ओबीसी आरक्षणः सुप्रीम कोर्ट में MPPSC की 87-13% चयन नीति पर घमासान, 9 नवंबर को फिर होगी अहम सुनवाई

MPPSC की भर्ती प्रक्रिया में 87% पद भर दिए गए, लेकिन 13% पर रोक है। रिजर्वेशन और मेरिट विवादों के चलते ओबीसी आरक्षण मामला सुप्रीम कोर्ट में है। राज्य सरकार ने कई बार समय मांगा है। वहीं अब 9 नवंबर को इसकी अहम सुनवाई होगी।

author-image
Neel Tiwari
New Update
mppsc‑87‑13‑selection‑policy‑supreme‑court
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

JABALPUR. मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की चयन परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 17 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी। इन परीक्षाओं में लागू 87-13% के फार्मूले और मेरिट सूची में कथित गड़बड़ियों पर याचिका दायर की गई थी।

वहीं, अब इसका आदेश सामने आ गया है। ये याचिकाएं अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवारों ने लगाई थीं। इसकी सुनवाई चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच में हुई थी।

मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि सभी आरक्षण से जुड़े मामलों को एक साथ सुना जाए। वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील रामेश्वर ठाकुर और वरुण ठाकुर ने अलग सुनवाई की मांग की थी। अब मामले में अगली सुनवाई 9 नवंबर 2025 को जस्टिस नरसिम्हा की बेंच में तय की गई है।

सभी आरक्षण मामलों की हो एक साथ सुनवाई- एसजी

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मध्य प्रदेश में आरक्षण से जुड़े कई मामले पहले से ही सुप्रीम कोर्ट की दूसरी बेंच में लंबित हैं, इसलिए इन याचिकाओं की सुनवाई अलग से न की जाए। उन्होंने T.P.(C) No. 1120/2023 (अब T.C.(C) No. 12/2025) का हवाला देते हुए इन याचिकाओं को उसी के साथ जोड़ने का मांग की।

याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर अधिवक्ता अजीत एस. भस्मे, रामेश्वर सिंह ठाकुर और वरुण ठाकुर ने इस पर आपत्ति जताते हुए तीखा विरोध दर्ज कराया। उनका कहना था कि यह मामला EWS आरक्षण से संबंधित है, जबकि वर्तमान याचिकाएं OBC और SC आरक्षण नीति की असंवैधानिकता से जुड़ी हैं। वहीं, इनका कोई सीधा संबंध नहीं है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के तथ्य सही मानते हुए इन सभी मामलों को एक साथ टैग कर दिया है।

ये खबर भी पढ़िए...MPPSC राज्य सेवा परीक्षा 2023 के रिजल्ट के लिए द सूत्र ने की ऐसी पहल

अब 9 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने SLP (C) 8764/2023 और SLP (C) 12398/2023 को T.C.(C) No. 12/2025 के साथ लिंक कर दिया है। इसकी सुनवाई अब 9 नवंबर 2025 को जस्टिस नरसिम्हा की बेंच में तय की गई है।

यह सुनवाई बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि इसी के साथ मध्य प्रदेश में EWS और ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) व्यवस्था की संवैधानिकता पर सुप्रीम कोर्ट का रुख स्पष्ट हो सकता है।

ये खबर भी पढ़िए...MPPSC असिस्टेंट प्रोफेसर 2024 के रिजल्ट की राह खुली, हाईकोर्ट ने दी मंजूरी, अब रिजल्ट कब

हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा विवाद

यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब आयोग ने राज्य प्रशासनिक सेवा भर्ती परीक्षा 2019 में परिपत्र के आधार पर 87-13% का फार्मूला लागू किया था। यह फार्मूला आयोग ने 29 सितंबर 2022 को GAD के जरिए जारी किया था। इस नीति का कई अभ्यर्थियों ने विरोध किया।

दीपक कुमार पटेल और हरिशंकर बरोदिया ने इसके खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में दो याचिकाएं (WP/24847/2022 और WP/24247/2022) दायर की थी। हालांकि, इसमें जस्टिस शील नागू और जस्टिस वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने चयन प्रक्रिया में दखल देने से मना कर दिया। साथ ही, याचिकाएं खारिज कर दीं। इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।

ये खबर भी पढ़िए...MP News: MPPSC राज्य सेवा परीक्षा 2025 मेंस के उम्मीदवारों के लिए निराश करने वाली खबर

सरकार पर निपटारे में देरी के आरोप

याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि मध्य प्रदेश सरकार जानबूझकर सुनवाई टालने का प्रयास कर रही है। प्रेस नोट के अनुसार, सरकार ने अब तक हाईकोर्ट में 72 बार और सुप्रीम कोर्ट में 15 बार अतिरिक्त समय मांगा है ताकि बहस की तैयारी की जा सके। वहीं, सरकार की ओर से दलील दी जा रही है कि मामला अत्यंत जटिल है। साथ ही, विभिन्न आरक्षण वर्गों के अधिकारों पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है।

ये खबर भी पढ़िए...MPPSC-ESB के 13 फीसदी पद अनहोल्ड होने से खुलेगा 10 हजार नियुक्तियों का रास्ता !

राज्य की भर्ती प्रक्रिया फिलहाल 87-13% फार्मूले पर जारी

मध्य प्रदेश सरकार अपनी सभी नई भर्ती विज्ञप्तियों में 87-13% फार्मूले को लागू रखे हुए है। सुप्रीम कोर्ट में लंबित SLP (C) 8764/2023 और 12398/2023 का प्रत्येक विज्ञापन में संदर्भ दिया जा रहा है। अब सभी अभ्यर्थियों की निगाहें आने वाली 9 नवंबर की सुनवाई पर टिकी हुई हैं।

जस्टिस बीआर गवई mppsc सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ओबीसी आरक्षण OBC RESERVATION मध्य प्रदेश सरकार मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग मध्यप्रदेश MP News सुप्रीम कोर्ट
Advertisment