एमपी में भर्ती के हाल देखिए, विज्ञापन आया तो परीक्षा रूकी, फिर रिजल्ट होल्ड, ये हो गया तो जॉइनिंग अटकी

मध्यप्रदेश में सरकारी भर्ती प्रक्रिया में कई समस्याएं सामने आ रही हैं। विज्ञापन के बाद परीक्षा रुक रही हैं। रिजल्ट अटक रहे हैं। और जॉइनिंग प्रक्रिया भी लंबित है। मुख्यमंत्री मोहन यादव और सीएस अनुराग जैन इसे सुधारने का प्रयास कर रहे हैं।

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Sanjay Gupta
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INDORE. मध्यप्रदेश सरकार के सीएम मोहन यादव प्रदेश में सरकारी भर्ती सिस्टम को दुरुस्त करने में जुटे हैं। अपने कार्यकाल में ढाई लाख भर्ती का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

सीएस अनुराग जैन भी लगातार विभागों को हिदायत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि समय पर डिमांड पीएससी, ईएसबी को भेजी जाए।

इसके बाद भी विभागों का रवैया सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। महीनों तक डिमांड नहीं भेजी जा रही है। हालत यह है कि ग्रुप 4 का रिजल्ट केवल दो विभागों के समय पर शीट नहीं भेजने से दो महीने से अटका है।

ऊपर से 87-13 फीसदी फार्मूला

करेला और नीम चढ़ा, इसी कहावत को मप्र में 2022 से लागू 87-13 फीसदी फार्मूले ने चरितार्थ कर दिया है। हजारों पद और लाखों उम्मीदवारों के भविष्य और रिजल्ट लिफाफे में बंद पड़े हैं।

सुप्रीम कोर्ट में तारीख पर तारीख बढ़वाई जा रही है। साथ ही, अंतिम फैसला अटका हुआ है। जो 87 फीसदी फार्मूले में भी चयनित नहीं हुए, उन्हें कॉपियां नहीं दिखाई जा रही हैं, ना ही नंबर बताए जा रहे हैं। युवा आंदोलन करते हैं तो उन पर प्रतिबंधात्मक धारा में केस लगा कर जेल भेज दिया जाता है।

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पीएससी में दो सदस्यों की नियुक्ति तक नहीं

हालत यह है कि पीएससी जैसी संवैधानिक संस्था चेयरमैन और दो सदस्यों से चल रही है। दो सदस्य हैं ही नहीं। इसके चलते इंटरव्यू बोर्ड केवल तीन बनते हैं। इसमें दोगुना समय लग रहा है।

इससे भर्ती प्रक्रिया और धीमी हो चुकी है। जहां केरल जैसे छोटे राज्य में दर्जन भर सदस्य होते हैं, वहीं मप्र पीएससी में केवल पांच सदस्य का ही प्रावधान है और वह भी अधूरा है।

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भर्ती और पदों के विज्ञापन की हालत देखिए

  1. फूड सेफ्टी ऑफिसर- यह परीक्षा 17 साल बाद हो रही है। पहले इसमें 120 पद थे, लेकिन फिर नई अधिसूचना आई और पद केवल 67 हो गए।

  2. स्टेट इंजीनियरिंग परीक्षा- साल 2024 की इस परीक्षा में केवल 23 पद थे। इसके पहले स्टेट इंजीनियरिंग परीक्षा 2023 में तो पद ही नहीं थे, साल 2022 में केवल 36 पद निकले थे। इसके पहले 2021 में ही 493 पद आए थे।

  3. राज्य सेवा परीक्षा- साल 2025 की राज्य सेवा परीक्षा में केवल 158 पद आए, इसके पहले 2024 में केवल 110 पद थे और इसके पूर्व 2023 में 229 पद थे। हालत यह है कि इसमें आवेदन करने वालों की संख्या पांच सालों में पौने चार लाख से घटकर 1.20 लाख पर आ गई है।

  4. राज्य वन सेवा परीक्षा- राज्य सेवा के साथ ही होने वाली इस परीक्षा में साल 2025 में कोई पद ही नहीं थे, यानी परीक्षा ही नहीं हुई। वन सेवा 2024 में केवल 14 पद थे।

  5. सब इंस्पेक्टर भर्ती- यह परीक्षा भी सात साल बाद 2017 के बाद निकली है। पद केवल 500 हैं। वहीं आयु सीमा छूट भी नहीं है, लाखों आवेदक इंतजार में भी अयोग्य हो गए।

