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BHOPAL. मध्य प्रदेश में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण की लड़ाई और भी खिंचती नजर आ रही है। मामले अब हाईकोर्ट से होकर सुप्रीम कोर्ट में उलझ गए हैं। ऐसे में नुकसान उन अभ्यर्थियों का हो रहा है जो तीन सालों से 87-13 की पहेली में फसकर रह गए हैं। न तो उन्हें भर्ती परीक्षा के परिणाम का पता लग पा रहा है और न नियुक्तियां मिल रही हैं। ऐसे में एक लाख से ज्यादा युवा सरकार की टालमटोल और कोर्ट में जारी लंबी सुनवाई से निराशा में डूब रहे हैं।
साल 2023 से 2025 के बीच मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की 28 जबकि कर्मचारी चयन मंडल की 26 यानी कुल 54 भर्ती परीक्षाओं में 101,357 से ज्यादा युवाओं का भविष्य अटका है। वहीं 10,217 से अधिक पदों को होल्ड रखने से सरकार के विभागों की कार्यशीलता भी प्रभावित हो रही है।
ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण पर कानूनी और सियासी लड़ाई साल 2019 से चली आ रही है, यानी छह साल से मामले की जलेबी बन रही है। अब पूरे प्रदेश में ओबीसी आरक्षण देने और 13 फीसदी होल्ड पदों को अनहोल्ड करने की मांग तेज हो गई है। ओबीसी महासभा जहां सरकार पर आरक्षण को लेकर दबाव बना रही है वहीं युवा अभ्यर्थी पदों को होल्ड करने की गुहार लगा रहे हैं। बढ़ते दबाव के बाद पिछली सुनवाई के दौरान पहली बार सरकार का रुख बदला नजर आया था। सरकार ने तब सुप्रीम कोर्ट से ओबीसी आरक्षण में राहत मांगी थी। हांलाकि मामला कानूनी प्रक्रिया में उलझा हुआ है इस वजह से राहत मिलना आसान नहीं है। वहीं सरकारी नौकरी की आस लगाए युवा अभ्यर्थी सरकार की ओर 13 फीसदी होल्ड पदों पर नियुक्ति शुरू करने की आस लगाए देख रहे हैं।
MPPSC : कुल प्रभावित परीक्षाएं - 28 होल्ड पद - 942 प्रभावित अभ्यर्थी - 5,485 MPESB : कुल प्रभावित परीक्षाएं - 26 होल्ड पद - 9,275 प्रभावित अभ्यर्थी - 95,872 |
10 हजार पदों पर 13% होल्ड का ग्रहण
मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर खड़े हुए 87-13 फार्मूले का बवंडर थम नहीं रहा है। इस विवाद और कानूनी पचड़े के बाद मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल द्वारा 54 भर्ती परीक्षाओं का आयोजन किया जा चुका है। इन भर्ती परीक्षाओं में 13 फीसदी होल्ड की पाबंदी में 10 हजार से ज्यादा पदों पर नियुक्तियां अटक गई हैं क्योंकि इनका परिणाम ही घोषित नहीं हुआ है। इन पदों के होल्ड होने की वजह से एक लाख से ज्यादा अभ्यर्थी असमंजस में है कि आखिर परिणाम क्या होगा। वहीं यह भी स्पष्ट नहीं है कि नियुक्ति टलने के दौरान ओवरएज होने की स्थिति में सरकार का रुख क्या होगा।
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सरकार ने रुख बदला फिर साधी चुप्पी
ओबीसी आरक्षण के विवाद को रोकने के लिए सरकार ने जिस 87-13 फार्मूले को अपनाया था अब वह प्रदेश के युवाओं की मुसीबत बन चुका है। हर साल हजारों पदों पर परिणाम होल्ड होने से अभ्यर्थी निराशा का शिकार हो रहे हैं। इन युवाओं को महीनों की तैयारी के बाद परीक्षा देने के बावजूद परिणाम का ही पता नहीं चल पा रहा है।
ऐसे में उनका मनोबल भी टूट रहा है। हालांकि 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान पहली बार प्रदेश सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भर्ती परीक्षाओं में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर राहत मांगी है। अभ्यर्थियों को 13 फीसदी होल्ड पदों को अनहोल्ड कर उन पर नियुक्तियां शुरू होने की उम्मीद जागी थी लेकिन दो माह से सरकार की चुप्पी ने उन्हें फिर चिंता में डाल दिया है।
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कानूनी रोक नहीं फिर भी रोकीं नियुक्ति
