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Photograph: (THESOOTR)
बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन एकता पदयात्रा का रविवार, 9 नवंबर को तीसरा दिन था। यात्रा फरीदाबाद के दशहरा मैदान से शुरू हुई और धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूकता फैलाने का उद्देश्य रखा।
इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू समाज से भारतीय सेना को दान देने की अपील की, ताकि पाकिस्तान पर हमला करने के लिए संसाधन जुटाए जा सकें। सनातन एकता के उद्देश्य से निकाली जाने वाली इस पदयात्रा में भक्तों का उत्साह और अपार श्रद्धा देखने को मिल रही है।
पदयात्रा का उद्देश्य
बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री की सनातन एकता पदयात्रा 9 नवंबर को हरियाणा के फरीदाबाद से शुरू हुई। यह यात्रा समाज में सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने और हिंदू एकता को मजबूत करने का उद्देश्य रखती है। शास्त्री ने यात्रा के दौरान लोगों से अपील की कि वे अपनी सुरक्षा और देश की रक्षा में योगदान करें, खासकर भारतीय सेना को दान देने के रूप में।
धीरेंद्र शास्त्री की मुख्य बातें
धीरेंद्र शास्त्री ने यात्रा के दौरान हिंदू समाज को एकजुट होने और अपने धार्मिक अधिकारों के प्रति जागरूक होने की बात की। उन्होंने कहा, “हमारा देश सनातनियों का है, और धर्म को बचाए रखने के लिए हमें एकजुट होना होगा।” इसके अलावा, उन्होंने भारतीय सेना को दान देने की अपील करते हुए कहा कि इससे पाकिस्तान को उड़ा पाने के लिए जरूरी संसाधन जुटाए जा सकेंगे।
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हिंदू राष्ट्र की अवधारणा
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में यह यात्रा एक कदम है। वे चाहते हैं कि देश के हर नागरिक में हिंदू पहचान और संस्कृति की रक्षा करने की भावना जागृत हो। शास्त्री ने विशेष रूप से तीन राज्यों में यह पदयात्रा आयोजित की है, ताकि यह संदेश प्रत्येक हिंदू तक पहुंचे कि वे सनातन संस्कृति की नींव को मजबूत करें।
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धीरेंद्र शास्त्री का बयान
यात्रा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी कहा कि हिंदू समाज को भारतीय सेना को पैसा दान करना चाहिए, ताकि अधिक गोला-बारूद और रक्षा सामग्री जुटाई जा सके, जो पाकिस्तान के खिलाफ देश की सुरक्षा को मजबूत करेगी। इस बयान पर राजनीति और समाज में गहमा-गहमी मच गई, लेकिन शास्त्री ने इसे अपने देश की रक्षा के पक्ष में एक सशक्त कदम बताया।
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यात्रा के दौरान घटनाएं
यात्रा के दौरान एक युवक ने सुरक्षा घेरे को तोड़ा और शास्त्री की ओर बढ़ने की कोशिश की। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया, लेकिन शास्त्री ने उसे पास बुलाकर बताया कि वह एक भक्त है और उसे छोड़ दिया। इस घटना से यात्रा में माहौल में हलचल उत्पन्न हुई, लेकिन शास्त्री ने इसे शांति से निपटाया।
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यात्रा का बताया उद्देश्य
यह पदयात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन बन चुकी है। शास्त्री का उद्देश्य हिंदू समाज को अपनी संस्कृति और धर्म के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने देश के प्रत्येक हिस्से में सनातन धर्म के महत्व को बढ़ावा देने का संकल्प लिया और भविष्य में ऐसे और कार्यक्रमों का आयोजन करने का इरादा व्यक्त किया।
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