हाईकोर्ट ने MPPSC से सीलबंद लिफाफे में मांगा असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती का रिजल्ट

जबलपुर हाईकोर्ट ने MPPSC असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा 2022 मामले में निर्देश दिए। दरअसल एक CA कैंडिडेट की उम्मीदवारी रिजेक्ट की गई । कोर्ट ने आयोग को रिजल्ट सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

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Neel Tiwari
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Photograph: (thesootr)

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Jabalpur. MPPSC की तरफ से आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा 2022 में एक CA कैंडिडेट की उम्मीदवारी रिजेक्ट की गई। जबलपुर हाईकोर्ट ने इस मामले पर अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने 27 अक्टूबर को आयोग को निर्देश दिया है। कोर्ट ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग से कहा है कि रिजल्ट को सीलबंद लिफाफे में पेश करे। इससे उम्मीदवार की चयन स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

सीए डिग्री पोस्ट ग्रेजुएशन के बराबर

राजस्थान निवासी चार्टर्ड अकाउंटेंट उदित त्रिवेदी ने याचिका दायर कर कहा कि वे एक योग्य सीए हैं और उनके पास वैध प्रमाणपत्र है। उन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर (कॉमर्स) परीक्षा, 2022 के लिए आवेदन किया था। बाकायदा परीक्षा दी और वह पास भी हुए।

उनके नाम का उल्लेख 87% (भाग-ए) सूची में भी हुआ था। इसके बावजूद आयोग ने 10 मार्च 2025 को जारी आदेश से उनकी उम्मीदवारी रिजेक्ट कर दिया था। साथ ही कहा गया था कि वे कॉमर्स में पोस्ट ग्रेजुएट की आवश्यक योग्यता वाली शर्त पूरी नहीं करते।

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यूजीसी के निर्देश भी नहीं मान रहा MPPSC

सुनवाई के दौरान MPPSC ने यह दलील दी। कुछ मामलों में चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिग्री पोस्ट ग्रेजुएशन के समकक्ष मानी जा सकती है। यह सभी मामलों में लागू नहीं होती। हालांकि, चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने इस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया। दरअसल UGC ने 15 अप्रैल 2021 को जारी अपने सर्कुलर में स्पष्ट किया है कि CA/CS/ICWA योग्यता को स्नातकोत्तर डिग्री के समकक्ष माना जाएगा। ऐसे उम्मीदवार को केवल इस आधार पर रिजेक्ट नहीं किया जा सकता कि वह पारंपरिक एमकॉम डिग्रीधारी नहीं है।

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आगे की सुनवाई में तय होगा परिणाम

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने कोर्ट से अनुरोध किया कि MPPSC को निर्देश दिया जाए कि वह परिणाम जारी करे। ताकि याचिकाकर्ता की स्थिति स्पष्ट हो सके। कोर्ट ने कहा कि पहले आयोग सीलबंद लिफाफे में रिजल्ट कोर्ट में पेश करे। इसके बाद यह तय किया जाएगा कि मामले की आगे की सुनवाई की जरूरत है या नहीं। 

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6 नवंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई

अब इस मामले की सुनवाई 6 नवंबर तय की गई है। इस मामले में अगली सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी। क्योंकि यह फैसला न केवल उदित त्रिवेदी के लिए बल्कि उन सैकड़ों चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के लिए भी मिसाल बन सकता है जो असिस्टेंट प्रोफेसर जैसे पदों पर अवसर की उम्मीद रखते हैं।

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CA को पोस्ट ग्रेजुएट के बराबर मानने पर अलग-अलग नॉर्म्स

चार्टर्ड अकाउंटेंट को पोस्ट ग्रेजुएट के समकक्ष मानने के लिए अलग-अलग यूनिवर्सिटी और विभागों में अलग-अलग नॉर्म्स है। उदाहरण के तौर पर 16 मार्च 2021 को ICAI के द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार CA को पीजी के समकक्ष माना गया है। वहीं, इंदौर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय भी CA को पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेस के समकक्ष मानता है। UGC के पत्र पर हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद यह उम्मीद है कि यह अलग-अलग नॉर्म्स पूरे मध्य प्रदेश में एक से हो जाएंगे।

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