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नीट पीजी 2024 में एडमिशन का इंतजार कर रहे मेरिट में आने वाले छात्रों के लिए हाईकोर्ट से राहत भरी खबर आई है। काउंसलिंग में ब्लॉक की गई 48 एनआरआई कोटे की सीट में से बची हुई सीटें अब अनारक्षित घोषित होंगी जिनमें मेरिट और चॉइस फिलिंग के आधार पर छात्रों को एडमिशन मिलेगा ।
भोपाल निवासी डॉक्टर ख्याति शेखर ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए उन 48 सीटों को चैलेंज किया था। जिन्हें फर्जी छात्रों के चलते ब्लॉक कर दिया गया था। याचिका में आरोप लगाया गया था कि इन एनआरआई कोटे की सीटों को सेकंड राउंड काउंसलिंग में नहीं जोड़ा गया है जिसके कारण मेरिट में आए हुए छात्रों का नुकसान हो रहा है।
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एनआरआई कोटा से जुड़ा हुआ है मामला
दरअसल नीट पीजी 2024 की काउंसलिंग के पहले राउंड में एनआरआई कोटे के 48 अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने इस कोटे के तहत आवेदन तो दिया था। लेकिन वह इससे जुड़े हुए दस्तावेज पेश करने में असमर्थ रहे, जिसके कारण यह 48 एनआरआई कोटे की सीट ब्लॉक कर दी गई थीं। इन सीटों को सेकंड राउंड में शामिल करने और बची हुई सीटों को जनरल कैटेगरी में ट्रांसफर करने के लिए ही यह याचिका दायर की गई थी।
मॉपअप राउंड के साथ होगी सीट फीलिंग
सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता डॉ. ख्याति शेखर को गुरुवार की रात ही सेकंड राउंड की लिस्ट में पलमोनरी मेडिसिन में सीट मिल चुकी है। इसके साथ ही सेकंड राउंड के बाद बची हुई सीटों के आवंटन के लिए मॉपअप राउंड संचालित हो रहा है जिसमें बची हुई सीटों का आवंटन किया जाएगा।
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बची हुई एनआरआई सीटों को मेरिट छात्रों को देने की मांग
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य संघी ने कोर्ट से यह मांग की थी की एनआरआई कोटे की बची हुई सीटें जिन पर कोई एलिजिबल कैंडिडेट नहीं मिलता उन सीटों को जनरल कैटेगरी में ट्रांसफर किया जाना चाहिए और मेरीटोरियस छात्रों को उन सीटों पर एडमिशन मिलना चाहिए। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि इस प्रकार की बची हुई सीटें जो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को अलॉट कर दी जाती हैं। उनका 3 करोड़ रुपए तक एक सीट में सौदा भी होता है। हालांकि इस आरोप का शासन के अधिवक्ता ने खंडन किया।
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एडमिशन रूल 2018 में पहले से है प्रावधान
मध्य प्रदेश मेडिकल एजुकेशन ऐडमिशन रूल 2018 के नियम 14 (क) 2 जो एनआरआई कोटे की व्याख्या करता है। उसके संशोधन में यह प्रावधान है कि काउंसलिंग के अंतिम चरण मॉप-अप राउंड में एनआरआई कोटे के उपयुक्त अभ्यर्थी ना मिलने की दशा में यह सीटें जनरल कोटे में परिवर्तित हो जाएगी, और मेरिट और चॉइस फिलिंग के आधार पर अभ्यर्थियों को यह सीटें आवंटित की जाएंगी। मॉप-अप राउंड काउंसलिंग का तीसरा राउंड होता है जो पहले दो राउंड की काउंसलिंग खत्म होने के बाद आयोजित किया जाता है। जो उम्मीदवार काउंसलिंग के पहले दो राउंड में सीट हासिल नहीं कर पाए हैं, वे मॉप-अप राउंड में उपस्थित हो सकते हैं।
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NRI कोटा की बची सीटें होगी जनरल
एडिशनल एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को ऐडमिशन रूल 2018 के हवाले से यह आश्वासन दिया कि नियम के अनुसार एनआरआई कोटा के उपयुक्त अभ्यर्थी ना मिलने पर मापन राउंड के बाद यह सिम जनरल कैटेगरी में कन्वर्ट हो जाएगी और मेरिट एवं चॉइस फिलिंग के आधार पर इन सीटों का आवंटन किया जाएगा। इस बात पर याचिकाकर्ता क्या अधिवक्ता ने भी सहमति दिखाई। वहीं कोर्ट ने शासन के स्टेटमेंट को कोट करते हुए आदेश में यह लिखा कि मध्य प्रदेश मेडिकल एजुकेशन ऐडमिशन रूल्स 2018 के नियम 14 (क) 2 के अनुसार एनआरआई कोटा एलिजिबल कैंडिडेट के बाद बची हुई वह सीटें जो खाली रह जाती हैं। वह मॉपअप राउंड के बाद जनरल कैटेगरी में कन्वर्ट हो जाएंगी, और इन पर मेरिट और चॉइस फिलिंग के आधार पर सीटों का आवंटन किया जाएगा। इसके साथ ही यह याचिका विड्रा करने के साथ ही खारिज कर दी गई है।
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