगी। इसका ड्राफ्ट आज मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग में अनुमोदन के लिए पेश किया जाएगा। यात्रियों को इस सेवा के शुरू होने से कई सुविधाएं मिलेंगी।

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Rohit Sahu
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मध्यप्रदेश में 22 साल बाद राज्य सरकार फिर से सार्वजनिक सड़क परिवहन व्यवस्था शुरू करने जा रही है। इस सेवा का नाम मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा (Mukhyamantri Sugam Parivahan Seva) होगा। सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति बनी। मंगलवार (1 अप्रैल) को कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।

राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी का होगा गठन

कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद प्रदेश में एक राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी बनाई जाएगी, जो सुगम परिवहन सेवा का संचालन करेगी। इस कंपनी के अंतर्गत 7 रीजनल सहायक कंपनियां बनाई जाएंगी, जो संभाग स्तर पर काम करेंगी। इनके मुख्यालय भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर और रीवा में होंगे।

होल्डिंग कंपनी के अधीन आएंगी BCLL और AICTSL

भोपाल की BCLL और इंदौर की AICTSL सहित अन्य सभी सिटी बस ट्रांसपोर्ट कंपनियां भी इस नई होल्डिंग कंपनी के अधीन आ जाएंगी। इसके अलावा, प्रदेश के गांवों को शहरों और पड़ोसी राज्यों के प्रमुख शहरों से भी जोड़ा जाएगा। हालांकि यात्रियों की जरूरत के आधार पर ही रूट तय होंगे।

तीन स्तरों पर होगी निगरानी

नई बस सेवा की निगरानी राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी, क्षेत्रीय कंपनियां और जिला यात्री परिवहन समिति करेंगी। ये संस्थाएं किराए, रूट चार्ट और सेवाओं में सुधार पर निर्णय लेंगी। बसों के रूट और संख्या निर्धारित करने के लिए संभागीय सर्वेक्षण किया जाएगा। तय किए गए रूट से हटकर बसों का संचालन नहीं होगा, जिससे यात्री सेवाओं में पारदर्शिता बनी रहेगी।

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ई-टिकटिंग और मोबाइल ऐप से मिलेगी सुविधा

यात्रियों और ऑपरेटरों की सुविधा के लिए मोबाइल ऐप और मॉनिटरिंग डैशबोर्ड उपलब्ध होगा। इसके जरिए यात्री ऑनलाइन टिकट बुकिंग कर सकेंगे। प्राइवेट ऑपरेटर मामूली कमीशन देकर सरकारी ई-टिकटिंग सिस्टम का उपयोग कर सकेंगे। बस टर्मिनल, चार्जिंग स्टेशन, बस स्टॉप और अन्य जरूरी सुविधाओं का विकास पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर किया जाएगा।

बसों से जुड़ेंगी कार्गो सेवाएं

राज्य सरकार बस ऑपरेटरों की आय बढ़ाने के लिए कार्गो सेवाओं को भी जोड़ेगी। इससे ई-कॉमर्स कंपनियां बसों के जरिए अपने उत्पादों की डिलीवरी कर सकेंगी, जिससे लागत में कमी आएगी। प्रदेश के हर जिले में बस डिपो बनाए जाएंगे, जहां बसों की पार्किंग और ऑपरेटरों के लिए ऑफिस जैसी सुविधाएं होंगी।

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2003 में बंद हुआ था सरकारी परिवहन निगम

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम 2003 में बंद कर दिया गया था। इसके बाद से अब पहली बार प्रदेश में सरकारी बस सेवा (Government Bus Services) दोबारा शुरू करने की योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा का उद्देश्य प्रदेशभर में सुगम, सुलभ और किफायती परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराना है।

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