INDORE. बीजेपी ने सभी नियमों को धता बताते हुए रविवार को बीआरटीएस कॉरिडोर के अंदर से संविधान गौरव यात्रा निकालकर जमकर भौकाल मचाते हुए सत्ता का दबदबा दिखाया। उधर हर कदम पर आम जनता को नियम पालन की दुहाई देने वाले अधिकारियों ने इस पूरे मसले पर गर्दन घुमा ली है और चुप्पी साध ली है। अब नियमों का पालन करने वाली जनता पूछ रही है कि हम तो गलती से भी कॉरिडोर में कदम नहीं रखते, फिर इस जानबूझकर हुए माखौल पर अधिकारी चुप क्यों है। उधर जवाब भी बुद्धिजीवी दे रहे हैं, आखिर इंदौर में पोस्टिंग तो सभी को चाहिए होती है।
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सख्त सीपी इस मुद्दे पर क्यों खामोश
हाल ही में पुलिस कमिश्नर पद पर संतोष सिंह की पदस्थापना हुई है और वह सख्त कार्यशैली के माने जाते हैं, जो नियम-कानून में समझौता पसंद नहीं करते हैं। वह दबाव-प्रभाव से मुक्त रहते हैं लेकिन यह घटना होना और फिर इस पर एक्शन नहीं होना उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रही है। क्या आखिर वह भी सत्ता के आगे चुप हैं। यदि यह कांग्रेस की रैली होती तो क्या अभी तक दर्जन भर नेताओं पर केस नहीं हो गया होता, यानी नियम-कानून सत्ता, विपक्ष और आमजन तीनों के लिए अलग-अलग होंगे।
डीसीपी ट्रैफिक की भी टालमटोली
ट्रैफिक को लेकर सड़कों पर आमजन पर डंडा चलाने वाले ट्रैफिक पुलिस भी चुप है। खासकर जिस तरह से डीसीपी ट्रैफिक अरविंद तिवारी एक महीने से सीपी के आदेश पर ढूंढ-ढूंढकर बाकी ट्रैफिक को छोड़कर बुलेट के साइलेंसर निकालने में व्यस्त हैं, वह इस मामले में एकदम चुप्पी साधे हुए हैं। वीआईपी के नाम पर कार पर गैर कानूनी हूटर लगाकर चलने वालों को भी खुली छूट है। हाल ही में गुंडे से नेता बने मनोज परमार को भी कार पर हूटर लगाकर विजयनगर पर पकड़ा था और नसीहत देकर छोड़ दिया गया। इस मामले में जितनी टालमटोली वह कर सकते हैं पूरी तरह से कर रहे हैं। वह तो यहां तक बोल चुके हैं कि इसमें ट्रैफिक पुलिस को कोई कार्रवाई नहीं करना है। यह थाना स्तर पर होगी।
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पुलिस के तो थाने के पास से गुजर गई
इस मामले में विजयनगर थाने की तो क्या बात करें। जगह-जगह चेक प्वाइंट लगाकर लोगों को रोककर जांच करने में जुटी रहने वाली पुलिस दिन के उजाले में 300 कारों के काफिले को बीआरटीएस कॉरिडोर के निकलने को नहीं रोक पाए और ना ही निकलने के बाद आयोजक व कर्ता-धर्ता पर कोई एक्शन ले पाई। अभी भी जांच की ही बात हो रही है। पुलिस को यह तक नहीं पता कि मंजूरी हुई भी या नहीं, मंजूरी दी तो किसने दी और किन शर्तों पर दी और क्या-क्या उल्लंघन किया गया। आयोजक बलजीत सिंह चौहान तो यहां तक कह चुके कि हमें तो पुलिस ने ही कॉरिडोर के अंदर से जाने के लिए कहा था।
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हाईकोर्ट के आदेश का सीधा उल्लंघन है
