संजय गुप्ता, INDORE. कांग्रेस मुक्त होते इंदौर से दो और नेताओं के बीजेपी में जाने की खबरें तेज हैं। इसमें एक पूर्व विधायक महू के अंतर सिंह दरबार हैं, हालांकि यह विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से कांग्रेस से बाहर हो चुके हैं और दूसरा नाम पंकज संघवी का है, जो कांग्रेस के टिकट पर विधायक, सासंद सभी चुनाव लड़ चुके हैं।
द सूत्र से यह बोले दोनों नेता
दरबार से द सूत्र ने गुरुवार ( 14 मार्च ) को बीजेपी में जाने की संभावना पर कहा कि कल तो नहीं जा रहा हूं। जब पूछा गया तो फिर कब ? इस पर दरबार ने कहा कि मैं आपको बता दूंगा, लेकिन कल तो नहीं जा रहा हूं।
इसी तरह पंकज संघवी से जब गुरुवार को बीजेपी में जाने की खबरों पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कल तो इंदौर में ही हूं, कल तो कहीं नहीं जा रहा हूं। जब उनसे भी पूछा गया कि फिर कब जा रहे हैं बीजेपी में ? इस पर उन्होंने कहा कि आगे-पीछे हो सकता है, लेकिन कल तो कोई प्रोग्राम नहीं है।
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दरबार कांग्रेस के टिकट पर पांच बार लड़ चुके चुनाव
दरबार महू में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक रहे हैं। उन्होंने 1998, 2003 में चुनाव जीता और विधायक बने, लेकिन साल 2008, 2013 और 2018 में लगातार तीन बार चुनाव हार गए। इसके बाद कांग्रेस ने 2023 में यहां से बीजेपी से कांग्रेस में आए रामकिशोर शुक्ला को टिकट दिया। इससे नाराज होकर दरबार ने कांग्रेस छोड़ी और निर्दलीय चुनाव लड़ा। वह चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी उषा ठाकुर के बाद दूसरे नंबर पर रहे और कांग्रेसी शुक्ला तीसरे नंबर पर रहे। बाद में कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से बाहर भी कर दिया।
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संघवी विधायक से लेकर महापौर, सांसद का चुनाव लड़ चुके
संघवी कांग्रेस के टिकट पर केवल एक चुनाव जीते वह भी 1983 में जब वह पार्षद चुने गए। इसके बाद 1998 में लोकसभा का चुनाव 49 हजार वोट से हारे। फिर 2013 में महापौर का चुनाव लड़ने का मौका मिला, तब बीजेपी के कृष्णमुरारी मोघे से चार हजार वोट से हार गए। इसी साल 2013 इंदौर विधानसभा पांच से विधानसभा चुनाव हारे और फिर 2019 में शंकर लालवानी ने सांसद के चुनाव में 5.47 लाख वोट से हराया। संघवी पर कुछ समय पहले भंवरकुआं थाने में 35 करोड़ की जमीन के कब्जे के मामले में एफआईआर भी दर्ज हुई है।
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