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INDORE. नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) के 18 से 22 दिसंबर तक किए गए पीएससी महाआंदोलन से अभी तक सरकार सकते में हैं। संगठन के राधे जाट और रणजीत किसान वंशी को पहले ही भंवरकुआं पुलिस एक जनवरी को सुबह गिरफ्तार कर चुकी है लेकिन अभी भी पुलिस को चिंता है कि फिर से कहीं आंदोलन नहीं हो जाए। इसी के चलते अब भंवरकुआं के बाद संयोगितागंज की पुलिस ने प्रतिबंधात्मक धारा में कार्रवाई शुरू कर दी है।
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अब पुलिस ने यह किया किया
संयोगितागंज पुलिस एसीपी कोर्ट से राधे जाट और रणजीत किसान वंशी दोनों को नोटिस जारी हुआ है। इसमें उन्हें नौ जनवरी को सुबह साढ़े ग्यारह बजे बुलाया है। इसमें जवाब मांगा है कि क्यों ना शांति भंग होने की आशंका में आपको 12 महीने की अवधि के लिए 50 हजार का बाउंड ओवर किया जाए।
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नोटिस में यह भी लिखा है
पुलिस द्वारा जारी नोटिस में लिखा है कि थाना प्रभारी संयोगितागंज द्वारा बताया गया है कि आपके द्वारा बिना मंजूरी ही पीएससी के बाहर विविध मांगों को लेकर धरना, प्रदर्शन किया गया और नारेबाजी की गई। इस दौरान भारी संख्या में छात्रों को जमा किया गया। इस पर आपके खिलाफ बीएनएस की धारा 223 में केस भी दर्ज किया गया। यह भी है कि आपके द्वारा फिर से यह कार्य किया जा सकता है और यह रंजिश रखे हुए हैं। जो कभी भी लड़ाई झगड़ा कर शांति व्यवस्था भंग कर सकते हैं। इसलिए आप 9 जनवरी को उपस्थित होकर जवाब पेश करें।
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पहले पुलिस यह कांड कर चुकी है
महाआंदोलन में कई मांगों पर सहमति बनी और फिर सीएम डॉ. मोहन यादव के साथ आंदोलनकारियों की अच्छे माहौल में बैठक हुई। लेकिन 31 दिसंबर की रात को जब पीएससी से केवल 158 पद आए, तो युवा नाराज हुए, और फिर रात को गूगल मीट हुई, इसमें 150 से ज्यादा युवा जुड़े और सभी ने राधे जाट और रणजीत को कहा कि एक जनवरी को मीटिंग बताएं और फिर से आंदोलन करेंगे। मीटिंग दोपहर 12 बजे होना थी। इसके लिए दोनों ने वीडियो संदेश जारी किए। सुबह नौ बजे ही राधे जाट के घर पर और रणजीत के फ्लैट पर तीन-तीन पुलिसकर्मी पहुंच गए, जो भंवरकुआं थाने से थे। दोनों को ही थाने में ले जाने की बात पर गाड़ी में बैठाया गया और फिर अलग-अलग जगह गाड़ी में घुमाते रहे। रात को साढ़े 12 बजे भंवरकुआं थाने ले गए और फिर सुबह एसीपी कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। दो दिन तक जमानत मंजूरी नहीं की गई। हाईकोर्ट ने सुनवाई कर पुलिस को फटकार लगाई और जमानत मंजूर करने के आदेश दिए।
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