बीआरटीएस के अंदर से आईबस के सिवा अन्य वाहनों को भी जाने की मंजूरी दी जाए इसे लेकर हाईकोर्ट में भी केस चल चुका है और वहां से ही फैसला हुआ था कि आई बस के साथ केवल एंबुलेंस की ही जाने की मंजूरी दी जाएगी। यानी यह सीधा हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। संविधान गौरव के नाम पर निकली इस यात्रा में हुए असंवैधानिक कामों की अब कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। पुलिस, प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस सभी विभाग के अधिकारी बगले झांक रहे हैं और चुप्पी साध रखी है। इसमें दर्जन भर आईएएस, आईपीएस अधिकारी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर जिम्मेदार बनते हैं।
क्या जवाब दे रहे हैं जिम्मेदार अधिकारी
प्रशासन- उन्होंने पल्ला झाड़ लिया, क्योंकि पुलिस कमिश्नरी में मंजूरी पुलिस स्तर से होती है। लेकिन अधिकारी भूल गए कि प्रशासन और निगम मिलकर महीनों से इंदौर में ट्रैफिक मुहिम चलाते हुए ठेले, गुमटी व अन्य कब्जाधारियों को हटा रहे हैं, लेकिन आंखों के सामने निकले इस तमाशे पर चुप है।
पुलिस मुख्यालय डीसीपी अंकित सोनी- रैली को लेकर हमारे पास कोई पत्र नहीं आया, ना ही मंजूरी जारी की गई। जोनल डीसीपी ने जारी की हो तो पता नहीं।
डीसीपी ट्रैफिक अरविंद तिवारी- यात्रा के बीआरटीएस में प्रवेश पर संबंधित थाना पुलिस कार्रवाई करती है, यातायात विभाग की कार्रवाई नहीं बनती है।
एडीसीपी जोन 2 अमरेंद्र सिंह- मामला संज्ञान में आया है, कॉरिडोर में अन्य वाहनों की मंजूरी नहीं है, इस मामले में वैधानिक कार्रवाई करेंगे।
आयोजक क्या बोल रहे हैं
उधर आयोजक बीजेपी अजा मोर्चा के बलजीत सिंह चौहान कहते हैं कि हमने यात्रा की मंजूरी 15 दिन पहले ली थी। रविवार को जब यात्रा शुरू हुई तो मौजूद पुलिस अधिकारियों ने ही हमें जिधर मोड़ा उधर से मुड़ गए। हमें किसी ने नहीं रोका था। हमें लगा कि यातायात व्यवस्था के हिसाब से हमें बीआरटीएस के अंदर से निकाला गया। वहीं बीजेपी नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे का कहना है कि यह नगर बीजेपी का आयोजन नहीं है।
इस तरह निकली यात्रा
बीजेपी की यह यात्रा विजयनगर से राजीव गांधी चौराहे तक निकली। अन्य वाहनों के लिए प्रतिबंधित बीआरटीएस कॉरिडोर के अंदर से ही वाहन रैली की सभी वाहन निकाले गए। वहीं यहां अंदर चलने वाली आई बसें कॉरिडोर के बाहर से निकली। इस दौरान यात्रियों को खासी समस्या हुई। उधर अधिकारी अब चुप्पी साधे हुए हैं, क्योंकि मामला सत्ताधारी दल की यात्रा का है।
इनकी अगुवाई में निकली यात्रा
यह यात्रा बीजेपी के अजा मोर्चा के बलजीत सिंह चौहान द्वारा निकाली गई। इसके लिए पहले विजयनगर चौराहे पर वाहन एकत्र हुए। इन पर तिरंगे झंडे लगे हुए थे। फिर यात्रा शुरू हुई और वाहन कॉरिडोर से निकलने लगे।
11.45 किमी तक कोई रोक-टोक नहीं
यह पूरा कॉरिडोर 11.45 किमी का है। इस दौरान विजयनगर थाना हो पलासिया कई थाने रास्ते में आते हैं। साथ ही कॉरिडोर को संभालने के ट्रैफिक जवान भी रहते हैं लेकिन मजाल है कि किसी ने भी यात्रा को रोक दिया हो। यात्रा राजीव गांधी चौक पर कॉरिडोर के अंतिम स्टेशन को पार कर माही तक वेटनरी कॉलेज में पहुंचकर खत्म हुई।
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