मध्य प्रदेश में पहली से 12वीं कक्षा तक के छात्रों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने के लिए APAAR (Automated Permanent Academic Account Registry) आईडी बनाई जाएगी। राज्य सरकार ने केंद्र की वन नेशन-वन स्टूडेंट पॉलिसी के तहत इस प्रक्रिया को अगले शिक्षा सत्र से अनिवार्य करने की तैयारी की है।
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आईडी बनाने जारी किए निर्देश
इस आईडी को बनाने के लिए राज्य शिक्षा केंद्र और लोक शिक्षण आयुक्त कार्यालय ने सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। वन नेशन वन स्टूडेंट(One Nation-One Student) पॉलिसी के तहत यह आईडी बनाने का काम किया जाएगा। राज्य शिक्षा केंद्र के माध्यम से आईडी बनवाने का काम कक्षा 1 से कक्षा 8 तक अध्ययनरत सभी शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में कराया जाएगा। वहीं, कक्षा 9 से 12वीं क्लास तक के स्टूडेंट्स के मामले में यह काम लोक शिक्षण आयुक्त कार्यालय द्वारा किया जाएगा।
प्रदेश में करीब 1400 सीबीएसई स्कूल हैं, जिनमें लगभग 2.25 लाख से 2.5 लाख छात्र अध्ययनरत हैं। इन छात्रों के लिए भी अपार आईडी बनाई जाएगी। यह प्रक्रिया आगामी शिक्षा सत्र से पहले पूरी करने का लक्ष्य है।
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आईडी बनाने की प्रक्रिया
प्रदेश में 9 और 10 दिसंबर को अपार आईडी जनरेट करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
• लॉगिन प्रक्रिया: प्रभारी शिक्षक एसडीएमएस पोर्टल पर अपने स्कूल की यूजर आईडी से लॉगिन कर स्टूडेंट प्रोफाइल अपडेट करेंगे।
• अपार मॉड्यूल: इस मॉड्यूल का उपयोग करके सभी छात्रों की यूनिक अपार आईडी बनाई जाएगी।
• पैरेंट्स-टीचर मीटिंग: पहले अभिभावकों को जानकारी देने के लिए जिलों में बैठकें आयोजित होंगी।
• गार्जियंस की सहमति: सहमति मिलने के बाद ही छात्रों की आईडी जनरेट की जाएगी।
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किस- किसको जिम्मेदारी
• कक्षा 1-8 के लिए राज्य शिक्षा केंद्र।
• कक्षा 9-12 के लिए लोक शिक्षण आयुक्त कार्यालय।
FAQ
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