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सुप्रीम कोर्ट और सड़क परिवहन मंत्रालय के आदेश के बाद, अब सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। मध्यप्रदेश में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) न लगाने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ कार्रवाई होगी। पुराने नंबर प्लेट वाले वाहनों की सभी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। इनमें डुप्लीकेट पंजीकरण प्रमाण पत्र, पंजीकरण में पता बदलना, पंजीकरण कार्ड का विवरण, मालिकाना हक हस्तांतरित करना, पंजीकरण निरस्तीकरण और डुप्लीकेट फिटनेस प्रमाण पत्र शामिल हैं।
क्या है एचएसआरपी?
एचएसआरपी (HSRP) का मतलब हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (High-Security Registration Plate) है। यह एक विशेष प्रकार की नंबर प्लेट है जो वाहनों के लिए सुरक्षा और पहचान सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
परिवहन आयुक्त को कार्रवाई के आदेश
परिवहन विभाग के सचिव मनीष सिंह ने इस मामले में परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, पीयूसी (PUC) प्रमाण पत्र भी बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के जारी नहीं किए जाएंगे।
परिवहन विभाग के सचिव मनीष सिंह ने परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पीयूसी प्रमाण पत्र भी बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) के जारी नहीं होगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 1 अप्रैल, 2019 के बाद पंजीकृत वाहनों में HSRP डीलर से ही लगवाना अनिवार्य किया है।
क्यों जरूरी है HSRP?
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अप्रैल 2019 के बाद पंजीकृत वाहनों में एचएसआरपी लगाना अनिवार्य किया था। डीलर को ही यह प्लेट लगाने का जिम्मा सौंपा गया था। हालांकि, डीलर्स द्वारा मैनजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (MIS) पोर्टल पर वाहनों का डेटा दर्ज करने में ढिलाई हो रही है, जिससे कई वाहनों में एचएसआरपी की स्थिति सही नहीं है।
अप्रैल 2019 से पहले पंजीकृत वाहनों के लिए भी एचएसआरपी का काम अधूरा पड़ा हुआ है। राज्य में 50 लाख से अधिक पुराने वाहनों में से लगभग 25 लाख वाहनों में एचएसआरपी नहीं लगी है।
4 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी👉 सुप्रीम कोर्ट और सड़क परिवहन मंत्रालय के आदेश के बाद, HSRP न लगाने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुराने नंबर प्लेट वाले वाहनों की सभी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। 👉 परिवहन विभाग के सचिव मनीष सिंह ने इस मुद्दे पर परिवहन आयुक्त को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके तहत, बिना HSRP के वाहन मालिकों को पीयूसी (PUC) प्रमाण पत्र भी जारी नहीं किया जाएगा। 👉 सड़क परिवहन मंत्रालय ने अप्रैल 2019 के बाद पंजीकृत वाहनों में HSRP लगवाना अनिवार्य किया था। हालांकि, डीलर्स द्वारा वाहनों का डेटा सही तरीके से पोर्टल पर दर्ज नहीं किया जा रहा है, जिससे कई वाहनों में HSRP का कार्य पूरा नहीं हो सका है। 👉 सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश की स्थिति को गंभीर बताते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। 27 जनवरी 2025 को जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया कि राज्य में HSRP लगाने में ढिलाई हो रही है। अब इस पर सख्त कदम उठाए जाएंगे। |
मध्य प्रदेश में हालत खराब
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से प्रतिवेदन मांगा है। 27 जनवरी, 2025 को जारी आदेश में इस मुद्दे की समीक्षा की गई। आदेश में मध्य प्रदेश की स्थिति को खराब बताया गया है, जो यह स्पष्ट करता है कि इस मामले में सख्ती से काम लिया जाएगा।
आरटीओ चलाएगी अभियान
अब आरटीओ (रजिस्ट्रार ऑफ मोटर व्हीकल्स) की तरफ से प्रत्येक जिले में अभियान चलाया जाएगा। आरटीओ की टीमें डीलरों के यहां जाकर पोर्टल में डेटा एंट्री में किसी समस्या की जांच करेंगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर वाहन में HSRP लगाया जाए और संबंधित जानकारी पोर्टल पर सही ढंग से दर्ज की जाए।
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