नील तिवारी- JABALPUR, भारत में चिकित्सा स्नातक में प्रवेश पाने के लिए होने वाली परीक्षा NEET (National Eligibility-cum-Entrance Test) के साल 2024 के परिणामों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। अब यह मामला हाई कोर्ट ( High Court ) भी पहुंच चुका है। नीट परीक्षा ( neet exam ) में शामिल हुई जबलपुर की एक छात्रा अमीषा वर्मा की ओर से परीक्षा के परिणामों में भ्रष्टाचार ( Corruption )के आरोप लगाते हुए याचिका दायर की गई है। परीक्षा परिणाम में कम नंबर आने पर जबलपुर की अभ्यर्थी अमीषा वर्मा की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
देश का सबसे बड़ा घोटाला - आदित्य संघी
अधिवक्ता आदित्य संघी ने यह आरोप लगाए हैं कि यह घोटाला व्यापम से भी बड़ा है और देश का सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा। अधिवक्ता के द्वारा याचिका के साथ कोर्ट को जो साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं उनके अनुसार 67 टॉपर में अधिकांश टॉपर चुनिंदा केंद्रों में परीक्षा पर बैठे थे। हरियाणा के छात्रों ने कई किलोमीटर दूर गुजरात में जाकर परीक्षा दी तो वहीं गुरुग्राम के झज्जर परीक्षा केंद्र में एक साथ कतार से बैठे प्रतियोगियों ने टॉप किया है।
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लीक हो गए थे पेपर
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने यह भी आरोप लगाए की चुनिंदा परीक्षा केंद्रों में प्रतिभागियों को पहले से ही जवाब पता थे और सीसीटीवी कैमरे लगे एग्जाम हॉल में वह सिर्फ अंसार मार्किंग की एक्टिंग कर रहे थे। यही वजह है कि एक ही परीक्षा केंद्र में बैठे दर्जनों छात्रों ने परीक्षा में टॉप किया है।
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कोचिंग सेंटर्स ने दी करोड़ों की रिश्वत
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आदित्य संघी ने यह भी आरोप लगाए हैं कि इस भ्रष्टाचार में कोचिंग सेंटरों का बड़ा हाथ है। यह कोचिंग सेंटर अपने संस्थान में एडमिशन बढ़वाने के लिए ज्यादा से ज्यादा बच्चों को टॉपर लिस्ट में लाना चाहते हैं। जिसके लिए इन्होंने परीक्षा केंद्रों में सेटिंग कर इस धांधली को अंजाम दिया है। आदित्य संघी के अनुसार यह करोड़ो रुपये का घोटाला है और इसका खुलासा करने के लिए वह छात्रों के साथ इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक भी लड़ेंगे।
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सुप्रीम कोर्ट में भी दायर की गई है याचिका
नीट-यूजी परीक्षा परिणाम को लेकर देशभर में बवाल है। इसमें 67 छात्रों ने टॉप किया है। कई छात्रों को 718 और 719 अंक मिले हैं। इसका पेपर 720 अंकों का होता है और ऐसे में हर सवाल पर यहां पर चार अंक मिलते हैं। सही जवाब पर चार अंक और गलत जवाब पर एक अंक की नेगेटिव मार्किंग होती है। ऐसे में यदि कोई सभी सवाल सही करता है तो उसे 720 अंक मिलते हैं और कोई एक सवाल छोड़ता है तो उसे 716 अंक बनते हैं और एक सवाल का अगर किसी ने गलत जवाब दिया तो 715 अंक बनते हैं। अब यह सवाल उठ रहा है कि फिर बच्चों के 718 और 720 नंबर कैसे आ गए। इसके अलावा एक ही सेंटर से 13 टॉपर निकलने पर भी सवाल किए जा रहे हैं। नीट-यूजी परीक्षा 2024 को नए सिरे से कराने की मांग पर कुछ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। साथ ही उन्होंने 5 मई को आयोजित परीक्षा को रद्द करने की मांग की है।
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