ओंकारेश्वर मंदिर में आस्था से खिलवाड़: लाखों का नकली मावा पेड़ा और मिल्क केक जब्त, प्रसाद दुकान सील

ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में नकली प्रसाद बेचने वाली दुकान पर छापा पड़ा। कलेक्टर के आदेश पर, लाखों रुपए का नकली मावा पेड़ा और मिल्क केक ज़ब्त किया गया। ओंकार पेड़ा भंडार नाम की यह दुकान बिना लाइसेंस चल रही थी, जिसे सील कर दिया गया है।

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Sanjay Dhiman
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omkareshvar food dipartment action

Photograph: (the sootr)

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मुश्ताक मंसूरी@खंडवा. मध्यप्रदेश के खंडवा जिले की प्रसिद्ध धार्मिक नगरी ओंकारेश्वर से एक हैरान करने वाली खबर आई है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर परिसर में एक मिठाई की दुकान से जिला प्रशासन की टीम ने लाखों रुपए का नकली मावा पेड़ा और मिल्क केक जब्त किया है। जिला कलेक्टर को लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि यहां अमानक खाद्य सामग्री बेची जा रही है। 

जिला कलेक्टर ऋषव गुप्ता के आदेश पर, ओंकार पेड़ा भंडार नाम की मिठाई की दुकान पर छापा मारा गया। जांच में यह सामने आया कि यह दुकान बिना किसी लाइसेंस के चल रही थी। कार्रवाई के बाद दुकान को तुरंत बंद कर दिया गया और खाद्य सामग्री के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। इस घटना ने खाद्य सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। प्रसाद के नाम पर श्रद्धालुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है।  

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लाखों का माल ज़ब्त: धोखाधड़ी का पर्दाफाश 

पुनासा एसडीएम पंकज वर्मा खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजीव कुमार मिश्रा के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। दुकान के विक्रेता समाधान पिता दत्तात्रय धस और दुकान मालिक नायनेश्वर पिता आत्माराम मोहिते निवासी महाराष्ट्र की भूमिका संदिग्ध पाई गई। शिकायत थी कि ये लोग श्रद्धालुओं को मिलावटी और नकली मावा पेड़े और मिल्क केक बेच रहे थे।

जब्त की गई खाद्य सामग्री का विवरण :

  • मावा पेड़ा (Mawa Peda): लगभग 300 किलोग्राम, जिसका अनुमानित मूल्य ₹1,20,000 है।

  • मिल्क केक (Milk Cake): लगभग 334.50 किलोग्राम, जिसका अनुमानित मूल्य करीब ₹1,33,800 है।

इस प्रकार, कुल ज़ब्त माल का मूल्य ₹2,53,800 है। अधिकारी मिश्रा ने स्पष्ट किया कि जब्त किए गए मावा पेड़ा में मावा न के बराबर था। यह मुख्य रूप से रासायनिक केमिकल और रवा मिलाकर बनाया जा रहा था जिसे मावा पेड़ा के नाम पर बेचा जा रहा था। यानी, यह सिर्फ़ मिलावट नहीं, बल्कि जानबूझकर की गई धोखाधड़ी है। 

नकली प्रसाद बेचने वाली दुकान सील

दुकान के मालिक और विक्रेता, नायनेश्वर मोहिते और समाधान धस, दोनों महाराष्ट्र के निवासी हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने अपनी दुकान पर बिना किसी लाइसेंस के अवैध रूप से मिठाई बेचने का कार्य किया। जिला कलेक्टर ऋषव गुप्ता के निर्देश पर पुनासा एसडीएम, खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने इस मामले की त्वरित कार्रवाई की।

अधिकारियों ने दुकान से मावा पेड़ा और मिल्क केक के नमूने लेकर इनकी गुणवत्ता की जांच के लिए भेजे हैं। साथ ही, दुकान को बिना लाइसेंस के चलाने के आरोप में सील कर दिया गया है।

नकली प्रसाद बेचने वाली दुकान पर कार्रवाई को ऐसे समझें

  • कितना माल पकड़ा गया: ₹2,53,800 रुपये का सामान।

  • बेचने का तरीका: वो इसे असली मावा पेड़ा कहकर बेच रहे थे, जबकि उसमें मावा था ही नहीं।

  • मिलावट क्या थी: असली मावा की जगह केमिकल और सूजी (रवा) का इस्तेमाल किया गया था।

  • आगे क्या होगा: सैंपल की रिपोर्ट आते ही, इन पर जुर्माना लगेगा और मुकदमा (Criminal Case) भी दर्ज होगा।

  • दुकान की हालत: दुकान बिना किसी सरकारी लाइसेंस के चल रही थी, इसलिए उसे तुरंत सील कर दिया गया है। 

नकली प्रसाद: कहीं आस्था के नाम पर ज़हर तो नहीं? 

नकली मावा और मिठाई में जो केमिकल मिलाए जाते हैं, वो हमारी सेहत के लिए बहुत खतरनाक होते हैं। सोचिए, जब लोग मंदिरों में प्रसाद खाते हैं, तो उनमें बच्चे और बुज़ुर्ग भी होते हैं। उनके लिए यह मिलावट तो सीधे-सीधे ज़हर जैसा है। 

किसी पवित्र जगह पर इस तरह की मिलावट करना एक बड़ा अपराध है। बता दें कि, जप्त मावा पेड़ा में मावा था ही नहीं वह रासायनिक केमिकल और रवा से बनाया जा रहा था। इसे मावा पेड़ा लिखकर बेचा जा रहा था। 

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जांच रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई

इस मामले में खाद्य विभाग के अधिकारी मिश्रा ने बताया कि जब्त किए गए प्रसाद को जांच के लिए भेजा जा रहा है। जांच रिपोर्ट 20 से 25 दिनों में मिल जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर दुकान संचालक के विरुद्ध जुर्माने से लेकर आपराधिक केस दर्ज किया जा सकता है। फिलहाल दुकान को सील कर दिया गया है।

महाराष्ट्र नकली मावा मिठाई की दुकान पर छापा जिला कलेक्टर ऋषव गुप्ता ओंकारेश्वर मध्यप्रदेश
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