नो इंट्री पर पुलिस की ज्यादा सख्ती और शुक्लाजी को दी खास मंजूरी से बैकफुट पर प्रशासन

इंदौर में ट्रांसपोर्टर्स ने 6 अक्टूबर से हड़ताल और माल डिलेवरी बंद की थी। 8 अक्टूबर को जिला प्रशासन से बैठक के बाद हड़ताल समाप्त कर दी गई। बैठक में ट्रांसपोर्टर्स को दोपहर और रात के घंटों में भारी वाहनों की छूट देने की मंजूरी मिली।

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Sanjay Gupta
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Photograph: (thesootr)

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INDORE. इंदौर में नो इंट्री के विरोध में ट्रांसपोर्टरस द्वारा 6 अक्टूबर से शुरू की गई माल डिलेवरी, बुकिंग बंद और हड़ताल बुधवार 8 अक्टूबर दोपहर में खत्म हो गई। जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक के बाद इन्हें छूट मिलने की लिखित मंजूरी देने पर सहमति बन गई है। हालांकि पीक अवर्स के दौरान यह मंजूरी नहीं रहेगी और मुख्य तौर पर दोपहर के घंटों में ही भारी वाहनों को आने-जाने की छूट मिलेगी और फिर देर रात से सुबह तक की छूट होगी।

क्या बोल रहे ट्रांसपोर्टरस, यह मिली छूट ?

एसोसिएशन ऑफ पार्सल ट्रांसपोर्ट एंड फ्लीट आनर्स के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने कहा कि प्रशासन के साथ बैठक अच्छी हुई। जो तय हुआ है कि उसके बाद बंद की मुहिम खत्म होने जा रही है। तय हुआ है कि लोहामंडी में 12 से पांच बजे तक दिन में चालू रहेगा रात में 10 से सुबह 6 बजे तक चालू रहेगा।

राऊ से तीन इमली होते हुए रोड 24 घंटे चालू रहेगी और पोलोग्राउंड के लिए दोपहर 12 से 3 बजे तक और रात को 11 से सुबह 6 की छूट है। पंचकुईयां पर भी दोपहर 12 से 3 और रात 11 से सुबह 6 की छूट होगी। हमारे बीच में जो व्यवधान था वह खत्म हो रहा है। बैठक में सीएल मुकाती व इंदौर ट्रक आपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन व देवास नाका ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी भी थे। 

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जिला प्रशासन ने यह बोला

जिला प्रशासन की ओर से एडीएम रोशन राय ने कहा कि दो बार पहले भी मीटिंग हुई, कहीं भी प्रतिबंध हमारे द्वारा नहीं लगाए गए इसे लेकर उन्हें बताया गया। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन  इस बात के लिए अड़े हुए थे कि हमे लिखित में जानकारी मिले। इसके लिए पुलिस से प्रस्ताव लिए हैं, जो हमारे फैसले थे उन्हें यथावत रखा गया है और उसी के आधार पर यह फैसला लिया है कि ट्रांसपोर्ट सुगमता से चल सके और जनता की समस्या को भी समझा गया है और पीक अवर्स में समस्या नहीं आए। 

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शुक्लाजी को डीसीपी की मंजूरी भारी पड़ गई

इस मामले में प्रशासन के बैकफुट पर आने की दो प्रमुख वजहें थीं। पहली, जब नो इंट्री को लेकर कार्रवाई की गई, तो पुलिस ने खुद को बचाने के लिए सख्ती बढ़ा दी। जहां पहले इंट्री चालू थी, उसे भी बंद कर दिया गया। खासकर दोपहर में मिली छूट खत्म होने से सभी ट्रांसपोर्ट और औद्योगिक संगठन ने विरोध शुरू किया।

इस बीच 'द सूत्र' ने एक खबर दी जिसमें खुलासा हुआ कि डीसीपी ट्रैफिक आनंद कलादगी ने पोलोग्राउंड की एक फैक्ट्री को खास मंजूरी दी। यह फैक्ट्री शुक्ला ब्रदर्स (बाणेशवरी) परिवार की थी। इसके लिए पत्र जारी किया गया। आदेश में फैक्ट्री का भारत सरकार से टाईअप और आवश्यक सेवा में होने का कारण बताया गया। आदेश में यह भी कहा गया कि यह पत्र सभी वाहनों पर चस्पा किया जाए।

यह पत्र अपने आप में प्रतिबंधित मार्ग में प्रवेश का लाइसेंस था। इसने ट्रांसपोर्टर और औद्योगिक संगठनों को भड़का दिया। उन्होंने इसे पुलिस का भेदभावपूर्ण रवैया बताया, जिसमें खास के लिए छूट और आम के लिए प्रतिबंध लगाए गए थे। इसके बाद इस मामले में अन्य को भी छूट देने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा था।

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द सूत्र इंदौर मध्यप्रदेश ट्रांसपोर्ट जिला प्रशासन
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