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Photograph: (THESOOTR)
NEW DELHI. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि क्या जिला जजों की रिटायरमेंट उम्र 60 से बढ़ाकर 61 साल की जानी चाहिए।
यह मामला मध्य प्रदेश जज एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया। एसोसिएशन ने कोर्ट से न्यायिक सेवा में समानता के लिए रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने की अपील की है।
जज एसोसिएशन ने रखी समानता की मांग
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट और देश के अन्य कई राज्यों में न्यायिक अधिकारियों के लिए अलग-अलग रिटायरमेंट उम्र तय की गई है। इस असमानता को खत्म करने के लिए यह जरूरी है कि जिला जजों की सेवा अवधि भी बढ़ाई जाए।
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि न्यायिक सेवा में अनुभव एक बहुत महत्वपूर्ण तथ्य है, और अनुभवी जजों को सेवा में एक साल और बनाए रखना न्यायिक प्रणाली के लिए भी लाभ देने वाला होगा।
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14 नवंबर को होगी मामले की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की डिविजनल बेंच ने फिलहाल मध्य प्रदेश हाईकोर्ट और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस मुद्दे पर उनके विचार मांगे हैं। कोर्ट ने कहा कि इस विषय पर नीति-निर्माण से पहले राज्य का पक्ष सुनना जरूरी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को तय की गई है।
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न्यायिक प्रणाली में बड़ा असर संभव
यदि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका को मंजूरी देता है, तो यह फैसला न सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि अन्य राज्यों की न्यायिक सेवाओं पर भी असर डाल सकता है। रिटायरमेंट उम्र बढ़ने से अदालतों में अनुभवी जजों की संख्या बनी रहेगी, जिससे मामलों के निपटारे की गति और गुणवत्ता दोनों में सुधार की उम्मीद है।
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