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MP News:बिहार के मंत्री नितिन नवीन को बीजेपी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष (BJP National Working President) बनाया गया है। आपको पता है कि उनका मध्यप्रदेश से तगड़ा कनेक्शन रहा है। आइए हम आपको बताते हैं…
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नितिन नवीन कौन हैं और अभी क्यों चर्चा में हैं
बिहार सरकार में मंत्री नितिन नवीन (BJP leader Nitin Nabin) को बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। पार्टी के संसदीय बोर्ड ने यह फैसला कर उन्हें केंद्र में नई जिम्मेदारी दी। जब तक नया राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुना जाता, वे फिलहाल अंतरिम तौर पर यह जिम्मा संभालेंगे।
बता दें कि नितिन नवीन बिहार के बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक चुने जा चुके हैं। वे वर्तमान में बिहार सरकार में मंत्री हैं। साथ ही भाजपा छत्तीसगढ़ के प्रभारी भी हैं।
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एमपी युवा मोर्चा से शुरू हुआ गहरा कनेक्शन
बीजेपी नेता नितिन नवीन का मध्य प्रदेश से रिश्ता अचानक नहीं बना, यह लंबी कहानी है। 2010 में उन्हें एमपी बीजेपी युवा मोर्चा का प्रभारी बनाया गया था।
उस समय जीतू जिराती युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष थे और नितिन संगठन देख रहे थे। तीन साल में उन्होंने प्रदेश के कई जिलों का लगातार दौरा किया।
भोपाल की शादी, घोड़ी और दोस्ती की याद
भोपाल के मौजूदा प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल इस रिश्ते की एक दिलचस्प याद बताते हैं। वे तब युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री थे और शादी की तैयारी में लगे थे।
रजनीश ने मजाक में नितिन से कहा था कि आप ही मुझे घोड़ी चढ़ाएंगे। नितिन नवीन वादा निभाते हुए पटना से भोपाल आए और खुद घोड़ी पर बिठाया।
शादी में शामिल होकर उन्होंने रात वहीं गुजारी और फिर पटना लौट गए। इस एक घटना ने कार्यकर्ता और प्रभारी के रिश्ते को भावनात्मक रंग दिया।
आदिवासी इलाकों के लगातार दौरे और जमीन से जुड़ा काम
पूर्व विधायक और उस समय के युवा मोर्चा अध्यक्ष जीतू जिराती, नितिन नवीन के दौरे याद करते हैं। वे बताते हैं कि तीन साल में प्रभारी ने सबसे ज्यादा समय आदिवासी अंचलों में बिताया।
कट्ठीवाड़ा जैसे इलाकों में उन्होंने बैठकें कीं, जहां रहने और खाने की सुविधा बहुत कम थी। सीमित इंतजाम के बावजूद वे दो दिन कार्यकर्ताओं के बीच रहे और कार्यक्रम पूरे किए।
यह आदिवासी क्षेत्र में युवा मोर्चा की पहली बड़ी कार्यसमिति बैठक मानी जाती है। इसने संगठन को गांव और जंगलों तक जोड़ने में मदद की।
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बड़े कार्यक्रम, भीड़ और कांग्रेस नेता की हार की चर्चा
जिराती बताते हैं कि लगातार उपस्थिति से नितिन की पकड़ आदिवासी इलाकों में मजबूत हुई। इसी दौर में आजाद नगर भाबरा में एक बहुत बड़ा कार्यक्रम हुआ था।
इस कार्यक्रम में करीब दो लाख कार्यकर्ता आदिवासी क्षेत्र में जुटे थे। संगठन मानता है कि ऐसे आयोजनों ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया की हार में भूमिका निभाई।
बीजेपी खेमे में इसे नितिन नवीन की रणनीति और मेहनत से जुड़ी उपलब्धि माना जाता है। एमपी के कई युवा नेता इसे अपने राजनीतिक करियर का मोड़ भी मानते हैं।
दिल्ली की ओर बढ़ते कदम और राष्ट्रीय राजनीति में जगह
आज जब नितिन नवीन राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बने हैं, तो एमपी के नेता खुद को हिस्सेदार मान रहे हैं। वे कहते हैं कि प्रभारी के तौर पर बिताए सालों ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर का अनुभव दिया। अगर भविष्य में वे स्थायी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो वे सबसे युवा अध्यक्ष हो सकते हैं। यह बात भी पार्टी के भीतर चर्चा में है और उनके प्रोफाइल को खास बनाती है।
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एमपी की राजनीति के लिए इस फैसले का मतलब
बीजेपी के लिए यह फैसला सिर्फ संगठनात्मक नहीं, सियासी मैसेज भी माना जा रहा है। एमपी (MP BJP) में काम कर चुके नेता को राष्ट्रीय स्तर पर लाकर पार्टी युवा और संगठन, दोनों को संदेश दे रही है।
एमपी के युवा नेताओं के लिए यह संकेत है कि जमीन पर काम का लाभ दूर तक जा सकता है। वहीं विपक्ष इसे बीजेपी की अंदरूनी खींचतान और संतुलन की राजनीति से जोड़ रहा है।
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