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MP News: कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुभाषिनी शरद यादव ने जबलपुर में आयोजित एक प्रेसवार्ता में केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने नेशनल हेराल्ड मामले के बहाने कांग्रेस नेतृत्व को बदनाम करने और विपक्ष की आवाज को कुचलने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दाखिल किए गए आरोपपत्र का कोई कानूनी आधार नहीं है, और यह महज उस राजनीतिक भय की प्रतिक्रिया है। हाल ही में कांग्रेस के गुजरात अधिवेशन की सफलता से बीजेपी को महसूस हुआ। यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जब भी बीजेपी को राजनीतिक असफलता या चुनावी झटका लगता है, ईडी को विपक्षी नेताओं के पीछे लगा दिया जाता है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बार-बार निशाना बनाना इसी 'राजनीतिक बदले की भावना' का प्रमाण है।
ऐतिहासिक संस्था को बदनाम करने की कोशिश
सुभाषिनी यादव ने कहा कि नेशनल हेराल्ड कोई व्यावसायिक प्रोजेक्ट नहीं था, बल्कि यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम की पत्रकारिता की आवाज था। इसको 1937 में पंडित नेहरू और उनके सहयोगियों ने मिलकर शुरू किया था। इसकी प्रकाशक संस्था 'एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड' (AJL) एक गैर-लाभकारी संस्था है, जिसकी अधिकांश संपत्तियां लीज़ पर हैं। वर्ष 2002 में जब AJL आर्थिक संकट में थी, तब कांग्रेस पार्टी ने उसे चेक के माध्यम से लगभग 90 करोड़ रुपए का ऋण दिया, जिससे कर्मचारियों के वेतन, पीएफ और वीआरएस की देनदारियां पूरी की गई। बाद में 2010 में कानूनी सलाह लेकर ‘यंग इंडियन’ नामक धारा 8 कंपनी बनाई गई, जिसके माध्यम से इस ऋण को इक्विटी में बदला गया। यादव ने जोर देकर कहा कि ‘यंग इंडियन’ के किसी निदेशक को कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं मिला, न ही कोई संपत्ति बेची गई। इसके बावजूद बीजेपी इस पूरे प्रकरण को 'मनी लॉन्ड्रिंग' की तरह प्रस्तुत कर जनता को गुमराह कर रही है।
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ईडी को बनाया गया 'इलेक्शन डिपार्टमेंट'
यादव ने यह भी आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय अब ‘इलेक्शन डिपार्टमेंट’ बन गया है। यानी एक ऐसी एजेंसी जिसे बीजेपी केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए प्रयोग करती है। उन्होंने कहा कि ईडी द्वारा दर्ज मामलों में 98% विपक्षी नेताओं पर हैं, जबकि सजा की दर केवल 1% है यह स्पष्ट करता है कि इन कार्रवाई का उद्देश्य केवल छवि को धूमिल करना है, न कि न्याय प्राप्त करना। उन्होंने याद दिलाया कि 2015 में इस मामले की जांच को बंदकर देने वाले ईडी डायरेक्टर राजन एस. कटोच को हटाया गया और फिर मामले को नए सिरे से खोला गया, यह साबित करता है कि जांच एजेंसियां अब राजनीतिक निर्देशों पर काम कर रही हैं।
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AJL की संपत्तियों को लेकर बीजेपी ने किया दुष्प्रचार
नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को लेकर सुभाषिनी यादव ने कहा कि बीजेपी बार-बार 5000 करोड़ रुपए की संपत्तियों की बात कहती है। आयकर विभाग द्वारा वर्ष 2023 में किए गए मूल्यांकन के अनुसार, AJL की संपत्तियों का वास्तविक मूल्य केवल 413 करोड़ रुपए है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये सभी संपत्तियां मीडिया उपयोग के लिए थीं और इनमें से किसी का भी निजी व्यावसायिक उपयोग नहीं किया गया। यह संपत्ति कांग्रेस पार्टी के इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम की विरासत का हिस्सा है, जिसे बदनाम करने की सुनियोजित कोशिश की जा रही है।
सत्य की जीत होगी, कांग्रेस नहीं झुकेगी
सुभाषिनी यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कांग्रेस पार्टी इस प्रकार की झूठी और राजनीतिक प्रेरित कार्रवाई से डरने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की कोशिश है कि जनता का ध्यान मूल मुद्दों जैसे महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्या और सामाजिक न्याय-से भटकाया जाए, लेकिन कांग्रेस इस साजिश को सफल नहीं होने देगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस अपने संस्थागत मूल्यों, विचारधारा और ऐतिहासिक जिम्मेदारियों की रक्षा के लिए संघर्ष करती रहेगी, और अंततः सत्य की ही विजय होगी।
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