नर्मदा पर सिक्सलेन पुल से खत्म होगा जाम, इंदौर–खंडवा सफर बनेगा आसान, जानें कब से होगा आवागमन शुरू

नर्मदा नदी पर बन रहा सिक्सलेन पुल फरवरी 2026 से खुल जाएगा। इससे इंदौर-खंडवा और इच्छापुर-एदलाबाद मार्ग पर सफर आसान होगा। यह पुल 8600 करोड़ की लागत से बन रहा है। यह मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी सड़क परियोजना है।

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Ramanand Tiwari
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BHOPAL. इंदौर-खंडवा और इच्छापुर-एदलाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर सफर करने वालों के लिए राहत की खबर है। नर्मदा नदी पर मोरटक्का-खेड़ी घाट (कटार क्षेत्र) में बन रहा सिक्सलेन पुल फरवरी 2026 से यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।

पहले एक साइड से शुरू होगा ट्रैफिक

शुरुआती चरण में पुल के एक हिस्से से वाहनों की आवाजाही शुरू की जाएगी। इससे इंदौर, बड़वाह, मोरटक्का, सनावद और खंडवा के बीच लगने वाले जाम से लोगों को राहत मिलेगी। 

NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आशुतोष सोनी ने बताया कि पुल निर्माण अंतिम चरण में है। नर्मदा के बीच दोनों पिलरों के बीच गार्डर लगाने का काम अगले पखवाड़े में पूरा होगा।

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तकनीकी जांच के बाद खुलेगा पुल

गार्डर लगाने के बाद तकनीकी परीक्षण और सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा। सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद ही पुल को यातायात के लिए खोला जाएगा। इस मार्ग पर बढ़ते ट्रैफिक दबाव और जाम को देखते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने परियोजना को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए थे।

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NHAI के अफसरों ने संभाली कमान

निर्देश मिलते ही NHAI के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। इसके बाद निर्माण कार्य में तेजी लाई गई, ताकि तय समयसीमा में पुल पूरा हो सके।सिक्सलेन पुल इस परियोजना का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा रहा। नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव और मानसून की तकनीकी दिक्कतों के बावजूद काम जारी रखा गया।

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8600 करोड़ की ऐतिहासिक सड़क परियोजना

यह राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना 8600 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की जा रही है। इंदौर से इच्छापुर और एदलाबाद तक 202 किलोमीटर लंबे फोरलेन मार्ग को मंजूरी दी गई है।

इस परियोजना को धरातल पर लाने में नंदकुमार सिंह चौहान की भूमिका महत्वपूर्ण रही। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से चर्चा कर मंजूरी दिलाई थी।

गडकरी बता चुके हैं आइकॉनिक स्ट्रक्चर

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस सिक्सलेन पुल को पहले ही आइकॉनिक और अद्भुत संरचना बता चुके हैं। यह पुल मध्यप्रदेश ही नहीं, देश के आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की पहचान बनेगा।

इंदौर-इच्छापुर फोरलेन में भेरू घाट क्षेत्र सबसे बड़ी चुनौती रहा। यहां पहाड़ काटकर और पहाड़ी के भीतर कैनाल बनाकर सड़क तैयार की गई। वन क्षेत्रों में बने कई पुल मार्ग के दौरान वन क्षेत्रों में कई छोटे-बड़े पुलों का निर्माण भी किया गया। विभाग को उम्मीद है कि पूरा फोरलेन मार्ग 2026 में पूरी तरह चालू हो जाएगा। 

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खंडवा से इंदौर का सफर लगभग 2 घंटे में

इंदौर से ओंकारेश्वर का सफर अब 1 घंटे में पूरा होगा। नई सड़क और पुल से व्यापार, पर्यटन, धार्मिक यात्राओं को बढ़ावा मिलेगा। ओंकारेश्वर जैसे धार्मिक स्थलों तक पहुंच आसान होगी।

5 जनवरी तक भारी वाहनों पर रोक

नववर्ष और ओंकारेश्वर में ज्योतिर्लिंग दर्शन के चलते प्रतिदिन 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। इसे देखते हुए प्रशासन ने 5 जनवरी तक भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगाया है। कलेक्टर आईएएस ऋषव गुप्ता ने आदेश जारी किया है। खंडवा–इंदौर मार्ग पर सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

मोरटक्का पुल की क्षमता को देखते हुए फैसला

यह निर्णय मोरटक्का पुल की संरचनात्मक क्षमता और सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षित और सुगम आवाजाही प्रशासन की प्राथमिकता है।

नर्मदा सिक्सलेन पुल: बुरहानपुर की ओर से आने वाले भारी वाहन देशगांव-खरगोन-धामनोद होते हुए एबी रोड का उपयोग करेंगे। इसी तरह इंदौर से चलने वाले वाहन भी इसी वैकल्पिक मार्ग से गुजरेंगे।

प्रशासन ने मांगा सहयोग

प्रशासन ने नागरिकों और वाहन चालकों से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की अपील की है। उन्होंने सहयोग से त्योहार और नववर्ष के दौरान यातायात व्यवस्था सुचारु रखने का आग्रह किया है।

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