20 रुपए में मरीजों का इलाज करने वाले पद्मश्री डॉ. MC डावर का निधन

पद्मश्री डॉ. MC डावर का निधन हो गया है। उनका निधन चिकित्सा जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी गरीब और जरूरतमंद मरीजों की सेवा में समर्पित की है।

author-image
Amresh Kushwaha
New Update
padmasri-dr-mc-dawar-death
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

देश के ख्यातिप्राप्त चिकित्सक (doctor) और 20 रुपए में मरीजों का इलाज करने वाले पद्मश्री डॉ. MC डावर का शुक्रवार (4 जुलाई) सुबह निधन हो गया। इसकी जानकारी जबलपुर कलेक्टर ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर दी है।

डॉ. डावर ने अपने जीवन को गरीब और जरूरतमंद मरीजों (patients) की सेवा के लिए समर्पित किया। उन्हें इन्ही नि:स्वार्थ चिकित्सा सेवा (medical service) के लिए भारत सरकार (Indian government) ने पद्मश्री (Padma Shri) से सम्मानित किया था। उनका निधन न केवल जबलपुर (Jabalpur) बल्कि पूरे देश के चिकित्सा जगत (medical world) के लिए एक बड़ी क्षति है।

ये खबर भी पढ़िए...कौन हैं ये मुनीश चंद्र डावर, जिनसे पीएम मोदी जबलपुर में मिलकर हो गए गदगद

जबलपुर कलेक्टर ने किया ट्वीट

जबलपुर कलेक्टर ने ट्वीट कर लिखा कि जबलपुर के ख्यातिलब्ध चिकित्सक पद्मश्री डॉ मुनीश्वर चंद्र डावर का आज 79 वर्ष में सुबह 9.30 बजे देवलोकगमन हो गया है। डॉ. डावर को उनके उत्कृष्ट चिकित्सकीय योगदान के कारण भारत सरकार ने 2023 में पद्मश्री से सम्मानित किया था।

भारत-पाक युद्ध के दौरान जवानों का किया था इलाज

डॉ. डावर ने 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान बांग्लादेश (Bangladesh) में तैनात रहते हुए सैकड़ों घायल सैनिकों का इलाज किया। उस समय, भारतीय सेना में कैप्टन (Captain) के रूप में उनकी सेवा एक अनमोल योगदान था। युद्ध के बाद, स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्होंने जल्दी रिटायरमेंट लिया था।

ये खबर भी पढ़िए...उमरिया की जोधइया बैगा, झाबुआ के रमेश और शांति परमार और जबलपुर के डॉ. मुनीश्वर चंद डावर को पद्मश्री पुरस्कार

जबलपुर में की थी नई शुरुआत

रिटायरमेंट के बाद, डॉ. डावर ने 1972 में जबलपुर (Jabalpur) के मदन महल इलाके में एक छोटी सी क्लिनिक खोली। यहां उन्होंने अपनी प्रैक्टिस शुरू की। यहां से उनकी यात्रा शुरू हुई। इस क्लिनिक ने उन्हें न केवल एक डॉक्टर, बल्कि समाज के एक मसीहा (Savior) के रूप में स्थापित किया।

जबलपुर से ली थी MBBS की डिग्री

डॉ. डावर का जन्म 1946 में पाकिस्तान (Pakistan) के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनकी जिंदगी में संघर्षों की कोई कमी नहीं थी। खासकर जब उनके पिता का निधन 1.5 साल की उम्र में हो गया। फिर भी, परिवार के सहयोग से उन्होंने पंजाब (Punjab) के जालंधर में अपनी पढ़ाई की और बाद में जबलपुर से एमबीबीएस (MBBS) की डिग्री हासिल की।

उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि सेना में भर्ती के लिए एग्जाम देने के बाद, केवल 23 उम्मीदवारों का चयनित हुए थे। उनमें चयनित उम्मीदवारों में वे 9वें नंबर पर आए थे।

ये खबर भी पढ़िए...पद्म पुरस्कारों की घोषणा: एमपी के डॉ. मुनीश्वर चंदर डावर समेत 91 हस्तियों को मिला पद्मश्री, छत्तीसगढ़ के तीन लोगों को भी सम्मान

2 रुपए में करते थे मरीजों इलाज

1986 तक, डॉ. डावर मरीजों से केवल 2 रुपए की फीस लेते थे। इसके बाद, उन्होंने फीस बढ़ाई, लेकिन वह हमेशा यह तय करते थे कि इलाज की लागत गरीबों के लिए भी सुलभ रहे। 2012 में, उन्होंने फीस में थोड़ी वृद्धि करते हुए 20 रुपए प्रति मरीज करना शुरू किया। उनके जरिए प्रदान की गई चिकित्सा सेवाएं न केवल किफायती थीं, बल्कि वह हमेशा मरीजों के प्रति अपनी निष्ठा और संवेदनशीलता दिखाते थे।

रोजाना 200 मरीजों का करते थे इलाज

डॉ. डावर पिछले कई सालों से हफ्ते के 6 दिन रोजाना 200 मरीजों (200 Patients) का इलाज करते थे। उनके पास न केवल जबलपुर, बल्कि दूर-दराज के इलाकों से भी लोग इलाज के लिए आते थे। डॉ. डावर का जीवन न केवल चिकित्सा सेवा का प्रतीक है, बल्कि यह समर्पण और कठिनाइयों से संघर्ष की एक प्रेरक कहानी भी है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃

🤝💬👩‍👦👨

डॉक्टर मुनीश्वर चंदर डावर | डॉ. मुनीश्वर चंद डावर | मुनीश चंद्र डावर | MP News पद्मश्री सम्मान | Padma Shri award

MP News MP Jabalpur जबलपुर मध्य प्रदेश Padma Shri award डॉ. मुनीश्वर चंद डावर डॉक्टर मुनीश्वर चंदर डावर पद्मश्री सम्मान मुनीश चंद्र डावर