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परीक्षा और रिजल्ट की देरी

  1. ग्रुप 4 का रिजल्ट बना पहेली- परीक्षा होती है तो फिर समस्या आती है रिजल्ट की। ईएसबी के जरिए मई में ली गई ग्रुप 4 की परीक्षा का रिजल्ट पहेली बन गया है। इसे सितंबर अंत में जारी करने की बात हुई थी और अब नवंबर शुरू हो चुका है।

    जानकारी के अनुसार अभी भी दो विभागों से शीट नहीं आई है और इसके लिए एसीएस भी फोन कर चुके हैं और तीन बार रिमाइंडर भी जारी हो चुका है। जब तक यह शीट नहीं आती, रिजल्ट नहीं आएगा।

  2. पीएससी की असिस्टेंट प्रोफेसर 2022- इसकी भर्ती तीन साल से चल रही है। अब जाकर अंतिम बचे विषय कैमिस्ट्री के इंटरव्यू की तारीख घोषित हुई है। अभी भी लाइब्रेरियन, स्पोर्ट्स ऑफिसर के पद के इंटरव्यू बाकी हैं। यानी तीन साल में एक भर्ती पूरी हो रही है। अभी इंटरव्यू के बाद कई विषयों के अंतिम रिजल्ट बाकी हैं।

  3. राज्य सेवा परीक्षा 2023- इस परीक्षा के इंटरव्यू जुलाई- अगस्त में हो चुके हैं। कुल 229 पद हैं। लेकिन प्री के दो सवालों को लेकर लगी रिट अपील पर फैसला रिजर्व होने से मेरिट सूची जारी नहीं हो रही है।

    अब इसी सप्ताह इसमें फैसला अपलोड होने की उम्मीद है, जिससे रिजल्ट जारी हो सकेगा। आयोग फैसला आते ही 48 घंटे के भीतर रिजल्ट दे देगा।

  4. राज्य सेवा परीक्षा 2025- इस परीक्षा की मेंस 9 जून से होनी थी, लेकिन परीक्षा नियम 2015 को लेकर याचिका लगी और इसके बाद मेंस होल्ड हो गई। हाईकोर्ट जब इसके मेंस के शेड्यूल को ओके करेगा, तब आयोग यह करा सकेगा।

    इसमें 158 पद हैं। पांच महीने से उम्मीदवार इंतजार में हैं। हाईकोर्ट से ओके होते ही 35-40 दिन में आयोग मेंस करा लेगा, इसकी तैयारी की जा रही है।

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ये हो गया तो फिर जॉइनिंग के इंतजार में

भर्ती विज्ञापन आ जाए, फिर परीक्षा समय पर हो जाए। इसके बाद रिजल्ट आ जाए तो फिर उम्मीदवारों को इंतजार होता है कि विभागों से उन्हें जॉइनिंग मिल जाए।

  • बिजली कंपनी के चयनित 545 महीनों से जॉइनिंग का इंतजार कर रहे हैं। कारण है कि हाईकोर्ट में कुछ याचिकाएं लगी हैं, इसलिए इनकी जॉइनिंग नहीं दी गई।

  • राज्य सेवा परीक्षा 2022 में चयनित परिवहन उपनिरीक्षक के पदों की जॉइनिंग भी अटकी हुई है। इसमें विभाग का कहना है कि कंप्यूटर में डिप्लोमा जरूरी है, जबकि भर्ती विज्ञापन में शर्त नहीं थी। आयोग कह रहा है कि अभी प्रोविजनल जॉइनिंग दी जाए, फिर इस अवधि में यह डिप्लोमा कर लेंगे। दोनों के बीच चयनित फुटबॉल बन गए हैं।

  • असिस्टेंट प्रोफेसर 2022 के चयनितों को उच्च शिक्षा विभाग ने अधिकांश को जॉइनिंग ही नहीं दी है। तीन साल भर्ती प्रक्रिया के बाद अब यह जॉइनिंग में अटके हैं।

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क्या हो रहा है असर

सबसे बड़ा असर तो युवाओं पर हो रहा है। मानसिक तनाव में हैं। इंदौर में खर्चे नहीं उठाने के चलते वापस गांव और अपने शहर लौट रहे हैं। भर्ती इंतजार में उम्र सीमा पार हो रही है। गिनती के पद आने से प्रतियोगिता बहुत टफ होती जा रही है।

युवाओं के अभिभावक अपने बच्चों की चिंता से परेशान हैं। रोज के 400-500 कमाने वाले अभिभावक समझ नहीं पा रहे हैं कि वह बच्चों को कैसे और कब तक पढ़ाएं।

इंदौर की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। बच्चों के कम आने से 80 फीसदी कोचिंग बंद हो चुकी हैं। बाकी को भी फैकल्टी को वेतन देने के लाले पड़ रहे हैं। टिफिन सेंटर, होस्टल की भी हालत खराब हो रही है।

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