संजय गुप्ता, INDORE. मप्र की राजनीति को हिलाने वाला हनी ट्रैप कांड फिर चर्चाओं में हैं। चार साल बाद इस मामले में फिर कोर्ट में तेजी दिख रही है। इसे देखते हुए द सूत्र ने इस पूरे कांड के जुड़े सैंकड़ों पन्नों, रिकॉर्ड को खंगाला है और इससे निकाली है खास छिपी हुई बातें जो अभी तक समाचारों की सुर्खियां नहीं बनीं। इसके साथ ही बताते हैं कि आखिर कितने मोबाइल, लैपटॉप और पैनड्राइव में छिपे हुए हैं वीडियो। इसमें एक सबसे खास है गुलाबी डायरी। क्या और किसकी है यह डायरी, कहां पर है? और इसमें क्या है? आइए आपको बताते हैं, इसका राज…
क्या है गुलाबी डायरी और क्यों है यह खास
एमपी हनी ट्रैप ( इंदौर हनी ट्रैप )की मास्टरमाइंड महिलाओं के पास रखी हुई गुप्त डायरी है, जिस पर गुलाबी रंग का कवर चढ़ा हुआ है। इस गुलाबी डायरी में पूरा हिसाब है कि अब तक किसे ब्लैकमेल किया गया है और उनसे कितनी राशि उगाही गई है। यह भी हिसाब है कि किन-किन के वीडियो बनाए गए हैं और उनसे राशि मिली या नहीं और मिली तो कितनी मिली। इस डायरी में हिसाब कोडवर्ड्स में हैं यानी इस डायरी की ही जांच हो जाए और कोडवर्ड्स क्रेक हो जाएं तो सब साफ हो जाएगा कि अभी तक ये किन्हें और कितने लोगों के साथ अश्लील वीडियो बनाकर राशि वसूल चुकी हैं।
खबर का वीडियो भी देखिए...
इसके साथ तीन और डायरियां, इसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग तक का हिसाब
इस गुलाबी रंग की डायरी के साथ ही तीन अन्य डायरियां है, जिसमें जमीन के महंगे सौदे की जानकारी के साथ ही रुपए का लेन-देन का हिसाब कोडवर्ड्स में लिखा गया है। इतना ही नहीं सबसे चौंकाने वाली बात है कि इसमें अधिकारियों के ट्रांसफर के कच्चे प्रस्ताव तक लिखे गए हैं, यानी यह गैंग अश्लील वीडियो के जरिए बनाए गए उच्चस्तर के संबंधों का फायदा बनाकर ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने का खेल भी खेल रही थी और कमाई कर रही थी। इस डायरी में ट्रांसफर-पोस्टिंग के मोल-भाव भी लिखे हुए हैं यानी किस पोस्ट के ट्रांसफर के लिए कितने रुपए लगेंगे।
इस कमाई का गैंग क्या कर रही थी, कहां हो रहा था निवेश
इन डायरियों में इस काली कमाई से हुई राशि का निवेश कहां हो रहा है यह भी हिसाब है। इस राशि का अधिकांश हिस्सा जमीनों में निवेश हो रहा था। साथ ही सोने की ज्वेलरी खरीदी में भी इस राशि को लगाया गया है।
किसके पास मिली यह डायरी और अभी कहां पर?
यह गुलाबी डायरी व अन्य तीन डायरियां आरती दयाल के पास से पुलिस की जांच में मिली थी, जो अब कोर्ट में जमा है।
लॉकर में मिलीं पांच पैन ड्राइव, लैपटाप और मोबाइल में वीडियो क्लीपिंग
बड़े लोगों की बनाई गई वीडियो क्लिपिंग कहां पर है? द सूत्र ने इसकी पर्तें निकाली तो सबसे अहम है श्वेता विजय जैन के पास मौजूद पांच पैन ड्राइव और उसका कम्प्यूटर। बड़े लोगों की जितनी भी विडियो क्लिपिंग बनी है, वह सभी मोबाइल से ही बनी है, जो श्वेता विजय जैन का होता था या फिर उसकी साथी का। लेकिन जिस भी मोबाइल से वीडियो बने, उसे फिर श्वेता देखती थी और उसे वह पैन ड्राइव में और अपने लैपटॉप में रखती थी। ऐसी पांच पैन ड्राइव व लैपटाप उसके भोपाल के आईसीआईसीआई बैंक के अशोका गार्डन शाखा के लॉकर से मिली है। खुद श्वेता ने माना है कि इसमें एक-दो नहीं ढेर सारे वीडियो क्लीपिंग मौजूद है। एक लैपटॉप बरखा के पास भी है, जिसमें वीडियो क्लीपिंग मौजूद है।
ब्लैकमेलिंग राशि 47.60 लाख और 50 लाख के गहने भी मिले
ब्लैकमेलिंग के जरिए वसूली गई 47.60 लाख की नकदी और 800 ग्राम सोने के जेवर जो इसी राशि से बनवाए गए थे, जिसकी कीमत आज 50 लाख से ज्यादा है (जब्ती समय 27 लाख कीमत थी) वह भी मिले थे।
इतने मोबाइल और पैन ड्राइव हुए जब्त जिसमें वीडियो होने की संभावना
श्वेता विजय जैन के साथ ही श्वेता स्वप्निल जैन के पास भी लैपटाप और पैनड्राइव है जो उसके घर की अलमारी से जब्त हुए।
आरती के पास- आईफोन व एक अन्य वन प्लस मोबाइल में रिकार्डिंग है, साथ ही 32 जीबी की पैनड्राइव में भी है
श्वेत विजय जैन- सेमंसग मोबाइल, आईफोन, एक अन्य मोबाइल, एक मोटोरोला मोबाइल के साथ पांच पैनड्राइव, लैपटॉप।
श्वेता स्वप्निल जैन- सेमसंग मोबाइल जिसमें 64 जीबी कार्ड , एक आईफोन।
बरखा अमित सोनी- दो मोबाइल व एक लैपटाप।
ये सभी अभी कहां पर हैं
इन जप्ती के बाद इनकी जांच राज्य सायबर सेल भोपाल से हुई थी। बाद में हाईकोर्ट के आदेश से इन्हें जांच के लिए हैदराबाद फारेंसिंक लैब में भेजा गया। वहां उन्होंने इसकी जांच की और फिर इन सभी की रिपोर्ट एसआईटी को भेजी। यह सभी जानकारी, वीडियो अब कोर्ट की सुरक्षा में बंद है।