मध्य प्रदेश में जिस 87- 13 फीसदी फार्मूले के तहत पदों को होल्ड किया जा रहा है उसकी वैधानिकता पर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं। कानून के जानकार वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है कि इस फार्मूले के तहत 13 फीसदी पदों को होल्ड किया जा रहा है, जबकि ऐसी कोई रोक किसी न्यायालय ने नहीं लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट भी नियुक्तियों को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर चुका है। बीते सालों में 13 फीसदी होल्ड रिजल्ट के तहत सरकार चाहे तो उन पदों पर नियुक्ति कर सकती है। इन पदों हो होल्ड बताकर अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम रोकना न्यायसंगत नहीं है।
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एमपीपीएससी की इन भर्ती परीक्षाओं में होल्ड हैं नियुक्तियां
भर्ती परीक्षा 13% होल्ड पद प्रभावित अभ्यर्थी
राज्य सेवा परीक्षा 2019 87 250
राज्य सेवा परीक्षा 2020 39 120
राज्य वन सेवा परीक्षा 2020 15 45
राज्य सेवा परीक्षा 2021 44 120
राज्य वन सेवा परीक्षा 2021 13 40
राज्य सेवा परीक्षा 2022 52 150
राज्य वन सेवा परीक्षा 2022 02 10
राज्य सेवा परीक्षा 2023 25 75
राज्य सेवा परीक्षा 2024 13 40
राज्य सेवा परीक्षा 2025 17 50
राज्य वन सेवा परीक्षा 2024 01 05
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2022 120 400
असिस्टेंट रजिस्ट्रर भर्ती 2022 01 05
असिस्टेंट इंजीनियर भर्ती 2021 58 180
मेडकिल ऑफिसर भर्ती 90 270
टैक्सेशन असिस्टेंट भर्ती 13 40
असिस्टेंट इंजीनियर भर्ती 2020 08 25
आईटीआई प्रिंसिपल 2023 29 90
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2024 250 750
फूड सेफ्टी ऑफिसर 2025 03 10
एडीपीओ भर्ती 33 120
खनिज निरीक्षक 2025 01 800
जिला लोक स्वास्थ्य नर्स 02 500
परिवहन उपनिरीक्षक 2024 05 1000
असिस्टेंट मैनेजर(हेल्थ)2024 09 250
पशु चिकित्सा सहायक 2023 10 100
सहायक संचालक ग्रामोद्योग2023 01 20
असिस्टेंट जिओलॉजिस्ट2023 01 15
कुल प्रभावित परीक्षाएं : 28 कुल होल्ड पद : 942 कुल प्रभावित अभ्यर्थी : 5,485
कर्मचारी चयन मंडल की इन भर्तियों में भी 13 फीसदी पद होल्ड
भर्ती परीक्षा का नाम 13% होल्ड पद प्रभावित अभ्यर्थी
पुलिस आरक्षक भर्ती 2023 965 7500
एएनएम स्टाफा नर्स भर्ती 2023 600 9000
वनरक्षक-जेलप्रहरी भर्ती 2022/23 250 3750
समूह-4 सहायक ग्रेड स्टेनो 2023 300 4500
समूह-2,3 स्वच्छता निरीक्षक 2022 45 175
आईटीआई ट्रेनिंग ऑफिसर 2022 40 100
आईटीआई ट्रेनिंग ऑफिसर 2024 57 855
उमा शिक्षक भर्ती वर्ग-1 2023 514 7500
उमा शिक्षक भर्ती वर्ग-1 2018 911 911
शिक्षक भर्ती वर्ग-2 2018 573 573
शिक्षक भर्ती वर्ग-3 2020 882 882
कृषि विस्तार अधिकारी 241 3615
महिला पर्यवेक्षक भर्ती 83 1245
समूह-1, 2 भर्ती 2024 26 376
आबकारी आरक्षक 2024 36 600
सब इंजीनियर भर्ती 2024 33 495
सहायक ग्रेड-3 स्टेनो 2024 78 1170
स्टाफ नर्स 2024 99 1500
सहकारी बैंक भर्ती 150 2250
बिजली विभाग भर्ती 2024 352 5280
बिजली विभाग भर्ती 2025 81 1215
माशि भर्ती 2024 823 14000
प्राशि चयन परीक्षा 2025 1011 16880
पुलिस आरक्षक भर्ती 2025 975 8000
पुलिस एएसआई-सूबेदार (स्टेनोग्राफर) 75 1000
एसआई-सूबेदार भर्ती 75 1000
कुल प्रभावित परीक्षाएं : 26 कुल होल्ड पद : 9,275 कुल प्रभावित अभ्यर्थी : 95,872
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विभागों को नियुक्तियों का इंतजार
एक ओर जहां मध्य प्रदेश में लाखों युवा बेरोजगारी से बेहाल हैं और सरकारी नौकरियां की तैयारी कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भर्ती निकलने के बाद भी 87-13% फार्मूले के नाम पर पदों को होल्ड बताया जा रहा है। बीते तीन सालों में कर्मचारी चयन मंडल और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 54 परीक्षाओं का आयोजन किया गया है। इनमें 10,217 पदों पर परिणाम होल्ड है। इसका खामियाजा इन परीक्षाओं में शामिल होने वाले एक डेढ़ से दो लाख युवाओं को भुगतना पड़ रहा है। वहीं विभागों में भी नियुक्ति न होने की वजह से कर्मचारियों की कमी पूरी नहीं हो पा रही है। इसका असर प्रशासनिक मशीनरी की सुस्ती के रूप में भी दिख रहा है।