नील तिवारी, JABALUR. वुशु एसोसिएशन (Wushu Association) के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (mp high court) ने पंजीयन कार्यालय भोपाल के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी करते हुए ये टिप्पणी की कि क्यों ना उनके खिलाफ अवमानना का केस चलाया जाए। हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी एसोसिएशन के सेक्रेटरी मनोज गुप्ता की एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए की है।
क्या है मामला ?
वुशु एसोसिएशन के पदाधिकारी को लेकर विवाद चल रहा है। एसोसिएशन की 2 बॉडी बन गई थी जिसमें पंजीयक रजिस्ट्रार द्वारा जांच करने पर ये पाया गया कि दोनों ही एसोसिएशन अवैध हैं, जिन्हें रजिस्ट्रार द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद ये मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने संगठन को चलाने के लिए एक प्रशासक नियुक्त करने के आदेश दिए थे, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अब तक उस पर कोई अमल नहीं किया गया।
हाइकोर्ट के आदेश का नहीं हुआ पालन
पिछली सुनवाई के दौरान यानी 30 अक्टूबर 2023 को हाईकोर्ट ने 30 दिन के अंदर वुशु एसोसिएशन के लिए एक प्रशासक नियुक्त करने के आदेश दिए थे। साथ ही 60 दिन के अन्दर नए चुनाव कराने के भी आदेश दिए थे, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी पंजीयक कार्यालय के रजिस्ट्रार ने कोई प्रशासक नियुक्त नहीं किया। इसी को लेकर एसोसिएशन के मनोज गुप्ता ने एक अवमानना याचिका दायर की थी। इस पर बहस करते हुए याचिकाकर्ता के वकील दिनेश उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट की स्पष्ट आदेश के बाद भी 5 महीने गुजर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई प्रशासक नियुक्त नहीं किया क्या है जिससे संगठन के कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा है।
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रजिस्ट्रार को नोटिस
हाईकोर्ट ने पंजीयक के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी करते हुए ये पूछा है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी आखिर प्रशासक क्यों नहीं नियुक्त किया गया। हाईकोर्ट ने कहा कि है उनके आदेश की तामील न करने पर क्यों ना उनके खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाया जाए।