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मध्य प्रदेश में ओबीसी जाति प्रमाण-पत्र (OBC caste certificate) की वैधता को लेकर एक नया विवाद उठ खड़ा हुआ है। ओबीसी जाति प्रमाण-पत्र को एक साल की बजाय पांच साल तक मान्य किए जानें की मांग की जार रही है। यह मांग राज्य के समग्र पिछड़ा वर्ग सामाजिक संगठन के जरिए उठाई जा रही है।
इस मांग का समर्थन करने वाले संगठन के नेताओं का कहना है कि ओबीसी छात्र-छात्राओं और अभ्यर्थियों को हर साल अपने प्रमाण-पत्र का नवीनीकरण करवाना पड़ता है, जो उनके लिए एक अतिरिक्त बोझ बनता है।
नवीनीकरण करवाने में होती है समय की बर्बादी
ओबीसी वर्ग के छात्रों को हर साल अपनी जाति प्रमाण-पत्र की वैधता को नवीनीकरण कराना होता है। यही प्रक्रिया कई बार उनके लिए परेशानी का कारण बन जाती है। हर साल ओबीसी प्रमाण-पत्र की वैधता का नवीनीकरण करवाने के लिए समय की बर्बादी और दस्तावेजों की स्थिति में समस्या सामने आती हैं। खासकर, जब छात्र उच्च शिक्षा के लिए आवेदन करते हैं या सरकारी नौकरियों में शामिल होने के लिए परीक्षा में बैठते हैं।
इस मामले में, समग्र पिछड़ा वर्ग सामाजिक संगठन के मप्र संयोजक राम विश्वास कुशवाह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को बार-बार पत्र लिखकर यह मांग की है कि ओबीसी जाति प्रमाण-पत्र की वैधता को पांच साल तक बढ़ाया जाए।
जानें क्यों है नवीनीकरण की जरूरत
वर्तमान में ओबीसी जाति प्रमाण-पत्र को नॉन क्रीमी लेयर (Non-Creamy Layer) के तहत हर साल बनवाना पड़ता है। इसका उद्देश्य यह है कि आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को सरकारी सुविधाएं मिल सकें। लेकिन यह प्रक्रिया ओबीसी समुदाय के लिए तनाव और आर्थिक बोझ का कारण बन रही है। हर साल नई जानकारी के साथ नवीनीकरण के लिए दस्तावेजों का पुनः जांचना और सर्टिफिकेट प्राप्त करना, छात्रों और अभ्यर्थियों के लिए एक परेशान करने वाली प्रक्रिया बन गई है।
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इसको लेकर छिड़ा विवाद
ओबीसी जाति प्रमाण-पत्र के नवीनीकरण को लेकर प्रदेश में दो तरह की राय हैं। एक तरफ सरकार का कहना है कि प्रमाण-पत्र का नवीनीकरण आवश्यक है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आर्थिक रूप से कमजोर और नॉन क्रीमी लेयर वर्ग के लोग ही इसका लाभ उठा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ, समग्र पिछड़ा वर्ग सामाजिक संगठन और कई अन्य कार्यकर्ता यह मानते हैं कि यदि प्रमाण-पत्र को पांच साल तक वैध किया जाए, तो यह समुदाय के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है।
सीएम से की गई अपील
समग्र पिछड़ा वर्ग सामाजिक संगठन के मप्र संयोजक राम विश्वास कुशवाह ने सीएम मोहन यादव को कई बार पत्र लिखकर ओबीसी जाति प्रमाण-पत्र को पांच साल तक वैध करने की अपील की है। उनका मानना है कि इस कदम से ओबीसी समुदाय को सरकारी सुविधाओं तक बेहतर पहुंच मिल सकेगी। मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है कि इस मुद्दे पर एक बैठक आयोजित की जाए, ताकि इस पर व्यापक विचार-विमर्श हो सके।
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